पुरुषों की तुलना में महिलाओं को क्यों ज्यादा परेशाान करता है गठिया ?
(मनोज इष्टवाल)
आर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में दर्द बना रहता है। ये ऐसी समस्या है जो काफी परेशान करती है. पुरुषों की तुलना में आर्थराइटिस महिलाओं के लिए ज्यादा जोखिम भरा होता है। महिलाओं को अक्सर अलग-अलग जॉइंट्स पेन भी होता है। उनके जोड़ों में अक्सर दर्द बना रहता है. जिससे वे परेशान रहते हैं। आइए जानते हैं आखिर पुरुषों की बजाय महिलाओं को आर्थराइटिस ज्यादा क्यों परेशान करती है…
महिलाओं में आर्थराइटिस क्यों होता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। इसका सबसे बड़ा कारण बढ़ती उम्र भी है. आर्थराइटिस के 100 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार हो सकते हैं। इन सभी के अपने जोखिम कारण और लक्षण हो सकते हैं। महिलाएं ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड आर्थराइटिस से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. ज्यादातर पुरुष 55 साल की उम्र से पहले गठिया से परेशान होते हैं, जबकि महिलाएं तेजी से इसकी चपेट में आती हैं। उनकी संख्या पुरुषों से काफी ज्यादा होती है. गठिया से पीडि़त महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा दर्द सहती हैं।
महिलाओं में आर्थराइटिस बढऩे के 5 कारण
चौड़े हिप्स
डॉक्टर के मुताबिक, महिलाओं के टेंडन ज्यादा घूमते हैं। चाइल्ड डेलिवरी को एकोमोडेट करने वे ज्यादा फ्लैक्सिबल होते हैं।. इससे चोट लगने की आशंका ज्यादा होती है. इसके अलावा महिलाओं के चौड़े कूल्हे घुटनों के एलाइन को ऐसे प्रभावित करते हैं कि कुछ तरह की चोट के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं. ये भविष्य में गठिया का कारण बनता है।
हार्मोन में बदलाव
हार्मोन इसमें अहम रोल निभाते हैं. एस्ट्रोजन सूजन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. यही कारण है कि कम उम्र की महिलाओं में पुरुषों की तुलना में आर्थराइटिस कम होता है. मेनोपॉज के साथ जब यह स्तर कम होता है तो गठिया हो जाता है।
ज्यादा वजन
डॉक्टर के मुताबिक, अधिक वजन होने से भी आर्थराइटिस का जोखिम ज्यादा रहता है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापा ज्यादा होता है। एक्स्ट्रा वेट जॉइंट पर दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज नष्ट हो जाता है. इसलिए गठिया का रिस्क बढ़ जाता है. बता दें कि शरीर के वजन का एक पाउंड हर एक घुटने के जोड़ पर तीन एक्स्ट्रा पाउंड दबाव में बदलता है. इसके साथ ही जीन भी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
एग्रेसिव इम्यून सिस्टम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादा आक्रामक इम्यून सिस्टम की वजह से भी महिलाओं में रुमेटीइड गठिया का खतरा बढ़ जाता है. रुमेटीइड गठिया ऑस्टियोआर्थराइटिस से अलग होता है और सूजन एख तरह का ऑटोइम्यून रिएक्शन है. यह जोड़ों पर टूट-फूट से जुड़ा है। पुरुषों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा महिलाओं को रुमेटीइड गठिया हो सकता है. इसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस की तरह ही काफी दर्द होता है।
ऑटोइम्यून बीमारियां
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ऑटोइम्यून बीमारियां ज्यादा होती हैं। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत तो होती है लेकिन ज्यादा प्रतिक्रियाशील होने के चलते हार्मोन रुमेटीइड गठिया का रिस्क बढ़ाते हैं।
गठिया (आर्थराइटिस) कितने प्रकार का होता है – (Types of Arthritis in Hindi)
अर्थराइटिस मुख्य रूप से 9 प्रकार का होता है:-
- एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing spondylitis)
- गाउट (Gout)
- जुवेनाइल इडियोपथिक आर्थराइटिस (Juvenile idiopathic arthritis)
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
- सोरियाटिक आर्थराइटिस (Psoriatic arthritis)
- रिएक्टिव आर्थराइटिस (Reactive arthritis)
- रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis)
- सेप्टिक आर्थराइटिस (Septic arthritis)
- अंगूठे में गठिया (Thumb arthritis)
गठिया (आर्थराइटिस) के लक्षण बताएं – Arthritis Symptoms in Hindi
गठिया यानी अर्थराइटिस के प्रमुख संकेतों या लक्षणों में जोड़ों में दर्द शामिल है। गठिया के प्रकार के अनुसार उसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. जानें गठिया के लक्षण :–
- अगर आपके जोड़ों में दर्द है, जकड़न है या सूजन आ रही है तो यह गठिया के सबसे प्रमुख लक्षण हैं। गठिया में मरीज के प्रभावित अंग लाल पड़ जाते हैं। गठिया में व्यक्ति को चलने-फिरने में दिक्कत होती है, ऐसे में उसे अपनी गति धीमी करनी पड़ती है। कई लोगों में गठिया के लक्षण सुबह-सवेरे ज्यादा प्रभावित करते हैं।
- गठिया का दर्द घुटनों से लेकर कूल्हे, कंधे, हाथ और पूरे शरीर में कहीं भी हो सकता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस में व्यक्ति को थकान ज्यादा लगती है और उसकी शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ जाती है। इसकी वजह से सूजन होती है और व्यक्ति को भूख भी कम लगती है।
- गठिया के कारण एनीमिया हो सकता है और इसके कारण शरीर में खून की कमी हो जाती है । कभी-कभी गठिया का दर्द बढ़ने से रोगी को बुखार भी हो सकता है।
- गठिया होने पर हाथ-पैरों में गांठें बन जाती हैं और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है। इसकी वजह से सीढ़ियां चढ़ना और बालों में कंघी करना जैसे रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो सकता है।
किस वजह से होता है गठिया (आर्थराइटिस): –
- अर्थराइटिस का कारण अगर आप भी जानना चाहते हैं तो बता दें कि कार्टिलेज के उत्तकों की मात्रा में कमी से आर्थराइटिस हो सकता है। जब हम चलते हैं तो जोड़ों पर दबाव पड़ता है, कार्लिटेज प्रेशर और शॉक को झेल लेते हैं और हमारे जोड़ों को बचाते हैं।
- छोटी-छोटी साधारण चोटों ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बनती हैं । ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया के सबसे सामान्य रूपों में से एक है। जोड़ों में किसी तरह का संक्रमण या चोट कार्टिलेज की प्राकृतिक मात्रा को कम कर सकता है।
- यदि आपके परिवार में किसी को आर्थराइटिस की समस्या है तो आपको भी गठिया होने की आशंका बढ़ जाती है।
- जैसा कि हमने ऊपर बताया आर्थराइटिस की समस्या वृद्धावस्था में ज्यादा होती है।
- अगर पूर्व में आपके जोड़ों में किसी तरह की चोट लगी है तो यह आर्थराइटिस की वजह बन सकती है।
- मोटापा भी आर्थराइटिस का कारण बन सकता है क्योंकि आपका अधिक वजह आपके शरीर के जोड़ों पर गंभीर प्रभाव डालता है।
गठिया (आर्थराइटिस) का इलाज क्या है :-
गठिया का इलाज इसके लक्षणों में सुधार और जोड़ों के काम को बेहतर करने के लिए किया जाता है । अगर आप गठिया से पीड़ित हैं तो डॉक्टर तय करेंगे के आपके लिए बेहतर इलाज क्या है। गठिया के इलाज के दौरान डॉक्टर आपको एनालजेसिक दवाएं दे सकते हैं, जो सूजन को कम करते हैं । नान स्टीरॉयडल, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दर्द और सूजन को कम करती हैं। इसके अलावा प्रभावित हिस्से पर लगाने के लिए जेल भी दिया जा सकता है।
गठिया को जड़ से खत्म करने के उपाय
● Apple Cider Vinegar – इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और फास्फोरस होता है। जो जोड़ों के दर्द में, काफी फायदेमंद है। ये जोड़ों के बीच जमे हुए Toxins को बाहर निकाल देता है।
रोज सुबह गर्म पानी में एक चम्मच apple cider vinegar और शहद मिलाकर, पीने से सभी प्रकार की Arthritis में आराम मिलता है।
● Ginger – अदरक भी गठिया रोग में बहुत फायदेमंद होता है। इसके दर्द निवारक गुण, जोड़ो में होने वाले दर्द में आराम पहुंचाते हैं। रोज दिन में तीन बार पानी के साथ 6 चम्मच सोंठ पाउडर, 6 चम्मच काले जीरे का पाउडर और 3 चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर, दर्द वाली जगह मलना चाहिए।
इससे Arthritis में होने वाले दर्द में आराम मिलता है। आप रोज ताजा कच्चा अदरक भी खा सकते हैं। इससे शरीर में blood का flow बढ़ता है।
● अलसी – 400 ग्राम अलसी लिजिए। इसे हल्की आंच में, हल्का-सा भून लें। फिर इसका बारीक पाउडर बना लीजिए। इसके बाद असली व गोंद स्याह, जिसे काला गोंद भी कहते हैं। इसकी 100 ग्राम मात्रा लेनी है। इसका अलग से पाउडर बनाकर रखिए।
अब रोजाना नाश्ते के बाद व रात के खाने के बाद, एक चम्मच अलसी का पाउडर तथा आधा ग्राम गोंद स्याह का पाउडर। पानी के साथ ले। हो सके, तो बिना चर्बी वाले दूध के साथ, इसका सेवन करें। इतनी मात्रा खत्म होते-होते, आपको फायदा होता नजर आने लगेगा।
● हरी मूंग दाल – हरी मूंग दाल का सूप बनाएं। सूप तैयार करते समय, इसमें 5 से 6 ताजे लहसुन की कलियां साबुत डाल दें। इसके बाद इसमें एक चम्मच मेथी के बीज का पाउडर मिलाएं।
फिर इसे हल्की आंच में पकने दें। इस बात का ध्यान रखें कि मिश्रण को पकाते समय, इसे धीरे-धीरे चलाते रहें। दो-तीन मिनट पकने के बाद, इसे गैस से उतार लें। आपके गठिया के लिए, कारगर सूप तैयार है। इसका नियमित सेवन करें। 8 से 10 दिनों में ही, आपको राहत मिलना शुरू हो जाएगी।
दोस्तो और रोगों की तरह गठिया भी गलत दिनचर्या और गलत खान पान की वजह से व्यक्ति को अपना शिकार बना लेता है । आज मैं आपको एक ऐसा नुस्खा बताने जारहा हुँ जिसका उपयोग अगर कोई गठिया पीड़ित लगातार 1 महीने करेगा तो 1 महीने बाद उसका गठिया जड़ से समाप्त हो जाएगा।
इस नुस्खे के लिए हम एक वस्तु की जरूरत पड़ेगी और वो है पारिजात की पत्तियां अगर आप पारिजात के पौधे के बारे में नही जानते तो नीचे दिए चित्र को देख कर आप उसकी पहचान कर सकते है । हमे इसके 10 से 12 पत्ती लेनी है और उसको आपको पीस लेना है
पीसने के बाद एक बर्तन में एक गिलास गर्म पानी डालने है और उसी में पिसी हुई पारिजात की पत्तियों को डाल देना है फिर पानी को तब तक उबालना है जब तक पानी आधा न बचे जब पानी आधा बच जाए तो पानी को उतार लें । इसके बाद रोज़ सुबह खाली पेट इस पानी को पीना है आपको लाभ तो 7 से 8 दिन में ही दिख जाएगा लेकिन अगर इस रोग को जड़ से खत्म करना है तो इस नुस्खे को लगातार एक महीने करना है। आपको लाभ जरूर होगा।