Saturday, July 27, 2024
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अनियंत्रित ट्रक ने कार के उड़ाये परखच्चे। माँ की मौत बेटा गंभीर रूप से घायल

कोटद्वार गढ़वाल (हि. डिस्कवर)

बहुत हसरतों के साथ जितेंद्र ने जैसे तैसे अपने पिता के सपनों का घर पूरा करने के लिए अपने पैतृक गाँव में मकान के लिए ज़मीन खरीदी। सुंदर मकान भी बना दिया। बस अब सिर्फ़ गृह प्रवेश व कुछ काम ही बाकी रह गया था। वह कुछ जरुरी सामान लिए अपने नोएडा स्थित पॉश कालोनी से अपनी माँ उर्मिला देवी के साथ गाँव लौट रहा था। लेकिन विधि के विधान ने एक क्रूर मजाक कर उस माँ के अरमानों में पानी फेर दिया जिस माँ ने अपने पति स्व राम चंद्र बिष्ट की अंतिम इच्छा को साकार करने का बीड़ा उठाया था।

गृह प्रवेश के लिए माँ को लेकर अपने गाँव धारकोट, पट्टी – कफोलस्यूँ, विकास खंड – कल्जीखाल पौड़ी लौटते समय कोटद्वार – नजीबाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाफरा-सुखरो के पास एक दर्दनाक हादसे में श्रीमति उर्मिला देवी बिष्ट धर्मपत्नी स्व. राम चंद्र बिष्ट व उनके पुत्र जितेंद्र कुमार बिष्ट बुरी तरह जख़्मी हो गए जिन्हें बेस अस्पताल कोटद्वार ले जाया गया, जहाँ डॉक्टर्स ने श्रीमति उर्मिला देवी को मृत घोषित कर दिया। जितेंद्र गंभीर रूप से घायल है।

घटना संबंधी जानकारी देते हुए गाँव के ही राम चरण सिंह कंडारी बताते हैं कि इण्डेन गैस के ट्रक संख्या UK14 CA 3788 से जितेंद्र बिष्ट की कार की इतनीभयंकर टक्कर हुई कि कार के परखच्चे उड़ गए। ट्रक ड्राइवर घटनास्थल से भाग गया है। आकस्मिक सेवा 108 की मदद से दोनों को यहां कोटद्वार के बेस अस्पताल लाया गया। रामचरण कंडारी बताते हैं कि जितेंद्र का ऊपरी शरीर तो कार के एयरबैग खुलने से ज्यादा चोटिल नहीं हुआ लेकिन ड्राइविंग सीट के एकदम इंजन से सट जाने से बमुश्किल दरवाजे को काटकर व रस्सी में बाँधकर बाहर निकाला गया। जितेंद्र को अभी जानकारी नहीं दी गई कि उनकी माँ अब दुनिया में नहीं रही। जितेंद्र अपनी कमर से नीचे का हिस्सा नहीं संभाल पा रहा है, उसके हाथों में फ्रैक्चर है।

वहीं बिमल कंडारी बताते हैं कि उनकी लगभग तीन बजे के आस पास जितेंद्र से बात हुई थी तब वह नजीबाबाद था व बता रहा था कि वह कार में गृह निर्माण का कुछ सामान लेकर जा रहा है।

जितेंद्र बिष्ट के चाचा गोकुल सिंह बिष्ट ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि जैसे ही इस घटना की उन्हें जानकारी मिली वे कुछ ग्रामीणों के साथ कोटद्वार के लिए निकल पड़े हैं व बस कोटद्वार पहुँचने ही वाले हैं।

यह घटना उस दर्द को बयां करती है जिसने एक पिता एक पति की हसरतें पूरी करने के लिए अपने गाँव में मकान बनाया लेकिन शायद विधि को कुछ और ही मंजूर था। भगवान जितेंद्र बिष्ट की माँ स्व उर्मिला देवी बिष्ट को उस लोक में शांति प्रदान करें व परिवार को दुःख सहने की शक्ति दे। ॐ शांति 🥲

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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