चकराता /देहरादून (हि. डिस्कवर)
यह सचमुच अचंभित करने वाली घटना है। 60 बर्ष की उम्र वालों ने भी कभी अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में चकराता में बर्फबारी होती नहीं देखी।
देहरादून जिले के विकास खण्ड चकराता के लोहखण्डी क्षेत्र में विगत दो दिनों से बारिश के काऱण मौसम सर्द बना हुआ है, वहीं आज अचानक झमाझम बर्फवारी देखकर सब सब अचंभित हो गए। कई लोगों का मानना है कि उनकी जिंदगी गुजर गई लेकिन उन्होंने कभी अप्रैल माह में ऐसी बर्फबारी नहीं देखी।
फिलहाल अभी भी चकराता की ऊंची पहाड़ियों पर जमकर बर्फबारी हो रही है । जिससे मौसम ने जनवरी वाली ठंड का आभास करवा दिया है। साथ ही तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। लोगों ने एक बार फिर गर्म कपड़े बाहर निकाल लिए हैं।
अचानक बरस रही बर्फ को ग्रामीण मौसम में हो रहे विकट परिवर्तन बता रहे हैं जो क्षेत्र की जलवायु के लिए शुभ संकेत नहीं है। ज्ञात होकि लोहखण्डी क्षेत्र में लोहखण्डी से लेकर कोटि तक लगभग 10किमी. दायरे में सेब के बागीचे हैं वहीं लोहखण्डी से चकराता की ओर जाड़ी गांव तक भी सेब बागान हैं, जिनके लिए यह बर्फबारी अमृत के समान हैं। इससे सूखे स्रोत रिचार्ज होने की सम्भावना है।
अप्रैल महीने में हो रही इस बर्फबारी ने पूरे क्षेत्र में जनवरी जैसी ठंड का एहसास करवा है। बीते दो दिनों से चकराता के लोखंडी सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हो रही है। जबकि, मैदानी इलाको में देर रात से बारिश हो रही है। जिससे एक बार फिर ठंड लौट कर आई है। ओलावृष्टि व बेमौसमी बर्फबारी से फसलें भी बर्बाद हो रही हैं। बेमौसमी बारिश से किसानों की गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होने की संभावना है। साथ ही ओलावृष्टि ने आम की फसल के काश्तकारों को निराश किया है। कई स्थानों पर बर्फबारी और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है। उधर, बारिश और बर्फबारी से पारा गिर गया है। जिससे ठंड बढ़ गई है हालाकि बेमौसमी बारिश ओर बर्फ से सुख चुके जल स्रोतो को काफी फायदा पहुंचेगा ओर जंगलो में लगी आग भी शांत हो जायेगी।
वन विभाग के बुधेर वन विश्राम गृह में कार्यरत श्याम सिंह चौहान बताते हैं कि पूरे क्षेत्र ने सफेद चादर ओढ़ ली है। रोहन राणा कहते हैं उन्होने जिंदगी में कभी अप्रैल माह में बर्फ गिरते नहीं देखी लेकिन इस बार देख रहा हूँ जो अचंभे में डालने जैसी बात है।