(शैलेन्द्र सेमवाल)
रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी से थोड़ा सा फासले पर है हमारा गांव पसालत, इस थोड़े से मवासे वाले गांव मे आज का दिन बड़ी खबर लेकर आया है। ये हमारे गांव, परिवार, केदार घाटी और उत्तराखंड के लिए गर्व का मौका है। बड़े भाई नितिन सेमवाल ने कोरोना महामारी की जांच के लिए दो टेस्ट किट बनाई हैं। जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने सौ फीसदी एक्युरेसी के साथ अनुमोदन दिया है। आईसीएमआर के अनुमोदन के बाद यह जांच किट जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी।
नितिन ने दिल्ली की जनकपुरी-तिलकनगर स्थित प्रोफेशनल बायोटेक कंपनी(जेनोसेंस) के लिए ये जांच किट बनाई है। उनकी कंपनी बायोटेक क्षेत्र में लम्बे समय से काम कर रही है। इससे पहले कंपनी सार्स, प्लेग और एचआईवी जैसी बीमारियों के लिए जांच किट बना चुकी है। नितिन सेमवाल ने इस खबर की हिंट काफी पहले दे दी थी। लेकिन जब तक आईसीएमआर की हरी झंडी नहीं मिल जाती, तब तक कुछ भी नहीं कह सकते थे। यानि जांच किट का प्रारुप काफी पहले बन चुका था। समय पर प्रोब न मिलने से कोविड सैम्पल की जांच मुश्किल थी। इस किट की खासियत है कि सैम्पल की जांच रिपोर्ट सिर्फ दो घंटे में ही प्राप्त हो जाती है।
नितिन भाई को बायोटेक क्षेत्र में काम करने का करीब 16 साल का लम्बा अनुभव है। ऐसे समय मे जब सभी का ध्यान कोरोना पर लगा हुआ है और भारत में कोविड जांच की गति दूसरे देशों के मुकाबले नगण्य ही है। जांच का दायरा लगातार बढ़ाने का दबाव है। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भी हजारों की संख्या में प्रवासियों के आने से परिस्थितियां तेजी से बदली है। लेकिन यहां पर काफी कम सेम्पल की जांच होने से चिंताएं बढ़ रही हैं। निश्चित ही इस नई जांच किट से केन्द्र, राज्य सरकारें कुछ फायदा उठाने का प्रयास करेंगी।
12 वीं तक गांव के स्कूल थाती(लमगौडी-बमसू) से पढ़ाई करने के बाद उनकी आगे की शिक्षा मथुरा-आगरा में हुई है। पसालत के सेमवाल परिवार ने हमेशा क्षेत्र में अपनी साख समाजोपयोगी कार्यों के लिए बनाई है। उनकी इस सफलता के लिए परिवार की रीढ़ ताऊ जी श्री शिव प्रसाद सेमवाल, ताई जी श्रीमती प्रभा देवी समेत परिवार के सभी बड़ों और छोटों को बधाई देता हूं।
उत्तराखंड को आप पर गर्व है।
और हां नितिन दीदा को पहले बधाई