तमिलनाडु (हि. डिस्कवर)।
तमिलनाडु में 8 दिसंबर को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचने वाले अकेले सैन्य अधिकारी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हैं। उनका इलाज कमांड अस्पताल, बेंगलुरु में चल रहा था। आज उनका लम्बे इलाज व जीवन से जद्दोजहद के बावजूद भी निधन हो गया है। पता नहीं क्यों आम लोगों को क्यों ऐसी आशंका थी कि इतनी बुरी तरह जले वरुण सिंह को बचाया नहीं जा सकता।
ज्ञात हो कि हैलीकॉप्टर हादसे की इस दर्दनाक दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य लोग शहीद हो गए थे।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) केपी सिंह भी बेंगलुरु पहुंचे हैं। पिता कर्नल केपी सिंह सेना से रिटायर हैं। वह यूपी के देवरिया के रहने वाले हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश के भोपाल में अपना मकान बनवा रखा है। वह पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं पर रहते हैं, जबकि वरुण सिंह के भाई तनुज सिंह नौसेना में हैं। वर्तमान में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में थी।
वरुण सिंह के परिवार में पत्नी गीतांजलि और बेटा रिद्धिमन व बेटी आराध्या हैं।
ग्रुप कैप्टन वरुण बेहद अनुभवी पायलट हैं। उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। ये शांति के समय में दिया जाने वाला पदक है। ये पदक उन्हें एलसीए तेजस की उड़ान के दौरान सामने आई आपात स्थिति में खुद को सावधानी से सकुशल बचाने के लिए दिया गया था। 12 अक्टूबर 2020 को वे उस वक्त तेजस की उड़ान पर थे। इस विमान को वे अकेले उड़ा रहे थे। तभी इस विमान में तकनीकी दिक्कत आ गई। काकपिट का प्रेशर सिस्टम खराब आने से लगातार हालात खराब हो रहे थे। उन्होंने बिना समय गंवाए स्थिति को संभालने के साथ-साथ सही फैसला लिया।