Sunday, September 8, 2024
Homeउत्तराखंडपर्यटन विभाग ने की चारधाम यात्रा का संचालन नए चारधाम यात्रा बस...

पर्यटन विभाग ने की चारधाम यात्रा का संचालन नए चारधाम यात्रा बस ट्रांजिट कैंप से करने की तैयारी

ऋषिकेश। पर्यटन विभाग ने अगले वर्ष से चारधाम यात्रा का संचालन नए चारधाम यात्रा बस ट्रांजिट कैंप से किए जाने की तैयारी कर ली है। अगले चरण में इसके समीप 1.75 हेक्टेयर भूमि पर 6.78 करोड़ की लागत से वाहन पार्किंग बनाई जाएगी। इसी कड़ी में यहां 138 पेड़ चिह्नित किए गए हैं। साथ ही यहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से बनी झुग्गी-झोपड़ियों को भी हटाया जाएगा। अभी तक चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड से यात्रा का संचालन होता रहा है। अब पर्यटन विभाग की ओर से पार्किंग स्थल के समीप दो हेक्टेयर भूमि पर 14.80 करोड़ की लागत से नया बस ट्रांजिट कैंप का भवन का निर्माण कराया जा रहा है। बीते दिनों अपर सचिव पर्यटन एवं अपर मुख्य कार्याधिकारी डा. पूजा गर्ब्याल ने निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था।

इसके समीप 50 सीटर शौचालय बनाने के निर्देश उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को दिए थे। नए भवन के समीप 150 टैक्सी और 80 बसों को खड़ा करने के लिए पार्किंग बनाई जा रही है। इसके अतिरिक्त बाहरी प्रांतों से बड़ी संख्या में ऐसे वाहन भी आते हैं, जो पर्वतीय क्षेत्र में संचालित नहीं होते। यह पार्किंग उनके लिए विकसित होगी। नए ट्रांजिट कैंप के समीप 1.70 हेक्टेयर भूमि पर पार्किंग प्रस्तावित है। पर्यटन विभाग की कोशिश प्रथम चरण में नए ट्रांजिट कैंप को शुरू करने की है। दूसरे चरण में 6.78 करोड़ की लागत से नई पार्किंग तैयार होगी। नया पार्किंग स्थल फिलहाल अतिक्रमण की जद में है। वहां अतिक्रमण कर बड़ी संख्या में झुग्गी-झोपड़ियां बना दी गई है। कई पुराने व दुर्घटनाग्रस्त वाहन भी यहां खड़े है।

यही नहीं, बड़ी संख्या में ऐसे पेड़ भी हैं, जो वाहनों के संचालन में बाधक बनेंगे। इनके पातन के लिए वन विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के उप निदेशक वाईके गंगवार ने बताया कि नए पार्किंग स्थल पर पातन के लिए 138 पेड़ चिह्नित किए गए हैं। कोशिश रहेगी कि कम से कम पेड़ काटे जाएं। इस जगह से अतिक्रमण को प्रशासन की मदद से हटाया जाएगा।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES

ADVERTISEMENT