चंद्रयान 3 की चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग। झूम उठा पूरा देश।
(मनोज इष्टवाल)
चंद्रमा के जिस दक्षिणी ध्रुव पर दुनिया की महाशक्तियां नहीं पहुंच सकीं, वहां भारतबर्ष पहुंचा है। पहली बार चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास तक कोई देश पहुंचा है। भारत के चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चांद की सतह पर सफल लैंडिंग कर चुका है। चांद पर सफलतापूर्वक पहुंचने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन चुका है। इसको लेकर देश खुशियों से झूम रहा है। देश भर में जश्न का माहौल है, मानों चंद्रयान 3 नहीं बल्कि पूरा देश का जन समुदाय चाँद की सतह पर उतर गया हो। क्या पक्ष और क्या विपक्ष.., राजनेताओं ने भी जमकर खुशियों का इजहार किया है।
भारतीय समय के अनुसार शाम लगभग 6:04 पर चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतर चुका है। भारत विश्व का चौथा देश बन गया है, लेकिन चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत विश्व ला पहला देश बना चुका है। ज्ञात हो कि सॉफ्ट लैंडिंग के द्वारा चंद्रमा पर उतरा और चंद्रमा के सुदूर दक्षिणी और अंधकार वाले क्षेत्र में पहुंचने वाले भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई है। इसलिए भारत और इसरो (ISRO) के वैज्ञानिक ही नहीं, प्रत्येक भारतवासी यही दुआ कर रहे थे कि आज यह मिशन हर हाल में सफल हो जाए और भारत का डंका पूरे विश्व में बजे। आखिरकार हर भारतवासी का एल दिव्य स्वप्न पूरा हुआ। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोकि इस समय विदेश यात्रा पर हैं उन्होंने चन्द्रयान 3 के सफलतापूर्वक उतरने पर सभी वैज्ञानिकों व देशवासियों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि कभी हम चंदा मामा दूर के बोला करते थे लेकिन अब कहेँगे चंदा मामा टूर के…।
ब्रिक्स सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO के वैज्ञानिकों और देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि अब सूर्य और शुक्र से जुड़े मिशन की बारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरनजीव चेतना बन जाती हैं। ये पल अविश्वसनीय है। ये क्षण अद्भुत है। ये क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. ये क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है। ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है. ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नया विश्वास, नई चेतना का है. ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘जब हम अपने आंखों के सामने इतिहास बनते देखते हैं, जीवन धन्य हो जाता है। ये पल अविस्मरणीय हैं। ये क्षण अभूतपूर्व हैं। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है। ये क्षण भारत में नई ऊर्जा, नया विश्वास, नई चेतना का है। ये क्षण भारत के उदयमान भाग्य के आह्वान का है। अमृतकाल की प्रथम प्रभा में सफलता की अमृत वर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हमारे वैज्ञानिक साथियों ने भी कहा- भारत आज चांद पर पहुंच गया है।’
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चंद्रमा की सतह पर कदम रखा तो पूरा भारत खुशी से झूम उठा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग से इसरो चीफ एस. सोमनाथ को फोन किया। उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इससे पहले पीएम ने उन्हें संबोधित भी किया।
पीएम ने आगे कहा, ‘नया इतिहास बनते ही, हर भारतीय जश्न में डूब गया है। हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। हृदय से मैं भी अपने देशवासियों के साथ, अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं जिन्होंने इस मिशन के लिए वर्षों से परिश्रम किया है।’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ एक महत्वपूर्ण अवसर, एक ऐसी घटना जो जीवनकाल में एक बार होती है।
कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक उतरने पर इसरो सहित सभी देशवासियों को बधाई। भविष्य में अंतरिक्ष अनुसंधान की आवश्यकता को देखते हुए ही पंडित नेहरू ने इसरो की नींव रखी थी। यह उनकी दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि आज भारत पूरे विश्व में अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग नए भारत की क्षमताओं और शक्ति का सशक्त प्रदर्शन है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में इसरो के वैज्ञानिकों ने जो किया कोई नहीं कर सका। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अब तक दुनिया के लिए असंभव था, लेकिन हमारे दूरदर्शी वैज्ञानिकों ने इसे संभव बना दिया है। इस सफलता के लिए इसरो के सभी वैज्ञानिकों को बधाई और देश को शुभकामनाएं देता हूं।
कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज की अग्रणी उपलब्धि के लिए टीम इसरो को बधाई। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग हमारे वैज्ञानिकों की दशकों की जबरदस्त प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम है। 1962 के बाद से, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को छू रहा है और युवा सपने देखने वालों की पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि l’भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव में सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान की लैंडिंग कराने वाला पहला देश बन गया है।आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी, वैज्ञानिकों एवं देश की समस्त देवतुल्य जनता को बहुत-बहुत बधाई।’#Chandrayaan3
वहीं उत्तराखंड की विधान सभा अध्यक्ष ने भी सोशल साइट में ट्वीट करते हुए लिखा कि “रक्षाबंधन की बधाई लेकर चंदा मामा से मिला चंद्रयान3”
भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला
पहला देश बन गया है। यह #ISRO की महान उपलब्धि है।
मिशन #चंद्रयान_3 की सफलता पर #ISRO के सभी वैज्ञानिकों की कर्तव्यनिष्ठा को प्रणाम एवं इस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा कर रहे सभी भारतवासियों को हार्दिक बधाई।जय हो!#chandrayaan3mission #Chandrayaan3 #इसरो
इसके अलावा भाजपा के केंद्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व देश के हर राज्य के मुख्यमंत्री ने भारत की इस सफलता पर शुभकामनायें प्रेषित की है.
ज्ञात है कि भारत के चंद्रयान-3 मिशन के कुछ समय बाद शुरू किया गया लूना-25 मिशन, जो रूस के द्वारा शुरू किया गया था, वह तकनीकी खामियों के चलते असफल हो चुका है। भारत का भी पिछला चंद्रयान -2 मिशन असफल हो चुका है, इसलिए इस बार हर भारतवासी यही शुभ कामना कर रहा है कि चन्द्रयान 3 अपने मिशन में कामयाब हो और सॉफ्ट लैंडिंग करके चंद्रमा की सतह पर भारत का परचम लहराए। और आखिरकार हमारे वैज्ञानिकों की दिन रात एक करने की मेहनत का फल हमें प्राप्त हो ही गया।
ज्योतिष के अनुसार देखें तो उन्होंने यह स्पष्ट रूप से यह बात कह दी थी कि चंद्रयान के चंद्रमा की सतह पर उतरने में कुछ परेशानियां सामने आने वाली हैं और यह मिशन अत्यंत जटिल और कठिन परिस्थितियों से होकर गुजरने वाला है। विशेष रूप से लैंडिंग से पूर्व का समय बहुत ज्यादा परेशानीजनक होगा लेकिन सूर्य और बुध का जो बुधादित्य योग है, वह भारतीय वैज्ञानिकों की तकनीकी सूझबूझ, कर्मठता और कार्य कुशलता की बदौलत इस कठिन समय में से भी एक चुनौती के रूप में इस स्थिति को संभालते हुए चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 को उतारने में सफल हो सकते हैं। शाम को 6:04 पर ग्रहों की स्थिति देखें तो चंद्रमा, केतु के साथ और बृहस्पति, राहु के साथ विराजमान होकर एक दूसरे पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे। मकर लग्न का यह समय होने की संभावना है, जिस पर नैसर्गिक रूप से शुभ और योग कारक ग्रह शुक्र की पूर्ण दृष्टि होगी।
ज्योतिष गणना के अनुसार चंद्रयान के चाँद की सतह पर पर उतरने से पूर्व यह बात बताई जा रही थी कि शनि अपनी राशि में मजबूत होंगे और अष्टम भाव में बुध और सूर्य विराजमान होंगे तथा मंगल महाराज चतुर्थेश और एकादशेश होकर नवम भाव में विराजमान होंगे और वहां से द्वादश भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे। ग्रहों की यह स्थिति कुछ जटिल तकनीकी समस्याओं की ओर इशारा अवश्य कर रही है लेकिन समस्याओं से निकलने में भी ग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका दिखाई दे रही है।
नवम भाव के मंगल, सप्तम भाव के शुक्र और बुध और सूर्य के बुधादित्य योग के कारण भारत इन कठिन चुनौती पूर्ण परिस्थितियों से बाहर निकलने में सक्षम हो सकता है। हम सभी को इसी की दुआ करनी चाहिए और हम आशा करते हैं कि शीघ्र ही चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर जाएगा।
वहीं जगतगुरु राम भद्राचार्य इस पर पूर्व में ही कह चुके हैं कि हमारा चंद्रयान 3 चन्द्रमा की धरती पर सफलता पूर्वक उतरेगा। जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा – मैं गंगा जमुना का समागम देख रहा हूँ। एल ओर विज्ञान और दूसरी ओर भगवान..! निश्चित रूप से 23 अगस्त की सांध्य वेला हमारे भारत की व इतिहासकार की स्वर्णिम बेला होगी। जिसको सम्पूर्ण विश्व नमन करेगा। चन्द्रमा के दक्षिण छोर पर अंधकार है और विज्ञान भी कह रहा है अंधकार है। जब सूर्य नारायण उदय होंगे तब चन्द्रमा पर हमारा विक्रम लैंड करेगा। उन्होंने कहा की मैं इसरो के वैज्ञानिकों को आशीर्वाद दे रहे हैं। और रात और दिन यही कह रहा हूँ कि हे राम चंद्र अब हमारे भारत के इस मिशन को अब चन्द्रमा के दर्शन करवा दीजिये।