सांकरी गांव: उत्तरकाशी, उत्तराखंड का एक अद्भुत हिमालयी गहना।
(शीशपाल सिंह गुसाईं)
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित सांकरी गांव, एक सौंदर्य और शांति का अद्वितीय स्थल है। यह गांव गोविंद राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है और बर्फ से ढके पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा है। सांकरी की भव्यता और प्राकृतिक सौंदर्य, इसे हिमालय की काया का एक अभिन्न हिस्सा बनाते हैं। सांकरी गांव में लगभग 80 परिवार निवास करते हैं, जिनके घर सुंदर लकड़ी की नक्काशी से सजाया हुआ हैं। यह गांव न केवल अपने मनमोहक दृश्यों के लिए जाना जाता है, बल्कि यहाँ स्थित एक प्राचीन मंदिर भी विशेष आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर की अद्भुत लकड़ी की नक्काशी इसे ऐतिहासिकता का एहसास देती है। यहां के लोग मेहमाननवाज़ हैं, और उनके आतिथ्य का स्तर आपको अपने घर जैसा अनुभव कराता है।
गांव की विशेषता उसकी संस्कृति में भी परिलक्षित होती है। यदि आप किसी उत्सव के समय सांकरी पहुंचते हैं, तो आप पारंपरिक नृत्य की अद्भुत प्रस्तुतियों का आनंद ले सकते हैं। गांव के मंदिर की आंतरिक विशेषताओं को देखने का अवसर, और स्थानीय लोगों की पारंपरिक पोशाक पहनने का अनुभव, आपको इस स्थान की संस्कृति से और भी निकटता प्रदान करता है। सांकरी गांव बड़े ट्रेकिंग मार्गों का प्रवेश द्वार है। यहाँ से केदारकांठा, हर-की-दून, बाली पास, रुइंसारा झील, और बरारसर झील जैसे प्रसिद्ध ट्रेक प्रारंभ होते हैं। ट्रैकिंग केवल एक साहसिक गतिविधि नहीं है, बल्कि गांव के युवाओं के लिए आय का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।
यदि आप ट्रैकर नहीं हैं, तो भी सांकरी में रुकने का अनुभव अविस्मरणीय रहेगा। तीन रातें बिताकर आप शांति और सुकून के साथ वापस जाएंगे। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, स्थानीय संस्कृति और आतिथ्य के अनुभव आपको हमेशा याद रहेंगे। सांकरी गांव, अपनी अद्भुत जलवायु, मनोहारी दृश्यों, और सभ्यता के संगम के लिए मशहूर है। यह स्थान न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है, बल्कि इसे देखने वाले हर व्यक्ति को एक नई दृष्टि और अनुभव से भर देगा। इस गांव की यात्रा, न केवल प्राकृतिक सुंदरता की खोज है, बल्कि यह मानवता, संस्कृति, और एक समुदाय की एकजुटता का भी प्रतीक है।