देश की अर्थव्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और उससे जुड़े संगठन चिंता में हैं। तभी पिछले दिनों आरएसएस और भाजपा के बीच एक अहम बैठक हुई है। इस बैठक के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए। बताया जा रहा है कि अमित शाह के अलावा कई और मंत्रियों ने इसमें हिस्सा लिया। जानकार सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वन व पर्यावरण व श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव भी इस बैठक में शामिल हुए। देश की वित्तीय स्थिति के साथ साथ किसानों और मजदूरों की स्थिति पर भी इसमें चर्चा हुए होने की खबर है। बताया जा रहा है कि अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले सरकार बजट सत्र की तैयारी कर रही है। हालांकि सरकार पूर्ण बजट नहीं पेश करेगी लेकिन लेखानुदान से भी बहुत मैसेज बन सकता है।
बहरहाल, बताया जा रहा है कि आरएसएस की ओर से संघ और भाजपा के बीच समन्वय का काम देख रहे अरुण कुमार की पहल पर यह बैठक हुई। संघ की तीन अनुषंगी संगठनों- स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ और भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि इन तीनों संगठनों ने सरकार की कई नीतियों पर सवाल उठाए। हालांकि केंद्र सरकार और खास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोकल फॉर लोकल की बात करते हैं और मेड इन इंडिया की मुहिम चल रही है लेकिन स्वदेशी जागरण मंच को लग रहा है कि स्वदेशी का बहुत प्रचार नहीं हो रहा है। इसी तरह किसान और मजदूर संगठनों का भी मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले इन समूहों का ध्यान रखा जाना चाहिए। बहरहाल, इस बैठक के बाद क्या बदलाव आता है इसके बारे में आने वाले दिनों में कुछ अंदाजा लग पाएगा।