देहरादून। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत चीन सीमा पर बसे सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के आठ गांव पहली बार सड़क मार्ग से जुड़ेंगे। ग्राम्य विकास विभाग के तहत पीएमजीएसवाई में इन सड़कों का निर्माण किया जाएगा। विभाग की ओर से इसके लिए 124 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे अब केंद्र की सैद्धांतिक मंजूूरी मिल चुकी है। करीब 44 किमी लंबाई की छह सड़कों के बन जाने से आठ गांवों की आबादी के साथ सीमा पर तैनात आईटीबीपी को भी इन सड़कों का लाभ मिलेगा। उत्तराखंड के तीन जिलों पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी के 51 सीमांत गांवों को वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल किया गया है।
पलायन रोकने और खाली हो चुके गांवों को फिर से आबाद करने के उद्देश्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के स्तर सर इन गांवों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई जा रही हैं। अब तक 18 विभागों की 758 करोड़ रुपये की 510 योजनाओं पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुहर लग चुकी है। इनमें से कुछ के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जा चुके हैं, जबकि कुछ अभी भेजे जाने हैं।
पीएमजीएसवाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कमेंद्र सिंह ने बताया, ग्राम्य विकास विभाग ने 43.96 किमी लंबाई की छह सड़कों के निर्माण के लिए 124 करोड़ 30 लाख 97 हजार रुपये का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा था। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति केंद्र सरकार की ओर से मिल चुकी है। इसके बाद अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।