Sunday, September 8, 2024
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चकबन्दी पर हमारी सरकार बेहद गम्भीर। भू-आलेखों दुरस्थ किये जायेंगे-मुख्यमंत्री।

मेरा स्वभाव शांत जरूर है लेकिन मैं सख्ती वाले एक्शन करता हूं।- पुष्कर सिंह धामी

नई दिल्ली (हि. डिस्कवर)।

मेरा स्वभाव शांत जरूर है लेकिन मैं सख्ती वाले एक्शन करता हूं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यपत्र पाञ्चजन्य के मीडिया महा मंथन कार्यक्रम में प्रतिभाग करते समय यह बात रखी।पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर ने उनसे उत्तराखंड के विषय में महत्व पूर्ण सवाल किए जिनका धामी ने बहुत ही बेबाकी से जवाब दिए।

मुख्यमंत्री धामी से प्रश्न किया गया कि पहाडों में पलायन भी एक समस्या है, इसमे एक बड़ा कारण चकबंदी भी है, क्योंकि परिवार बढ़ गए है उन्हें ये नही पता उनके हिस्से की ज़मीन कहां कहां है? क्या आपकी सरकार चकबंदी के लिए काम करेगी?

इस पर उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस विषय पर गंभीर है और हम शासन को कहा है कि राज्य के भू-आलेखों को दुरुस्त किए जाए।

CM धामी से जब ये पूछा गया कि उत्तराखंड की सरकारी और रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण है, इस ओर आप क्या सोचते है?

इस पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने अपना काम शुरु कर दिया है,जो जमीन सरकार की है हम उसे अतिक्रमण से मुक्त करवाएंगे। इस बारे में हमने सभी जिला अधिकारियों को भीं सख्त हिदायत दे दी है। मैं मीठा जरूर बोलता हूं इसका मतलब ये नहीं कि है हम कुछ भी देखते रहेंगे, मेरा स्वभाव शांत जरूर है लेकिन मैं उतना ही सख्त एक्शन भी लेता हूं।

मुख्यमंत्री धामी से ये सवाल किया गया कि उत्तराखंड में गढ़वाल में तो चारधाम के लिए आल वेदर रोड बन गई है, ऐसे में चार धाम के शहरों की कायाकल्प हो रही है, लेकिन इसकी तुलना में कुमाऊं के तीर्थस्थलों का विकास नहैं हो पाया।  जागेश्वर है, ॐ पर्वत है, हाट कालिका है, बहुत से तीर्थस्थल ऐसे हैं जहां सड़क भी संकरी है।  क्या इस ओर आपकी कोशिश है ?

उन्होंने जबाब देते कहा कि पीएम मोदी जी के दिशा निर्देश पर चारधाम का कायाकल्प हो रहा है, एक नया केदार का रूप आपके सामने आ गया है। अब हमने कुमायूं के 17 तीर्थस्थलों का चयन किया है, हमने जागेश्वर, बागेश्वर,बनैना देवी पूर्णागिरी, दूनागिरी, बराही देवी आदि स्थानों पर स्थल विकसित कर सडक मार्ग से जोड़ दिया है। हमारी सरकार एक मानसखंड सर्किट के तहत डेवलप कर रही है। कैंचीधाम जो बाबा नीम किरोरी जी का धाम है, वहां हम स्थल विकास का काम शुरू कर रहे हैं। आप देखना जो भी देवभूमि के मंदिर धाम गुरुद्वारे हैं अगले दो सालो में तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक हो जाएंगे।

उनसे ये सवाल किया गया कि आपने चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता की बात कही आपने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य होगा जहां से इस कानून के लागू करने की शुरुआत होगी? क्या इसपर आपकी योजना है?

इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड राज्य लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा, और इस बारे में हम अपनी पहली कैबिनेट में इसका प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। गृह मंत्री ने भी इसे लागू करने की बात कही है। हम देश के सभी राज्यों से अपील करते है कि वो भी अपने राज्य में इसे लागू करें, एक देश है तो एक कानून भी होना चाहिए।

धामी के सामने जब ये सवाल आया कि उत्तराखंड में एक समस्या ब्यूरोक्रेट्स की भी रही है कि ये जिसकी सरकार चाहे बना देते हैं, जिसका चाहे खेल बिगाड़ देते है? आपका क्या अनुभव है?

इस पर धामी ने कहा ये धारणा अब बदल दीजिए, होता होगा कभी पहले ऐसा…!  लेकिन आपको मैने पहले भी कहा कि मुझे लोग शांत स्वभाव का समझते हैं। वो मेरा व्यवहार है, लेकिन किस से कैसे काम लेना है।सब हम जानते हैं। जनता उत्तराखंड की देवतुल्य है पिछले चुनाव में आपने देख लिया है सरकार किसकी बनेगी ये अधिकारी नहीं जनता तय करती है।

पाञ्चजन्य संपादक हितेश शंकर ने जब उनसे ये पूछा कि एक समस्या ये भी देखने पढ़ने सुनने में आयी है कि यूपी में जो बड़े अपराधी है उन पर जब जब सख्ती हुई वो उत्तराखंड में आकर छुप जाते हैं।  यूपी से लगे मैदानी जिलो में इनके ठिकाने बनते जा रहे हैं?

इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जबाब देते हुए कहा कि हमने इस बारे में चौकसी बरती है। पुलिस को सख्त हिदायतें हैं कि उत्तराखंड किसी भीं अपराध अपराधी की शरणस्थली नहीं बनने पाए।

उनसे जब ये पूछा कि एक बड़ा सवाल उत्तराखंड को लेकर यह पूछा गया कि यहां जनसंख्या अंसतुलन बढ़ रहा है। चार मैदानी जिलो में तो ये 30 से 40 फीसदी तक पहुंचने वाली है। रोहिग्यो-बंग्लादेशी भी यहाँ घुसपैठ कर रहे हैं। कैसे नियंत्रण पाएंगे आप या आपकी सरकार?

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने पुलिस विभाग के जरिए एक सत्यापन का अभियान शुरू किया है, हम इस बारे में सतर्क है और आप देखना कि इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे जो भी सामाजिक राष्ट्रविरोधी तत्व है वो उत्तराखंड में नही रहने देंगे।

इसी से जुड़ा सवाल है कि उत्तराखंड के युवाओ ने सोशल मीडिया पर एक मुहीम चलाई थी कि “उत्तराखंड मांगे सशक्त भू कानून”  ! आपने वायदा भी किया था कि हम इस पर काम करेंगे। इस ओर क्या काम चल रहा है ?

इस पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने इसके लिए एक समिति बनाई हुई है, और हम चाहते हैं कि जो भी ये समिति सिफारिश करेगी हम उसे पूरी ईमानदारी से लागू करेंगे।

एक सवाल ये भी पूछा गया कि माना जाता है कि उत्तराखंड पहले देवभूमि बना, फिर अंग्रेजो ने इसे शिक्षा का एक हब बनाया और उसके बाद ये पर्यटन केंद्र बना। आपको नहींलगता कि शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में इस समय और काम करने की आवश्यकता है?

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने स्थानीय लोगो को पर्यटन शिक्षा चिकित्सा से जोड़ना है,  हम इस और तेज़ी से काम कर रहे हैं, और पहाड़ों में निजी स्कूलों को खोलने, पर्यटन में होम स्टे खोलने जैसे विषय हमारी योजना में है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते है कि हेमकुंड साहिब तक यात्री रोपवे से जाए, केदारनाथ रोपवे से जाए और इस पर हमारी सरकार ने काम शुरू कर दिए है।

सैन्य धाम को आप पांचवे धाम के रूप में पहचान दिलाने की बात करते है? क्या भावना है इसके पीछे?

हमारे देश की रक्षा करने में 1700 रणबांकुरों ने अपनी शहादत उत्तराखंड से दी है। हमने उन सभी शहीद परिवारों के घर से उनके आंगन की मिट्टी मंगवा कर देहरादून में शहीद स्मारक बनवा रहे है जिसे हम पांचवा धाम घोषित करते है तो इसमें सबका गौरव बढ़ता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पाञ्चजन्य मीडिया कॉन्क्लेव” में प्रतिभाग करते हुए कहा-

कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड चौमुखी विकास कर रहा है, सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के श्रेष्ठ राज्यों में शामिल हो। उत्तराखण्ड में लॉ एंड ऑर्डर सम्बंधी चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों पर राज्य पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है, अपराधियों के लिए उत्तराखण्ड में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरी बार मुख्य सेवक की शपथ ग्रहण के बाद पुलिस के द्वारा एक स्पेशल ड्राइव चलाई गई जिसके अंतर्गत उत्तराखण्ड में लोगों का री-वेरिफिकेशन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम धर्मांतरण के कानून को और अधिक सख्त करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। यह अध्यात्म, धर्म और संस्कृति का केंद्र है। यहां औसतन हर परिवार में एक व्यक्ति सेना में भर्ती होकर देश सेवा के लिए समर्पित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में एक समान कानून लागू हेतु ड्राफ्ट तैयार करने के लिए हम एक कमेटी गठित करने वाले हैं। हम चाहते हैं कि देश के अन्य राज्य भी अपने-अपने राज्यों में कॉमन सिविल कोड लागू करें।
भू कानून संबंधी सवालों पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई है। जल्दी हम राज्य हित में इसपर कानून लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बहुत भिन्न है, राज्य का अधिकतम क्षेत्र पर्वतीय है, सरकार का प्रयास है कि राज्य में औद्योगीकरण विस्तार और रोजगार का भी ध्यान रखा जाए।

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