Monday, December 23, 2024
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राष्ट्रीय गर्व का अवसर

इस सफलता को और बड़ा आयाम देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मानवता की कामयाबी बताया। उनका यह कथन महत्त्वपूर्ण है कि यह कामयाबी संकेत देती है कि विकासशील देश भी इसी तरह की बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर सddकते हैं।

चंद्रयान-3 अभियान की सफलता हर लिहाज से राष्ट्रीय गर्व का विषय है। सारा देश दम साधे इस मौके का इंतजार कर रहा था, उसकी वजह यही है कि विज्ञान ने चाहे जितनी तरक्की की हो, लेकिन चांद पर लैंडर को सटीक ढंग से उतार देना आज भी आसान नहीं है। आशंकाएं कई वजहों से थीं। एक तो चंद्रयान-2 की विफलता की याद आज भी ताजा है, दूसरे चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने से कुछ ही दिन पहले रूस का यान लूना दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

फिर मंगलवार शाम को अचानक यह खबर तेजी से फैली कि लैंडर की सेहत को देखते हुए यान को चांद की सतह पर उतारने का काम 27 अगस्त तक के लिए टाला जा सकता है। लेकिन तमाम आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं और इस तरह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारने वाला भारत दुनियाका पहला देश बन गया है। इस सफलता को और बड़ा आयाम देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मानवता की कामयाबी बताया। उनका यह कथन महत्त्वपूर्ण है कि यह कामयाबी इस बात का संकेत देती है कि विकासशील देश भी इसी तरह की बड़ी कामयाबियां हासिल कर सकते हैं।

यह हकीकत है कि इस सफलता पर पूरी विकासशील दुनिया में खुशी देखी गई है। इस ओर ध्यान खींचा गया है कि चंद्रमा पर शोध के अभियान में इस समय जो तीन देश प्रमुखता से जुटे हुए हैं, वे सभी यानी भारत, रूस और चीन विकासशील देशों के उभरते मंच ब्रिक्स के सदस्य हैँ। यह सचमुच दुनिया के इतिहास में एक नया अध्याय है, जब विकासशील देश दर्शक नहीं, बल्कि बारीक वैज्ञानिक गतिविधियों की पात्र बन कर उभरे हैं। भारत ने यह सफलता लंबे प्रयास और स्वतंत्रता के बाद तुरंत सत्ता में आए नेतृत्व की दूरंदेशी के बूते हासिल की है।

यह सफलता अनेक रुकावटों को पार करते हुए प्राप्त की गई है। यह गौरतलब है कि जब चंद्रयान-1 अभियान सफल हुआ था, तब 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद पश्चिमी देशों की तरफ से भारत पर लगाए गए कई तकनीकी प्रतिबंध अभी भी लागू थे। तब से आज तक भारत काफी आगे बढ़ा है। यह सचमुच गर्व का विषय है।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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