मकर संक्रांति आज..! खरमास की समाप्ति के बाद 4 जाकर 39 मिनट शांय से होगी मकरसंक्रांति की शुरुआत-आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल।
हिन्दू पंचागों का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है व इन्हीं पंचांगों से हमें विभिन्न पर्वों की शुरुआत व उसके अंत का समयबोध होता है! हिन्दू पंचांग काल गणना के एक समान सिद्धांतों और विधियों पर आधारित होते हैं! जहाँ दक्षिण भारत में तमिल पंचांग, बंगाली पंचांग, मलयालम पंचाग प्रचलन में हैं वहीँ विक्रमी पंचांग जो भारत के उत्तर पश्चिम व मध्य भाग में प्रचलित है सबसे लम्बे क्षेत्रफल का पंचांग माना जाता है! वहीँ सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र में बाणी भूषण, महीधर पंचांग की अधिकता पाई जाती है! मार्तण्ड पंचांग भी इन क्षेत्रों में दिखने को मिल जाता है! उत्तराखंड की बात हो तो उसमें महीधर व बाणी भूषण पंचांग को सबसे लोकप्रिय माना जाता है! फिर भी इनका गणना काल एक आध दिनआगे पीछे या कुछ घटी कुछ पल आगे पीछे चलता है जिससे हिन्दू पर्वों पर असमजंस की स्थिति बनी रहती है! फिर भी आपको बता दें कि किसी भी सनातन हिन्दू पंचांग में समय गणना के पांच अंग होते हैं जिनमें वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण मुख्य अंग हुए! आचार्य डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल “मकर संक्रांति” पर्व की उहापोह को दूर करते हुए दावा करते हैं कि महीधर व बाणी भूषण पंचांग में मकर संक्रांति आज 4 बजकर 39 मिनट से शुरू है! इसी समय से सूर्य धनु राशि से मकर राशि में गोचर हो रहा है जबकि दिनमान 25 -47 का है, इसलिए सूर्यास्त से पूर्व सूर्य गोचर कर जाएंगे इसलिए पुण्य काल 14 जनवरी को ही होगा! 15 जनवरी को वह किसी भी सूरत में नहीं होगा!
ज्योतिष गणना पारंगत आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि हिन्दू धर्म अनुयायियों को इस बात से बिल्कुल बेखबर रहना चाहिए कि 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व है, और अगर कोई पंडित या ज्योतिष शास्त्र ज्ञाता यह बता रहा है तो वह सरासर गलत है! हमें शांय चार बजे बाद सूर्य के 16 घटी 39 पल पर धनु राशि से मकर राशि में गोचर हो जाने के साथ ही मकर संक्रांति पर्व स्नान प्रारम्भ कर देना चाहिए! उन्होंने कहा कि इस बार मकर संक्रांति शुक्रवार व द्वादशी तिथि पर पड रही है, और चन्द्रमा अपनी उच्च वृषभ राशि पर संचार कर रहे हैं! वे अपने प्रिय नक्षत्र रोहिणी में रहेंगे इसलिए विशिष्ट संयोग का निर्माण इस दिन हो रहा है! साथ ही इसी दिन 1993 के बाद सूर्य और शनि का अद्भुत मिलन भी इसी दिन हो रहा है जो पूरे राष्ट्र के लिए शुभ संकेत है!
ग्रह गणना के जाने माने सौर विज्ञानी आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि इसी दिन खरमास समाप्त हो रहा है व तमाम रुके हुए शुभ व मंगल कार्य आज 4 बजे बाद प्रारम्भ हो जाएंगे !