सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ने एसआरएचयू के छात्रों को दिया सक्सेस मंत्र
डोईवाला। भारतीय सेना में चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह (एवीएसएम, वीएसएम, पीएचएस) ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट पहुंचे। यहां पर उन्होंने गेस्ट लेक्चर के दौरान छात्र-छात्राओं सहित फैकल्टी को सफलता का मंत्र दिया। हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एचआईएमएस) के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल एजुकेशन की ओर से गेस्ट लेक्चर आयोजित किया गया। कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने परिसर में पहुंचने पर महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह का पुष्पगुच्छ भेंटकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कुलाधिपति डॉ.धस्माना ने उन्हें संस्थापक डॉ.स्वामी राम की आत्मकथा पर आधारित पुस्तक ‘लिविंग विद द हिमालयन मास्टर्स’ भेंट की।
टीम मैनेजमेंट है सफलता का सक्सेस मंत्रा
इसी कड़ी में एसआरएचयू के सभागार में आयोजित गेस्ट लेक्चर में मौजूद छात्र-छात्राओं में लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने जोश भर दिया। ‘हम अपने विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के लिए कैसे प्रेरित करें? सबक जो मैंने अपने रास्ते में सीखें’ विषय पर उन्होंने अपने अपने अनुभव साझा किए। लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने मौजूद लोगों से आह्वान किया कि वह अपनी मूल जड़ों को न भूले। सफलता के लिए सबसे जरूरी है टीम मैनेजमेंट।
नैतिक शिक्षा, अध्यात्म व सेवा की संगम स्थली है एसआरएचयू
लेफ्टिनेंट दलजीत सिंह ने कहा कि कि स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट राष्ट्रप्रेम की भावना को समाहित करता है। वर्तमान दौर में दूसरे शिक्षण संस्थानों से अलग नैतिक शिक्षा को आधार बनाया है। संस्थान की स्थापना के पीछे संस्थापक डॉ. स्वामी राम का जो उद्देश्य था उसी सेवाभाव व अध्यात्म संस्थान जनसेवा में लगा हुआ है।
2021 में राष्ट्रपति के मानद सर्जन नियुक्त किए गए
लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह पुणे स्थित आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र रह चुके हैं। वह देश के एक प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट भी हैं। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से बाल रोग में मास्टर डिग्री और चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर से नियोनेटोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उन्हें दिसंबर 1983 में एएफएमएस में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2006 में चीफ ऑफ द एयर स्टाफ कमेंडेशन, 2011 में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन, सशस्त्र बलों के लिए उनकी उत्कृष्ट और मेधावी सेवाओं के लिए 2020 में विशिष्ट सेवा मेडल (वीएसएम) और 2023 में असाधारण क्रम की उनकी विशिष्ट सेवा के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया। वर्ष 2021 में ले.जनरल दलजीत सिंह को राष्ट्रपति का मानद सर्जन नियुक्त किया गया।