Saturday, July 27, 2024
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हर दिन का सवेरा ला रहा उम्मीद, लेकिन शाम होते टूट रही उम्मीद, सिलक्यारा सुरंग के इस सिलसिले को हुए 14 दिन

उत्तरकाशी। हर आहट पर दिल धड़क रहा है….छोटी सी उम्मीद दिखते ही चेहरे खिल जाते, लेकिन फिर कुछ पल में ही मायूसी छा जाती। हर दिन का सवेरा एक उम्मीद लेकर आता, लेकिन फिर शाम होते-होते उम्मीद टूट रही। इस सिलसिले को आज 14 दिन हो गए। उत्तरकाशी की सुरंग में कैद 41 मजदूर अपनी आजादी का इंतजार कर रहे हैं। सुरंग में हल्की सी भी हलचल होती तो उन्हें अपने बाहर निकलने की उम्मीद दिखती, लेकिन पल भर में ही उनका ये भ्रम टूट जाता। सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूर जहां बाहर निकलने को बेकरार हैं, वहीं बाहर उनके परिजनों को भी खुशखबरी का इंतजार है।उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में दिवाली वाले दिन भूस्खलन हुआ था। रात्रि शिफ्ट में सुरंग के अंदर गए मजदूर ढाई घंटे बाद शिफ्ट खत्म कर बाहर आने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही साढ़े पांच बजे भारी भूस्खलन हो गया और वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंसकर रह गए।

उसी दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है, लेकिन कब तक मजदूर बाहर आ जाएंगे इस बारे में राहत एवं बचाव अभियान से जुड़े एनएचआईडीसी और जिला प्रशासन के अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। मजदूरों को अंदर फंसे 14 दिन हो गए हैं। सुरंग के भीतर लगातार चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बीच बृहस्पतिवार की देर रात व शुक्रवार की अलसुबह एक खबर ने उत्साह और बढ़ाया। पाइप व लोहे के गर्डर को जब गैस कटर से काटा जा रहा था तो उसके धुएं की खुशबू सुरंग के भीतर फंसे 41 मजदूरों तक पहुंच गई। जैसे ही मजदूरों को गैस कटर के धुएं की खुशबू आई तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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