Tuesday, May 13, 2025
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आशीष चौहान ने किया मालिनी नदी पर बन रहे पुल का निरीक्षण। दिए आधिकारिक निर्देश।

पौड़ी गढ़वाल (हि. डिस्कवर)

जहाँ एक ओर गढ़वाल के भाबर क्षेत्र के 35 गाँव मालिनी नदी पर बन रहे पुल के निर्माण में हो रही देरी पर सरकार की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते नजर आ रहे हैं, वहीँ दूरी ओर प्रशासनिक स्तर पर जिलाधिकारी आशीष चौहान लगातार पुल निर्माण की गुणवता की मॉनिटरिंग करने के साथ-साथ पुल निर्माण पर जुटी टीम को समय रेखा के आधार पर पुल को पूरा करने के निर्देश भी जारी कर रहे हैं। क्षेत्रीय जनता का भी मानना है कि उन्हें जिलाधिकारी आशीष चौहान की कार्यकुशलता पर पूरा भरोंसा है। जिस तरह जिलाधिकारी पूरी गुणवत्ता के साथ पुल निर्माण हेतु आवश्यक निर्देश देते दिखाई दे रहे हैं, इससे यह बात तो स्पष्ट है कि आगामी समय में मालिनी नदी पर बनकर तैयार होने वाला यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ेगा।

ज्ञात हो कि विगत 13 जुलाई 2023 को पौड़ी गढ़वाल के भाबर क्षेत्र में भारी बारिश से मालन नदी के विकराल बहाव के कारण मालन पुल नदी की तेज बहाव में बह गया था। जिसके बाद से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मालन पुल के बहने से 35 गांवों का कोटद्वार शहर से  भाबर क्षेत्र संपर्क टूट गया था। उस दौर में सोशल साइट ही नहीं बल्कि अखबारों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनलों भी मालन नदी पर बने लगभग 12.35 करोड़ की लागत का पुल टूट गया था। जिसके बाद मालन नदी पर बने 1 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से ह्यूमन पाइप की मदद से वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, जबकि मार्ग में पैच वर्क का कार्य गतिमान हैं। वैकल्पिक मार्ग का कार्य निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग दुगड्डा द्वारा किया गया । मालन नदी में  21 ह्यूमन पाइप डाल कर वैकल्पिक को मार्ग तैयार कर पैच वर्क मार्ग जारी किया गया था । वर्तमान में कोटद्वार के भाबर क्षेत्र में जशोधरपुर, सिडकुल, सिगड्डी सिडकुल में यातायात को सुगम बनाने के लिए  पुल निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। ज्ञात हो कि भाबर क्षेत्र की आवाजाही सुचारु रखने लिए मालन नदी पर 300 मीटर पैच पर ह्यूमन पाइप की मदद से वैकल्पिक मार्ग को तैयार किया गया है। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक ऋतु खंडूड़ी ने वैकल्पिक मार्ग को युद्धस्तर पर बनाने के निर्देश दिए थे।

मालन नदी में पुल निर्माण पर हुई देरी का असर लोकसभा चुनाव के दौरान लोकसभा में गढ़वाल से भाजपा प्रत्याशी रहे अनिल बलूनी को भी झेलना पड़ा और उन्होंने लोगों को तब आश्वस्त किया था कि मालन नदी पर बन रहे पुल पर तीव्र गति से काम होगा। इसीलिए विगत 15 अगस्त 2024 चुनाव जीतने के बाद लोकसभा सांसद के रूप में अनिल बलूनी जी ने कोटद्वार में मालन नदी के क्षतिग्रस्त पुल के पुनर्निर्माण का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने तब मीडिया संवाद में यह भी कहा था कि निर्माण की प्रगति, गुणवत्ता और कार्य पूर्ण होने की अवधि के बारे में अधिकारियों ने जानकारी दी।

तय समय पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी आशीष चौहान ने विगत दिवस मालन नदी पर बन रहे पुल का निरीक्षण कर निर्माण कम्पनी को तय समय पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्माणाधीन पुल के सम्पूर्ण क्षेत्र मालन नदी में खड़े बीम, पिलर व पुल के ऊपरी भाग पर हो रहे निर्माण को बारीकी से जांचा और निर्माण कम्पनी को आवश्यक निर्देश दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिलाधिकारी आशीष चौहान द्वारा पूर्व में भी औचक निरीक्षण किया गया है। लोगों ने जिलाधिकारी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे पूरे मनोयोग के साथ अपने हर कार्य को अंजाम देने में लगे हैं। जिलाधिकारी द्वारा भाबर क्षेत्र के 35 गाँवों के लिए जिस तेजी से वैकल्पिक मार्ग बनवाये गए हैं वह स्वागत योग्य हैं।

आपको बता दें कि मालन नदी पर बने पुल इस पुला का शिलान्यास 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद खंडूरी सरकार में हुआ था। कोटद्वार नगर और भाबर क्षेत्र को जोड़ने वाले मालन नदी के पुल का उद्धघाटन वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में किया गया था। यह पुल  मात्र तेरह साल की उम्र में ही यह पुल धराशाई हो गया।  जहां यह कहा जा रहा है कि भारी बरसात में पानी के तेज बहाव के कारण पुल का एक पिलर टूट गया था। तब इसके टूटने पर खूब राजनीति भी हुई और क्षेत्रीय ग्रामीणों व विपक्षी राजनेताओं ने इसके निर्माण की गुणवता पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए कहा था कि यह घोटाले का पुल है।  वहीँ अब स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल गिरने के कारण यहां होने वाला अवैध खनन है। जिसके बारे में उनके द्वारा प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया था लेकिन कभी कोई कार्यवाई नहीं हुई। स्थानीय विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने भी पुल गिरने के पश्चात तत्काल कार्यवाही न किये जाने पर काफी रोष ब्यक्त किया था।

बता दें कि मालिनी नदी पर बना पुल भाबर क्षेत्र के लगभग 35 गांवों की जीवनरेखा थी। यह पुल भाबर से कोटद्वार को जोड़ता था। वर्ष 2010 में इस पुल का निर्माण 12.35 करोड़ की लागत से किया गया था। मात्र 13 साल में यह पुल अवैध खनन की भेंट चढ़ गया और इसका एक हिस्सा ढह गया। इसमें एक व्यक्ति प्रशांत डबराल निवासी हल्दूखाता की मौत हो गयी थी।

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