राजभवन देहरादून 19 मई, 2020 (हि. डिस्कवर)
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार को राजभवन में राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून और आयुर्वेद विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘कोविड-19 में आयुर्वेद का महत्त्व’’ पर आयोजित वेबिनार में प्रतिभाग किया। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने वेबिनार के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुये कहा कि कोरोना महामारी से बचने व इसकी रोकथाम में आयुर्वेद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऐसी स्थिति में जब अभी तक कोविड-19 का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है तो अपनी प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करना होगा। आयुर्वेद मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में विशेष योगदान देता है। स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना एवं रोगी के रोग को दूर करना आयुर्वेद का प्रयोजन है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति आज वैश्विक स्तर पर अपना स्थान बना चुकी है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी सुझाव दिया है कि दिनभर गर्म पानी पीना, योग एवं प्राणायाम करना, हल्दी, जीरा, धनिया, लहसुन जैसे मसालों का दैनिक जीवन में नियमित उपयोग हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा कि च्यवनप्राश, आयुर्वेदिक काढ़ा और हल्दी मिला हुआ दूध भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभदायक होता है।
राज्यपाल ने कहा कि बचाव के लिए विभिन्न सावधानियों जैसे लगातार हाथ धोते रहना, घर से बाहर मास्क का उपयोग करना, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का भी पालन करना चाहिये। राज्यपाल ने कहा कि यदि हमें बीमारियों से अपने को बचाना है तो योग और प्राणायाम के महत्त्व को समझना होगा। राज्यपाल ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य आपदा को नियंत्रित करने में आयुष विशेषकर आयुर्वेद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
वेबिनार में निदेशक, राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान देहरादून प्रो0 नचिकेता राउत, उत्तराखण्ड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 अरूण कुमार त्रिपाठी, डा0 नन्द किशोर दधीचि, डा0 अश्विनी कम्बोज, राजभवन की आयुर्वेद चिकित्सक डा0 इन्दिरा अग्रवाल व अन्य कई आयुर्वेदिक चिकित्सक, विशेषज्ञ जुडे़ थे।