Friday, October 18, 2024
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सुनो बे…! टाइम्स मैगजीन…!

(अखिलेश डिमरी की कलम से)

होगी तुम दुनिया की प्रतिष्ठित पत्रिका , पर मेरे लिए कागज की दस्ती से ज्यादा न पहले थी और न अब हो न आगे रहोगी…!

ये जान लो कि कोई व्यक्ति तुम्हारे कवर पेजों पर सकारात्मक छप जाने से न अमर हो जाता है और न ही नकारात्मक छप जाने से बदनाम हो जाता है, सिर्फ बात इतनी सी है कि दुनियां में कुछ चमन …ने तुम्हारे कवर पेजों को खुद की अस्मिता से ज्यादा तवज्जो दी दी तो तुम्हारे दिमाग चढ़ गए हैं।

सुनो बे टाइम् मैगजीन…! ये देश मेरा है यहां की चिंता और खुशफहमी का लेना देना मुझसे है और मुझ से ही रहेगा तुम्हारी इतनी औकात नही होनी चाहिए कि तुम इस विशाल लोकतांत्रिक देश के चुने हुए प्रधानमंत्री के बारे में जो चाहे वो छाप दो…, ये देश इशू को मानता है, अल्लाह को मानता है तो कृष्ण को भी मानता है और राम को भी…, तो यही देश शैतानों के साथ साथ रावण का भी विरोध करता है और विभीषणों को भी दुत्कारता है …!

सुनो बे चमन ….! हमारे देश में इस समय चुनाव हो रहे हैं कौन अच्छा है कौन बुरा…? किसने गलत किया किसने सही किया …. ? ये लोकतांत्रिक तरीकों से हम खुद तय कर लेंगे तुम्हे भौंकने की जरूरत नही…!

हम जानते हैं कि इस महान देश की क्या वकत है औऱ तुम्हारी क्यों सुलग रही है…? इस देश में इतना भी कभी किसी पर अत्याचार न हुआ कि तुम्हे भौंकना पड़े…! यहाँ सदियों से सब जाति धर्म सम्प्रदाय के लोग आराम से जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं और करते रहेंगे , ये जान लो कि बहुत कोशिशें हुई कड़वाहट घोलने की लेकिन आज तक इस देश की हस्ती न कोई मिटा पाया और न आगे ही मिटा पायेगा ।

सुनो बे टाइम् मैगजीन…! हमारे देश में अपने मुद्दों पर गालियां देने और गालियां खाने के लोकतांत्रिक अधिकार हमारे खुद के पास सुरक्षित हैं और हमेशा हमारे पास ही रहेंगे , जरूरत होगी तो अपने मुद्दों के लिए हम खुद आपस में गाली गलौच कर लेंगे तुम्हे हमारे फट्टों में टांग अड़ाने की जरूरत नहीं….! तुम्हे इतनी हरामखोरी की इजाजत नही दी जा सकती कि तुम मेरे देश के प्रधानमंत्री को अंडर अचीवर या डिवाइडर इन चीफ कहो…!

ये हमारा देश है हम अपने नेताओं को मोके बामौक़े भला बुरा खुद ही कहते आये हैं और आगे भी खुद कह लेंगे, हम अपने देश के अंदर अपनी अपनी राजनैतिक विचारधाराओं के स्वतंत्र पक्षधर खुद ही हैं तुम्हें ये अधिकार नही दिए जा सकते कि तुम हमारे देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ उलूल जुलूल लिखो छापो…!

मैं भारत देश का नागरिक होने के नाते मेरे देश के प्रधानमंत्री के लिए तुम्हारे इस दुस्साहस की कड़ी निंदा करते हुए अपना विरोध दर्ज करते हुए ख़बरदार करता हूँ कि सनद रहे हमारे लिए देश पहले है और इस देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ तुम्हारा कुछ भी छापना हमें स्वीकार्य नहीं….!

वंदेमातरम।।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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