Tuesday, October 8, 2024
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रक्षाबंधन किस दिन मनाएं.? 11 या 12 अगस्त को.? तिथि को लेकर दूर करें कन्फ्यूजन, देखें किस दिन है शुभ मुहूर्त

भाई-बहनों के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन 2022 की सरकारी छुट्टी 11 अगस्त को है। इस बार रक्षाबंधन किस दिन है इसको लेकर लोगों के मन में तिथी को लेकर संशय है। कहीं 11 अगस्त को लेकर चर्चा हो रही है तो कोई 12 अगस्त की बात कह रहा है। आइए इस संशय को दूर करते हैं और जानते हैं शुभ मुहूर्त और जानकार पंडितों का इस बारे में क्या कहना है।

पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन हिंदी के सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को होती है। पंडित रविंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि का समय 11 अगस्त को सुबह 9.35 बजे प्रारंभ हो रहा है जो 12 अगस्त सुबह 7.16 बजे समाप्त हो रहा है। इसके बाद भाद्र महीने की एकम तिथि शुरू हो जाएगी। पंचांग और धार्मिक मान्यता के अनुसार हिंदी महीने के जिस तिथि में सूर्याेदय होता है वह तिथि मान्य होता है। कई साधु संतों ने यह भी दलील दी कि पूर्णिमा की उदया तिथि 12 जुलाई को हो रही है। हालांकि महज 2 घंटे ही सूर्य उदया के बाद पूर्णिमा 12 अगस्त को रहेगी, लेकिन हिंदी महीने की तिथि के पूरे दिन रात में आठ पहर होते हैं जिसमें सात पहर 11 अगस्त को बीत रहा है. एक पहर 12 अगस्त को बीत रहा है इसलिए 11 अगस्त को रक्षाबंधन के लिए उपयुक्त तिथि है।

पंचांग के अनुसार 11 अगस्त को पूर्णिमा का प्रारंभ 9.35 से होगा और उसी वक्त से भद्रा नक्षत्र प्रवेश कर रहा है जो 11 अगस्त की शाम 8.25 तक रहेगा। ऐसे में कई पंडितों का कहना है भद्रा नक्षत्र अशुभ माना जाता है। ऐसी स्थिति में 11 अगस्त को दिन में रक्षाबंधन करना, भाइयों की कलाई में राखी बांधना अशुभ माना जाएगा। वहीं पंडित रविन्द्र नाथ तिवारी कहते है कि पंचांग के अनुसार भद्रा नक्षत्र पूरे साल में तीनों लोक में भ्रमण करता है। पंचांग के अनुसार तीन लोक में पाताल लोक, स्वर्ग लोक और मर्त्य लोक जिस लोक में जिसमें पृथ्वी है। अगर भाद्र नक्षत्र मर्त्य लोक में रहता है तो अशुभ माना जाता है। ऐसी स्थिति में भाद्र नक्षत्र होने पर कोई भी कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन अगर भाद्र नक्षत्र स्वर्ग लोक में है तो वह शुभकारी माना जाता है। अगर भाद्र नक्षत्र पाताल लोक में है तो भी लाभदायक ही होता है। 11 अगस्त को भाद्र नक्षत्र जो प्रवेश कर रहा है वह पाताल लोक में स्थित है, इसलिए उस दिन भाद्र नक्षत्र प्रवेश पर कोई खतरा नहीं है। रक्षाबंधन करने वाले या कोई भी शुभ कार्य करने वाले के लिए कोई हानि नहीं है।

क्या है रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त..?
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त के बारे में पंडित रविंद्र नाथ बताते हैं कि 11 अगस्त को पूर्णिमा शुरू होने के बाद भाद्र नक्षत्र में भी रक्षाबंधन हो सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा अच्छा शुभ मुहूर्त 11 अगस्त की शाम 8.25 से शुरू हो रही है क्योंकि कुछ वक्त से श्रवण नक्षत्र प्रारंभ हो रहा है जो 12 अगस्त को सुबह 5.08 बजे तक रहेगा। पंचांग के अनुसार श्रवण नक्षत्र मनुष्य के लिए बहुत ही शुभ होता है. इस नक्षत्र में कोई भी कार्य बहुत ही शुभ माना जाता है, इसलिए 11 अगस्त की शाम 8.25 बजे से लेकर 12 अगस्त की सुबह 5.08 बजे तक रक्षाबंधन का विशेष शुभ मुहूर्त है। 12 जुलाई को 5.08 के बाद धनिष्ठा नक्षत्र प्रारंभ हो रहा है। यह नक्षत्र भी शुभकारी माना गया है. 12 जुलाई की सुबह 7रू16 बजे तक की पूर्णिमा तिथि में भी रक्षाबंधन करना शुभ माना गया है। हालांकि इसके बाद भाद्र महीना प्रारंभ हो जाएगा।

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