Saturday, July 27, 2024
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पशुपति मन्दिर की अरबों की संपत्ति हुई सार्वजनकि।

काठमांडो (नेपाल)

पांचवीं सदी में निर्मित काठमांडो स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की समिति ने पहली बार मंदिर की सम्पत्ति का खुलासा करते हुए बताया है कि पशुपतिनाथ मंदिर के पास 9.276 किलोग्राम सोना, 316 किलोग्राम चांदी और 120 करोड़ रुपये की नकदी है!

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बागमती नदी तट पर बसे इस मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल कर चुका है! पशुपति नाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह लिंग, वेद लिखे जाने से पहले ही स्थापित हो गया था। पशुपति काठमांडू घाटी के प्राचीन शासकों के अधिष्ठाता देवता रहे हैं। पाशुपत संप्रदाय के इस मंदिर के निर्माण का कोई प्रमाणित इतिहास तो नहीं है किन्तु कुछ जगह पर यह उल्लेख मिलता है कि मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में कराया था।

मंदिर के गर्भगृह में विराजमान लिंग!

605 ईस्वी में अमशुवर्मन ने भगवान के चरण छूकर अपने को अनुग्रहीत माना था। बाद में इस मंदिर का पुन: निर्माण लगभग 11वीं सदी में किया गया था। दीमक की वजह से मंदिर को बहुत नुकसान हुआ, जिसकी कारण लगभग 17वीं सदी में इसका पुनर्निर्माण किया गया। बाद में मध्य युग तक मंदिर की कई नकलों का निर्माण कर लिया गया। ऐसे मंदिरों में भक्तपुर (1480), ललितपुर (1566) और बनारस (19वीं शताब्दी के प्रारंभ में) शामिल हैं। मूल मंदिर कई बार नष्ट हुआ है। इसे वर्तमान स्वरूप नरेश भूपलेंद्र मल्ला ने 1697 में प्रदान किया।

अप्रैल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप में पशुपतिनाथ मंदिर के विश्व विरासत स्थल की कुछ बाहरी इमारतें पूरी तरह नष्ट हो गयी थी जबकि पशुपतिनाथ का मुख्य मंदिर और मंदिर की गर्भगृह को किसी भी प्रकार की हानि नहीं हुई थी।

पशुपति नाथ एरिया डेवलपमेंट ट्रस्ट की गठित एक समिति ने जानकारी देते हुए बताया कि सोने और चांदी की यह संपत्ति 1962 से 2018 के बीच की है! न्यास के कार्यकारी निदेशक रमेश उप्रेति ने एक स्थानीय अखबार के माध्यम से सर्वप्रथम यह जानकारी दी थी कि पशुपति नाथ एरिया डेवलपमेंट ट्रस्ट की संपत्ति को सार्वजनिक कर रहे हैं जिसके आधार पर अरबों की सम्पत्ति का खुलासा हुआ है!

आपको जानकारी दे दें कि चल सम्पत्ति के अलावा आदिदेव महादेव के इस मंदिर पशुपति नाथ के पास 186 हैक्टेअर जमीन भी अपने नाम है जिसमें मंदिर का बिशाल प्रांगण व अन्य भूमि बताई जाती है! यह पहला अवसर है जब पशुपति नाथ ट्रस्ट द्वारा मंदिर सम्बन्धी यह आंकड़ा सार्वजनिक किया गया! लेकिन यह आश्चर्यजनक बात है कि मंदिर समिति द्वारा 1962 से पहले के सम्पत्ति सम्बन्धी किसी भी आंकड़े का ब्यौरा प्रस्तुत नहीं किया गया! इसके अलावा मंदिर के स्वामित्व वाले ‘बॉम्बे ट्रेजरी’ में बर्तनों के रिकॉर्ड और विभिन्न गुथियों की संपत्ति का सर्वे भी अभी किया जाना बाकी है।  कुल मिलाकर पशुपतिनाथ के मुख्य मंदिर में खजाने की वास्तविक कीमत का रिपोर्ट में उल्लेख नहीं किया गया है। 24 दिसंबर 2009 को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को इस खजाने को न खोलने का आदेश दिया था। 

यह आश्चर्यजनक है कि “मल्ला राजवंश’ के एक राजा ने दक्षिण भारतीय ब्राह्मण को मंदिर का प्रधान पुरोहित नियुक्त कर दिया। दक्षिण भारतीय भट्ट ब्राह्मण ही इस मंदिर के प्रधान पुजारी नियुक्त होते रहे थे, लेकिन प्रचंड सरकार के काल में भारतीय ब्राह्मणों का एकाधिकार खत्म कर नेपाली लोगों को पूजा का प्रभाव सौंप दिया गया।

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