Saturday, July 27, 2024
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कोलम्बिया, पेरू दक्षिण अमरीका से आये कलाकारों ने ’’स्वच्छ भारत, स्वच्छ विश्व’’ विषय पर जागरूकता नृत्य नाटक प्रस्तुत किया।


🔶 अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव परमार्थ निकेतन का मंच आज अभिनेत्री, संगीतकार, पर्यावरणविद्, योगाचार्यों एवं अनेक अद्वितीय व्यक्तित्वों से हुआ समृद्ध

🔵 बालीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने विश्व के अनेक देशों से आये योग जिज्ञासुओं को सिखाये फिट रहने के गुर और योगमय जीवन पर दिया व्याख्यान।

🛑 कोलम्बिया, पेरू दक्षिण अमरीका से आये कलाकारों ने ’’स्वच्छ भारत, स्वच्छ विश्व’’ विषय पर जागरूकता नृत्य नाटक प्रस्तुत किया।

🔴 गुजरात से आये कलाकारों ने किया शिव तांडव नृत्य।

🚩 शुद्धि, बुद्धि, सिद्धि और समृद्धि सब का संगम है योग-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

योगा से ही होगा-शिल्पा शेट्टी

ऋषिकेश 5 मार्च 2019 (हि. डिस्कवर)।

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, के एसोसियेशन से परमार्थ निकेतन द्वारा आयोजित 30 वें वार्षिक विश्व विख्यात अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के पाँचवें दिन भारतीय फिल्म जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने विश्व के अनेक देशों से आये योग जिज्ञासुओं को ’योगा फाॅर द सोल’ के माध्यम से स्वस्थ और निरोग रहने के गुर सिखाये।

विशेष- अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आये योग जिज्ञासुओं को सम्बोधित करते हुये परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि ’’योग से मिलती है शुद्धि, योग से बढ़ती है बुद्धि और योग से ही मिलती है सिद्धि और योग तो आज समृद्धि भी दे रहा है। शुद्धि, बुद्धि, सिद्धि और समृद्धि सब का संगम है योग। उन्होने कहा कि जीवन में जब केवल बुद्धि होती है तो व्यक्ति जीवन में सूचनायें एकत्र करता है, सूचनायें, किताबों में और केवल ज्ञान में रह जाती है परन्तु जीवन नहीं बन पाती। जब जीवन में शद्धि होती है तो जीवन इनफार्मेशन से इंस्पिरेशन की यात्रा पर चल पड़ता है; जानकारी से प्रेरणा की ओर चल पड़ता है। जब व्यक्ति का जीवन शद्धि के पथ पर चलता है तो जीवन में सिद्धि स्वयं ही आ जाती है और बुद्धि भी परिष्कृत हो जाती है फिर बुद्धि प्रतिशेध में नहीं बल्कि शोध के रास्ते पर निकल पड़ती है। योग से मिलती है शुद्धि, शुद्धि से होता है शोध और शोध से व्यक्ति दूसरों के जीवन में नहीं बल्कि अपने जीवन पर कार्य करने लगता है और फिर दुनिया को देखने का दृष्टिकोण की बदल जाता है। अतः केवल बुद्धि का ही नहीं बल्कि शुद्धि का चश्मा पहनाता है योग।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी ने ’योग और प्रेम’ पर उद्बोधन देते हुये कहा कि ’’श्रीमद् भागवत गीता में भक्तियोग, ज्ञानयोग और कर्मयोग की सुन्दर व्याख्या है। भक्तियोग अर्थात ’’लव ऑफ डिवोशन’’ और योग तो एक दिव्य सम्बंध है; डिवाइन कनेक्शन है। उन्होने कहा कि प्रेम में कोई अनुबंध नहीं होता प्रेम तो बिना शर्त के होता है। प्रेम वह है जो माँ गंगा, भगवान कृष्ण और राधा जी का है जो केवल देना जानता है। योगमय जीवन हमेें प्रेम करना सिखाता हैं। योग ही प्रेम है। योग सभी को प्रेम के सूत्र में बांधता है।


प्रसिद्ध अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी जी ने सभी योग जिज्ञासुओं को सम्बोधित करते हुये ’आत्म नमस्ते’ से अपना उद्बोधन आरम्भ किया और कहा कि परमार्थ निकेतन आकर ऐसे लगता है जैसे मैं अपने घर आ गयी हूँ। मुझे अपने ही घर आकर जो सकून और शान्ति मिल रही है वह सचमुच अवर्णनीय है। यहां की गंगा, पवित्रता और देश-विदेश की धरती से आये इतने सारे लोगों का यहां एकत्र होना कमाल है। एक संस्था, एक व्यक्तित्व क्या से क्या कर सकता है और क्या से क्या हो सकता है यह उसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। योग को आगे बढ़ाने के लिये अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन और उसमें इतने सारे योग प्रेमियों और स्वयं को बुलाने के लिये उन्होने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और साध्वी भगवती सरस्वती जी का धन्यवाद किया। उन्होने कहा कि यह यात्रा अब आगे बढ़ते रहेगी और अगले वर्ष मैं और अधिक समय के लिये यहां पर आऊँगी।

अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी जी ने कहा कि आप सभी योग की जन्म भूमि में; शान्ति की भूमि पर आये है। यहां का कण-कण आपको ऊर्जावान बनाता है। उन्होने कहा कि योग तो मेरा जीवन है। योग की आवश्यकता केवल शारीरिक काया के लिये नहीं है बल्कि योग तो मानसिक शान्ति भी प्रदान करता है। योग वास्तव में एक विज्ञान है। उन्होने विशेषकर भारतीय महिलाओं का आह्वान करते हुये कहा कि अपनी व्यस्त जीवनचर्या से 20 से 25 मिनट अपने आप के लिये निकाले जिसमें आप प्राणायाम करे, घ्यान करे तब आपको अपने अस्तित्व का भान होगा। योग हमें अपने होने की अनुभूति कराता मैं एक कर्म योगी हूँ, लेकिन उसके साथ-साथ योग ने मुझे स्वस्थ रहने के लिये प्रसन्न रहने के लिये भी दिशा दी हैं इसलिये मैं आप से कहती हूँ कि जीवन में योग अवश्य करें इसलिये मैं कहती हूँ योगा से ही होगा योग जरूर करें। योग हमें अपनी आत्मा को जानने का अवसर प्रदान कराता है। उन्होने कहा कि मैने अपने बेटे को जन्म देने के पश्चात योग के माध्यम से चार महिने में 32 किलो वजन कम किया है। योग के साथ अपने खान पान पर भी ध्यान रखे क्योंकि शरीर को फिट रखने के लिये 30 प्रतिशत योग का और 70 प्रतिशत भोजन का योगदान होता है कि आप योग करते हुये क्या खा रहे है यह महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होने प्राणायाम, मौन का अभ्यास, श्वास पर ध्यान देने के मंत्र दिये।

आध्यात्मिक सत्संग, साधना एवं व्याख्यान श्रंखला’-’द योगा आॅफ एक्शन’ में-परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज द्वारा, ’योग ही है समाधान’ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी ने ’प्रेमयोग’, ’ अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने ’’योग फाॅर द सोल’’ पर सारगर्भित विचार व्यक्त किये।


अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु वाॅटर बिलेसिंग सेरेमनी की। कोलम्बिया और वृंदावन से आये दल ने हरे रामा हरे कृष्णा भजन की मनमोहक प्रस्तुति दी।

विशेष सत्र-आज के दिन की शुरूआत अमेरीका से आये योगाचार्य गुरूशब्द सिंह खालसा जी के कुण्डलिनी योग से हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने गोल्डन ब्रिज योग के सह-संस्थापक योगाचार्य गुरूशब्द सिंह खालसा और योगाचार्य गुरूमुख का स्वागत और अभिनन्दन किया। योगी कैटी बी हैप्पी ने ’योग के माध्यम से अपने उच्चतम को प्राप्त करने की स्व कार्यशाला’। योगाचार्य डाॅ इन्दु शर्मा ने ’पारम्परिक हठ योग, योगाचार्य जोसेफ श्मिटलिन न ’द फाइव तिब्बतियन’ सूर्योदय के साथ प्रसिद्ध संगीतकार आनन्द्रा जार्ज ने ’सनराइज नाद योग म्यूजिकल मेडिटेशन’, योगाचार्य दीपिका मेहता ने ’प्राण नृत्य’ योगाचार्य संदीप देसाई ने मैसूर शौली अष्टांग योग, अमरीाका से आये प्रसिद्ध योगाचार्य सोल डेविड राॅय ’’आत्मा और सोमा, जागृति की शक्ति, आतंरिक प्रवाह, कायाकल्प और अंतर्ज्ञान योग का अभ्यास कराया।
अमरीका से आयी योगाचार्य गुरूमुख कौर खालसा ने ’बीइंग सेंसिंग ह्यूमन बीइग्ंस‘, योगाचार्य केरन पोपट खालसा ने साउंड्स आॅफ इंडिया-द म्यूजिकल जर्नी स्टोरी, कोलम्बिया से आये स्वामी परमाद्वैती जी ने ’द योग आॅफ मदर अर्थ’, डाॅ वन्दना शिवा जी ने पृथ्वी की स्थिति को ध्यान केंद्रित करते हुये हमारे ग्रह के लिये किस प्रकार बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकें इस विषय पर प्रभावकारी उद्बोधन दिया। डाॅ जी एस गुप्ता ने ’ब्यूटी एंड हेयर’, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने ’’सिम्पल सोलफुल योग’, योगाचार्य एवं संगीतज्ञ ने ’रूमी लव मेडिटेशन’, पश्चिम बंगाल से आये उत्तरण डांस ग्रुप द्वारा इन्डियन क्लासिकल डांस की मनमोहक प्रस्तुति दी। अमरीका से आयी योगाचार्य कीया मिलर ने ’अग्नि-द फायर आॅफ ट्रांसफार्मेशन’ योगाचार्य एच एस अरूण द्वारा अंयगर योग का अभ्यास कराया गया।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारम्भ विश्व के विभिन्न देशों से आये आदिवासी और जनजाति के प्रमुखों ने 5:00 बजे ’’स्वेट लाॅज’’ साधना के माध्यम से शरीर के शुद्धिकरण समारोह में अपनी स्थानीय भाषा में प्रार्थना, गीत-संगीत और ध्यान की संयुक्त प्रक्रिया द्वारा सम्पन्न किया। जिसमें स्व से जुड़ने का अभ्यास कराया गया। साथ ही योग की अनेक कक्षायें प्रातः 4:00 बजे से रात 9:30 बजे तक सम्पन्न हुईं जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, लीला योग, डीप योग आदि एक सप्ताह तक प्रस्तुत किये जाने वाले योग के मुख्य प्रारूप हैं। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी एवं भारतीय दर्शन की भी कक्षायें सम्पन्न हो रही हैं। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों एवं धर्मगुरूओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोतरी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में हो रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में भारत, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल, चीन, मैक्सिको, बेल्जियम, अमेरिका, कोलम्बिया, नीदरलैण्ड, पेरू, अर्जेन्टीना, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इटली, नार्वे, जर्मनी, तिब्बत, भूटान, रूस, इजरायल, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, स्वीडन, हांगकाग, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, बहरीन, अफगानिस्तान, अफ्रीका, सिंगापुर, ताईबान, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, यमन, पेलस्टाईन, चीन, सिंगापुर, ताईबान, बैंकाक, नामिबिया, इक्वेडोर, कोलम्बिया, ग्वाटेमाला, आॅस्ट्रिया, क्यूबा, चिले, थाईलैण्ड, तुर्की, ब्रिटेन, दक्षिण अमेरिका सहित विश्व के विभिन्न देेशों के योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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