Monday, July 14, 2025
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बेरोजगारी, महंगाई के साथ राहुल गांधी ने गिनाई अपने परिवार की कुर्बानी। साथ ही बोले- सेनाओं ने नहीं हर हिंदुस्तानी ने हराया 1971 में पाकिस्तान को।

(मनोज इष्टवाल)

जिसका डर था बेदर्दी वही बात हो गई। सच में प्रदेश कांग्रेस ने इस रैली को सफल बनाने के लिए जो मेहनत की व अपार भीड़ जुटाई उसने सत्तारूढ दल भाजपा के माथे पर पसीना तो ला ही दिया है। इस भीड़ से कांग्रेस को यह फायदा तो होगा कि उनके कार्यकर्ताओं का जोश दुगना होगा। राहुल गांधी कुछ गलत न बोल जाएं इसके लिए भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ईश्वर, भगवान, खुदा , अल्लाह व वाहे गुरु से प्रार्थना की होगी।  यकीनन राहुल आज गजब बोले।

लेकिन….राहुल गांधी तो राहुल गांधी हुए। भला वह चूक न करें भाषणों की शुरुआत में ही ऐसी गलती कर गए जो हजम नहीं होती।

विजय दिवस सम्मान पर देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत की शहादत पर अपने उद्बोधन में कुछ इस तरह शुरुआत की।

◆उनका कहना था “कुछ दिन पहले रावत जी व उनकी पत्नी व आर्मी के बाकी लोगों की मृत्यु हुई। उनकी हम याद करते हैं।”

52:00सेकेंड्स से 1:24 मिनट।

◆ राहुल गांधी सैनिक सम्मान के लिए मंच पर मौजूद 1971 के भूतपूर्व सैनिकों का विजय सम्मान करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ खड़े थे, एक बुजुर्ग सैन्य अधिकारी जिसके सीने पर मैडल सजे हुए थे कुछ कागज हाथ में लिए आगे बढ़ते हैं तो कांग्रेस प्रदेश प्रभारी तपाक से आगे बढ़ते हैं व उन्हें बाजू से पकड़ कर पीछे धकेल देते हैं। इस पर साथ खड़े सैनिक भी हक्के/बक्के रह जाते हैं।

◆  राहुल गांधी बोले-बांग्लादेश की लड़ाई में 13 दिन में पाकिस्तान ने अपना सर झुका दिया। 16 दिसम्बर 1971 की 13 दिन की लड़ाई पर राहुल गांधी बोले-  “कोई कहता है सेना ने लड़ाई जितवाई,  कोई कहता है लीडरशिप ने लड़ाई जितवाई, कोई कहता है एयरफोर्स ने लड़ाई जितवाई ..नहीं। हिंदुस्तान के हर व्यक्ति ने हर जात ने हर धर्म ने लड़ाई जितवाई।”

5:58 से 8:03 मिनट।

◆राहुल गांधी बोले- “मेरे परिवार व मेरा यहां से सीधा सम्बन्ध है। मेरी दादी ने, मेरे पिता ने व मेरे चाचा ने देश के लिए कुर्बानी दी है। जो कुर्बानी उत्तराखंड के हजारों हजारों परिवार ने दी है वही कुर्बानी मेरे परिवार ने दी है। जो लोग आर्मी में हैं नेवी में एयर फोर्स में हैं जिन्होंने पिता भाई को खोया वे यह बात समझ सकते है।”

1:28 से 4:40 मिनट।

◆ जिस परिवार ने कोई कुर्बानी नहीं दी वह इस बात को नहीं समझेंगे उत्तराखंड के हिंदुस्तान को अपना सबसे ज्यादा खून दिया है, और देता रहेगा।

1:28 से 5:58 मिनट।

◆ राहुल गांधी बोले-  आज देश को बांटा जा रहा है। भाई से भाई को लड़ाया जा रहा है। कमजोर लोगों को मारा जा रहा है।

10:10 से 10:40 मिनट ।

◆ एक ही व्यक्ति गंगा में स्नान कर सकता है…इतिहास में एक व्यक्ति स्नान कर सकता है सिर्फ नरेंद्र मोदी ने स्नान किया है।

23:58 से 24:58 मिनट तक।

राहुल गांधी के भाषण का सार।

कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने विजय सम्मान रैली को संबोधित करते हुए चुनाव अभियान का शंखनाद करते हुए उन्होंने मंच पर मौजूद 1971 युद्ध के वीर सपूतों को शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। इसके बाद राहुल ने कहा कि उनका और उत्तराखंड का कुर्बानी का रिश्ता है। मेरे पिता और दादी ने इस देश के लिए अपना खून दिया। ठीक इसी तरह उत्तराखंड के हजारों परिवार ने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया है। ये बात उन लोगों को समझ नहीं आएगी जिनके परिवारों ने ऐसी कुर्बानी नहीं दी है। राहुल ने कहा कि आज देश को बांटा जा रहा है, कमजोर किया जा रहा है। एक भाई को दूसरे भाई से लड़ाया जा रहा है। पूरी सरकार दो-तीन पूंजीपतियों के लिए चलाई जा रही है। किसानों को कमजोर करने के लिए तीन कृषि कानून लाए गए थे। किसान एक साल तक डटे रहे जिसके बाद पीएम ने माफी मांगी और कानून को वापस लिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने आपकी जेब से पैसा निकालकर दो-तीन पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया। जब तक दिल्ली में नरेंद्र मोदी की सरकार है तब तक युवाओं को रोजगार नहीं मिल सकता है। राहुल ने कहा कि उत्तराखंड में हमारी सरकार बनने पर महंगाई को कम किया जाएगा और युवाओं को रोजगार देने के अवसर पैदा होंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि हम आपकी कुर्बानी समझते हैं। मैं वो दिन कभी नहीं भूल सकता जब स्कूल में मुझे बताया गया कि इंदिरा गांधी को 32 गोलियां लगी हैं। आप लोगों को भो फोन आया पापा शहीद हो गए, चाचा शहीद हो गए। आपके और मेरे बीच रिश्ता है। जिस महिला ने इस देश के लिए 32 गोलियां खाईं उनका नाम निमंत्रण पत्र तक में नहीं था। आज महंगाई बढ़ती जा रही है। पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी जी ने आपकी जेब से पैसा निकालकर 10 करोड़ रुपए का अरबपतियों का कर्ज माफ किया है।

राहुल गांधी ने कहा कि पूरी सरकार दो-तीन लोगों के लिए, पूंजीपतियों के लिए चलाई जा रही है। किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानून उन्हें खत्म करने के लिए बनाए गए। किसान पीछे नहीं हटे। एक साल बाद प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर कहते हैं कि गलती हो गई। माफी मांगता हूं। माफी मांगने के बाद जो 700 किसान शहीद हुए उनके बारे में बीजेपी के नेता संसद में कहते हैं कि कोई किसान शहीद नहीं हुआ। सरकार ने किसानों को मुआवजा तक नहीं दिया। किसके लिए काम किया जा रहा था। ये साजिश थी। ये काम दो-तीन उद्योगपतियों के लिए किया जा रहा था।

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान ने 13 दिन में पाकिस्तान को हरा दिया। एक तरफ हिंदुस्तान एक होकर, एक आवाज बनकर, सब मिलकर खड़े हुए। सेना, वायुसेना या नौसेना ने नहीं बल्कि हिंदुस्तान के हर व्यक्ति ने, हर जाति और धर्म ने मिलकर पाकिस्तान को हराया। लाखों परिवार ने बिना मांगे अपने घर का सोना हिंदुस्तान की सरकार को दे दिया। अगर हिंदुस्तान के लोग लड़ रहे होते तो 13 दिन में जीत नहीं मिलती।

राहुल गांधी ने भावनाओं में बहते हुए कहा कि जब मैं यहां आ रहा था तो मैं सोच रहा था कि मेरा उत्तराखंड से क्या रिश्ता है तो याद आया कि मैं दून स्कूल में पढ़ा करता था। आपने उस समय मुझे बहुत प्यार दिया। मेरे परिवार और उत्तराखंड का एक रिश्ता है। मेरा और आपका कुर्बानी का रिश्ता है। मेरी दादी और पिता ने इस देश के लिए अपना खून दिया है। पिता को खोना, भाई को खोना आप लोग जानते हो, समझते हो। जिन परिवारों ने इस कुर्बानी को नहीं दिया वो इसका मतलब नहीं समझेंगे।

राहुल गांधी बोले कि कोरोना में पूंजीपतियों का टैक्स माफ किया गया लेकिन मजदूरों को बस या रेल का टिकट तक नहीं मिला। जब तक नरेंद्र मोदी की सरकार दिल्ली से नहीं हटेगी युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, एयरपोर्ट, माइंस सब कुछ दो-तीन उद्योगपतियों के हाथों में जदा रहा है। आप लिखकर ले लो देश अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बोले-

उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी की वजह से बांग्लादेश बन पाया। जब हम विपत्ति में थे, केदारनाथ की त्रासदी में राहुल गांधी अकेले ऐसे राष्ट्रीय नेता थे जो हमारे आंसू पोंछने के लिए यहां आए। हमने अभूतपूर्व काम करके दिखाया। कोई ऐसा व्यक्ति नहीं दिखता जो कहता हो कि हमें लाभ नहीं मिला। पीएम मोदी पर तंज कसते हुए रावत ने कहा कि कुछ लोग यहां गुफा में ध्यान करने के लिए आते हैं। आपने उस समय हमें सहारा दिया जब हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही थी। पर्यटन नहीं चल रह पा रहा था। राहुल अकेले ऐसे नेता हैं जो सत्ता की आंखों में आंखे मिलाकर बात करते हैं। हम उत्तराखंड को बेरोजगार मुक्त उत्तराखंड बनाएंगे। कांग्रेस आएगी आपके बोझ को घटाएगी।

कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव क्या बोले:-

देवेंद्र यादव ने अपने संबोधन में कहा कि देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने देहरादून की जेल से डिस्कवरी ऑफ इंडिया किताब लिखी, इंदिरा गांधी ने हमेशा उत्तराखंड को प्यार दिया, राजीव और राहुल ने यहीं से पढ़ाई की। राहुल जी आज ये प्रदेश जिन कठिनाइयों से गुजर रहा है, उसमें लोग आपको उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। आज किसान निराश हैं। बेरोजगार साथियों को रोजगार नहीं मिला है। कांग्रेस के साथियों ने किसान और बेरोजगार साथियों के साथ खड़े होने का काम किया है। सरकार सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। हमारी सरकार बनने पर हम युवाओं को रोजगार देने का काम करेंगे। भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाएंगे। लोकायुक्त देने का काम करेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल बोले।

अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता आज वीर सौनिकों को नमन करने के लिए यहां पहुंचे हैं। आज ही के दिन इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे और दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश का जन्म हुआ था। आज लोग राहुल गांधी को उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। हम कृषि कानूनों पर सरकार को घुटनों पर ले आए। कांग्रेस किसानों के साथ खड़े रहे। कांग्रेस का इतिहास बलिदान का रहा है। मैं सेना के शौर्य को नमन करता हूं।

इस दौरान कुन्नूर में हैलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद सीडीएस विपिन रावत हुए सभी सैनिकों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंच पर मौजूद 1971 के वीर सैनिकों को शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।

किस तरह लिया जाना चाहिए राहुल गांधी का यह भाषण।

विजय सम्मान दिवस में राहुल गांधी शुरुआती दौर में जितनी बड़ी चूक कर गए उसका उन्हें शायद जल्दी ही अंदाजा हो गया इसीलिये उन्होंने बाद में अपने भाषण देते समय लम्बे लम्बे पौज लिए। शायद उन्हें इस बात का आभास जरूर था कि उनके कहे एक एक शब्द पर मीन मेख निकाला जाना तय है।

जहां कांग्रेसी इस बात से हैरत में थे कि हरीश रावत जैसे सीनियर लीडर व पूर्व मुख्यमंत्री का नाम राहुल गांधी ने कई कांग्रेसी नेताओं के बाद लिया वहीं आम जन इन बात को लेकर बेहद आवाक था कि राहुल गांधी ने सीडीएस विपिन रावत व उनकी पत्नी व हैलीकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए लोगों का नाम लेना तो दूर उन्हें शहीद कहने में भी परहेज की जबकि वे बार-बार अपने परिवार की कुर्बानी को गिनवाते रहे। भाजपा ही नहीं अन्य दलों के नेताओं ने भी उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस के गांधी परिवार को शहीद व मौत में अंतर मालूम नहीं है। इसे उन्होंने विजय दिवस पर सैनिकों का घोर अपमान करार दिया है।

मंच पर सम्मान के लिए बुलाये गए 1971 के वीर सैनिकों में से एक बयोवृद्ध सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी या सैनिक को जिस तरह से बांह पकड़कर कांग्रेस प्रभारी द्वारा पीछे किया गया, उस से भी सभी लोग हैरान रह गए।

लोगों को सबसे हैरत तो राहुल गांधी के इन बयान पर हुई जिसमें वे बोलते दिखे कि “कोई कहता है सेना ने लड़ाई जितवाई,  कोई कहता है लीडरशिप ने लड़ाई जितवाई, कोई कहता है एयरफोर्स ने लड़ाई जितवाई ..नहीं। हिंदुस्तान के हर व्यक्ति ने हर जात ने हर धर्म ने लड़ाई जितवाई।”

भले ही इसके बाद उन्होंने इस बात को संभालते हुए कहा कि सबने युद्ध लड़ने के लिए स्वेच्छा से अपने गहने तक दे दिए लेकिन यह तीर कमान से छूट चुका था क्योंकि एक ओर आप मंच पर 1971 के वीर सैनिकों को सम्मानित कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनकी वीरता को विजय दिवस के अवसर पर डबल तराजू में तोलते दिखाई दिए।

बहरहाल 27:10 मिनट के राहुल गांधी के भाषण में इस बार बहुत कम ऐसा लगा जब वे कुछ ज्यादा गलती कर बैठे हों। क्योंकि विपक्ष टीवी स्क्रीन पर हाथ में कलम लिए नजरें गढ़ाए बैठा हुआ था क्योंकि सब टकटकी लगाए बैठे थे कि राहुल गलती करें और वही चुनावी मुद्दा बने।

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