Saturday, October 19, 2024
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मालू के मलसवा पर राणेसा से महाबगढ़ जाते थे भांधौ असवाल। मुगल शिवलिंग काटकर मक्का-मदीना ले गए।

मालू के मलसवा पर राणेसा से महाबगढ़ जाते थे भांधौ असवाल। मुगल शिवलिंग काटकर मक्का-मदीना ले गए।

(मनोज इष्टवाल ट्रेवलाग 18 मार्च 2020)

*हिमालय दिग्दर्शन यात्रा 2020। ढाकर यात्रा प्रारंभ…!

आप कहोगे अकल्पनीय….कोरी बकबास! ऐसा हो ही नहीं सकता। लेकिन डार्क टूरिज्म की किंवदंतियों को प्रमाणिकता देते इस क्षेत्र के लोगों के कथ्य और कथानक झुठलाये भी तो नहीं जा सकते। यह अकल्पनीय इसलिए लगता है कि मालू वृक्ष की छाल या लताओं का लगभग 12 मील लम्बा पुल या रस्सियों का ऐसा जाल जो 5000 फुट की ऊंचाई से लेकर 6661 फुट की दूरी नापता हो, उस पर महाबगढ़ का गढ़पति भांधौ असवाल महाब गढ़ पूजा करने जाता रहा हो।

कोरी बकबास इसलिए कि मुग़ल यहां के शिबलिंग को काटकर हिंदुस्तान नहीं बल्कि मक्का-मदीना ले गए क्योंकि महाब बोलांदा केदार माने जाते थे! क्या जनास्थाओं की इन किंवदन्तियों को प्रामाणिक आधार माना जा सकता है।

हिमालय दिग्दर्शन यात्रा 2020 की ढाकर यात्रा उपरोक्त सरोकारों की पड़ताल करती करती पहले ही पड़ाव में पहुंचते हुए ढाकर शोध यात्रा में परिणित हो गयी। क्योंकि हमें अब सिर्फ पुराने ढाकरी रूट को ही नहीं ढूंढना था बल्कि हमें कण्वाश्रम, ऋषि कण्व, माता गौतमी, ऋषि विश्वामित्र, स्वर्ग की अप्सरा मेनका, विश्वमित्र मेनका पुत्री शकुंतला दुष्यंत मिलाप व उनके परिणय के पश्चात जन्मे पुत्र चक्रवर्ती राजा भरत सम्बन्धी बिषयों पर शोध कर वह जमीन ढूंढनी थी जहां उनके ऐतिहासिक प्रमाण रहे हों।

पलायन एक चिंतन के संयोजक ठाकुर रतन सिंह असवाल के नेतृत्व में हिमालय दिग्दर्शन यात्रा 2020 की ढाकर यात्रा का शुभारंभ कोटद्वार स्थित कण्वाश्रम से आज सुबह 9:30 बजे प्रारंभ की गई। योगीराज विश्वपाल जयंत ने नारियल तोड़कर व लैंसडौन विधायक महंत दिलीप सिंह रावत व गढवाळी फिल्मी जगत के पितामह पारेश्वर गौड़ द्वारा हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ करवाया। बलूनी क्लासेस कोटद्वार की निदेशक अभिलाषा भारद्वाज, रेणु कोटनाला, मीना नैथानी, बीना कुकरेती इत्यादि द्वारा हिमालयन दिग्दर्शन यात्रा की टीम का फूल मालाओं से स्वागत यात्रा हेतु शुभकामनाएं दी।

यह देखना यकीनन सुखद था कि ढाकर यात्रा पर निकली इस टीम को विदाई देने कोटद्वार शहर के गणमान्य लोगों के अलावा भावर क्षेत्र के नामी गिरामी लोग भी पहुंचे हुए थे। जिनमें गढ़वाल सभा से जनार्धन बुडाकोटी, संजय थपलियाल, ऋषि कंडवाल, प्रवींदर राणा, विवेक गर्ग ये सभी विश्व हिंदू परिषद, विकास पंत जी, सुनील सैनी जी, श्रीमती प्रणिता कंडवाल, बबिता कुकरेती, लूबना परवीन, रोहिणी बड़थ्वाल, परमजीत कौर इत्यादि ने भी हिमालय दिग्दर्शन यात्रा 2020 के ढाकरी यात्रियों का फूल मालाओं से स्वागत किया।

नगर पालिका दुगड्डा में भी टीम का जोरदार स्वागत किया गया जहां नगर पालिका दुगड्डा द्वारा हिमालय दिग्दर्शन यात्रा को ढाकर यात्रा से जोड़े जाने का स्वागत करते हुए हिमालय दिग्दर्शन टीम का नगर पालिका परिसर में फूल मालाओं से स्वागत किया। नगर पालिका की अध्यक्ष भावना चौहान, अधिशासी अधिकारी हर्षबर्धन सिंह रावत व वन मंत्री के ओएसडी विनोद रावत, बलूनी स्कूल की निदेशक व दुगड्डा की बेटी अभिलाषा भारद्वाज द्वारा हिमालय दिग्दर्शन ढाकर यात्रा टीम को हरी झंडी दिखाकर महाबगढ़ के लिए रवाना किया। इस दौरान पार्षद दीपक, पार्षद आशा देवी, श्रीमती बीना जोशी इत्यादि मौजूद रहे।

दुगड्डा के इतिहास को ढाकर की पुरातन परम्परा से जोड़कर उसकी यादें ताजा करने की खुशी के जश्न में अध्यापक व साहित्यकार जागेश्वर जोशी व उनकी धर्मपत्नी श्रीमती बीना जोशी द्वारा पूरी ढाकर टीम का अपने दुगड्डा स्थित आवास पर स्वागत सत्कार किया गया व उन्हें नाश्ता करवाकर आगे की यात्रा हेतु शुभकामनाएं दी गयी।

तीन गाड़ियों में निकले यात्रा दल में हिमालय दिग्दर्शन यात्रा 2020 की ढाकर यात्रा टीम पर निकले सदस्यों में पलायन एक चिंतन के संयोजक रतन सिंह असवाल, देहरादून डिस्कवर के सम्पादक दिनेश कंडवाल, हिमालयन डिस्कवर के सम्पादक/सीईओ मनोज इष्टवाल, पौड़ी गढ़वाल के संघ के जिला प्रचार प्रमुख अमित सजवाण, समय साक्ष्य के प्रकाशक व इंडिया टुडे पत्रिका के पूर्व संवाददाता प्रवीण भट्ट, टीम हिमालय दिग्दर्शन के कोटद्वार प्रभारी अजय कुकरेती, कैम्प गोल्डन महाशीर के सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार गणेश काला, अध्यापक व समाजसेवी मुकेश बहुगुणा, अध्यापक व साहित्यकार जागेश्वर जोशी,फोटो जर्नलिस्ट हिमांशु बिष्ट व प्रणेश असवाल, कृष्णा काला, सौरभ असवाल, नितिन काला व एक मात्र महिला ट्रैकर श्रीमती सालू बहुगुणा इत्यादि ने रवानगी भरी।

कण्वाश्रम-दुगड्डा-मटियाली-कांडाखाल-पौखाल होते हुए यह यात्रा टीम सड़क मार्ग से महाब गढ़ पहुंची जहां ट्विन वैली रिसोर्ट के संचालक पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रशांत बडोनी व उनके स्टाफ द्वारा टीम का स्वागत किया गया। जहां दिन का खाना खाकर टीम लगभग डेढ़ किमी. पैदल दूरी तय कर महाबगढ़ पहुंची। जहां उन्होंने महाबगढ़ को शिव को सिर नवाया व अपनी अगली यात्रा की सफलता हेतु प्रार्थाना की।
क्रमशः….(अगली कड़ी में माहाब गढ़ का अछूता इतिहास, व दूसरे पड़ाव तक रोचक यात्रा वृत्त से जुड़े रहिये)

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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