Friday, August 22, 2025
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उत्तराखंड में रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए सहायक निबंधक को विजिलेंस कोर्ट ने सुनाई 6 साल की सजा।

देहरादून (हि. डिस्कवर)।

घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए सहकारी समिति के पूर्व सहायक निबंधक को विजिलेंस कोर्ट ने छह साल कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी को हरिद्वार में वर्ष 2013 में एक लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि मामला हरिद्वार का करीब आठ साल पुराना है। उस वक्त उमराव सिंह सैनी हरिद्वार सहकारी समितियों के सहायक निबंधक के पद पर तैनात थे।

इस मामले में जगदीश शर्मा ने विजिलेंस को शिकायत की थी। शर्मा उस वक्त रिटायर्ड हुए थे। इसके बाद उन्हें ग्रेच्युटी और पेंशन के रूप में 13 लाख रुपये मिलने थे। इसके लिए उन्होंने आवेदन किया तो सहायक निबंधक सैनी टाल मटोल करने लगे।

कुछ दिन बाद में पता चला कि सैनी उनसे इसकी एवज में 25 प्रतिशत का हिस्सा मांग रहे हैं। यह रकम तीन लाख 25 हजार रुपये बैठती थी। इस रिश्वत की पहली किश्त के लिए जगदीश शर्मा ने उन्हें अपने घर बुलाया था। पहली किश्त के रूप में एक लाख रुपये दिया जाना था।

चूंकि, विजिलेंस इसमें ट्रैप बिछा चुकी थी। ऐसे में सैनी को एक लाख रुपये की रिश्वत के साथ सैनी को गिरफ्तार कर लिया। सैनी के खिलाफ कोर्ट में विजिलेंस ने आठ गवाह पेश किए थे। इन गवाहों और लिखित साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने छह साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व सहायक निबंधक सैनी काफी विवादों में रहते थे। कई बार उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हुई थी। 2010 में ऊधमसिंहनगर में गेहूं खरीद मामले में भी आरोप लगे थे। इससे पहले पंचायत चुनावों में सहायक निबंधक रहते हुए उन पर चुनाव परिणामों में गड़बड़ी का आरोप भी लगा था।

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