देहरादून (हि. डिस्कवर डेस्क)।
पिता नाहर सिंह जिनकी आंखों में सपने थे कि बेटी इस बार जब टोक्यो ओलम्पिक से लौटे तो उसकी टीम के गले में सोने का तमगा हो, लेकिन विगत मई माह में ही उनका हृदय गति रुकने से देहांत हो गया था। बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और जुट गई ओलम्पिक की तैयारियों पर…! और आखिर आज वह कर दिखाया जो आज तक विश्व के बड़े बड़े हॉकी आइकॉन कर गुजरने के सपने देखते हैं। जी हां उत्तराखंड की हरिद्वार निवासी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलम्पिक में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध तीन गोल दागकर ओलम्पिक के इतिहास में इतिहास रच डाला। उनकी हैट्रिक के कारण भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से शिकस्त दी।
टोक्यो ओलंपिक में हैट्रिक लगाने वाली उत्तराखंड की वंदना कटारिया का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। हरिद्वार की वंदना ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करो या मरो के मैच में एक के बाद एक तीन गोल कर टीम को जीत दिलाई। ओलंपिक में हैट्रिक करने वाली वंदना भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। हाकी इंडिया ने भी वंदना को ट्वीट कर उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। वंदना की इस सफलता पर उनके घर में जश्न का माहौल है।
वंदना कटारिया का परिवार हरिद्वार के रोशनाबाद में रहता है। हरिद्वार भेल से सेवानिवृत्त के बाद वंदना के पिता ने रोशनाबाद में दूध का व्यवसाय शुरू किया था। उनकी सरपरस्ती में वंदना कटारिया ने रोशनाबाद से अपनी हाकी की यात्रा शुरू की। उस वक्त गांव में वंदना के इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों ने परिवार के साथ उनका भी मजाक उड़ाया था। पिता नाहर सिंह और माता सोरण देवी ने इसकी परवाह न करते हुए वंदना के सपने को साकार करने के लिए हर कदम पर उसकी सहायता की।
कहते हैं कि वंदना का शुरुआती सफर बहुत संघर्षों का रहा क्योंकि रोशनाबाद जैसी छोटी जगह में हॉकी के लिए उपयुक्त माहौल तलाशना हॉकी स्टिक, किट इत्यादि की व्यवस्था करना जैसी कई मूलभूत समस्याएं उनके आड़े आती थी लेकिन पिता नाहर सिंह ने तो अपनी आंखों से बेटी की आंखों के सपने उसकी ललक व समर्पण को देखकर देख लिया थे। बिना समाज के परवाह किये बेटी को प्रोत्साहित करने वाले नाहर सिंह ने आखिर बेटी को पूरे देश की नहीं विश्व भर की स्टार बनाकर रख दिया। विश्व हॉकी में आखिर वंदना कटारिया पहली ऐसी महिला खिलाड़ी बन गयी जिन्होंने हैट्रिक लगा इतिहास रच दिया।
ज्ञात हो कि पिता की मौत के बाद भी बंगलुरू में टोक्यो ओलिंपिक की तैयारियों में जुटी वंदना कटारिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए मैच में शानदार प्रदर्शन कर पिता को श्रद्धांजलि दी है। वंदना का सपना ओलिंपिक में मेडल जीतकर पिता को श्रद्धांजलि देना है। वंदना के पिता की 30 मई को हृदयगति रुकने से निधन हो गया था।
वंदना कटारिया के इस अद्भुत प्रदर्शन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुये शुभकामनाएं दी है हैं – “साउथ अफ्रीका को 4-3 से हराने पर भारतीय महिला की सभी खिलाड़ियों तथा इस मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाले देश की बेटी वंदना कटारिया को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।”
वहीं राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम के पूर्व कोच व भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर मीर रंजन नेगी ने टीम इडिया की इस शानदार जीत पर कहा है कि “यह सचमुच चक दे इंडिया” की तर्ज की लगातार दूसरी जीत है। जिस भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए प्रॉपर ग्राउंड्स नहीं हैं वह ओलम्पिक में ऐसा धमाल मचाये तो बड़ा शुकून मिलता है। उन्होंने कहा आज की मैच की सबसे बड़ी स्टार हमारी वंदना कटारिया ने तो ओलम्पिक हॉकी के इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षर में दर्ज कर दिया है। देश की बेटी व मेरे राज्य उत्तराखंड की इस होनहार खिलाड़ी की इस हैट्रिक पर मुझे गर्व है। सचमुच यह मैच बेहद रोमांच भरा था और मुझे ऐसे लग रहा था मानों मैं स्वयं ग्राउंड में स्टिक पकड़कर खड़ा हूँ। बहुत बहुत शुभकामनाएं देश की इन शेरनियों के लिए।”
सचमुच वंदना के इस प्रदर्शन से पूरा देश रोमांचित है व पूरी टीम ही नहीं देश के लोग बड़ी स्क्रीन पर इस मैच जिसे भारत ने 4-3 से जीता को देखकर वंदना के स्वागत में ताली बजाते हुए उठ खड़े हुए।