Thursday, December 12, 2024
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यूकेडी नेत्री प्रमिला रावत का दावा. .! बलात्कार के बाद 22 या 23 तारीख को चीला बैराज में मारकर डाली गई अंकिता भंडारी।

(हिमालयन डिस्कवर एक्सक्लूसिव)

उत्तराखंड क्रांति दल की वरिष्ठ नेत्री प्रमिला रावत ने अंकिता भंडारी मर्डर केस का जो दर्द व कड़वा सच आज फेसबुक लाइव करके सबको भौंचक कर दिया। प्रमिला रावत ने जानकारी देते हुए कहा कि उस सहित तीन अन्य ने एम्स मोर्चरी में अंकिता के पार्थिव शरीर को देखा तो हम स्तब्ध रह गए। खून जाम हो गया। रोंगटे खड़े हो गए। अंकिता को इन दरिंदों ने ऐंसे नोचा हुआ था जैसे गिद्ध लाश नोंचते हैं। अंकिता के चेहरे पर हाथों पर वे अन्य स्थानों पर दांतों के निशान थे। उसके लंबे बाल जलाए हुए थे। प्रथम दृष्टा ही लग रहा था कि हमारी बेटी के साथ बेहद बहशीयाना अंदाज में बलात्कार किया गया था।

(उत्तराखंड क्रांतिदल की वरिष्ठ नेत्री प्रमिला रावत)

प्रमिला रावत ने लक्ष्मण झूला थाने के घेराव की जानकारी साझा करते हुए कहा कि पटवारी वैभव प्रताप ने अंकिता भंडारी के पिता को जगह -जगह थानों में भेज-भेजकर गुमराह किया। 19 सितम्बर को अंकिता के पिता देहरादून आये व यहां आकर अपने गांववालों से मिले तब जाकर कहीं कार्यवाही शुरू हुई। जब यूकेडी की मातृशक्ति व स्थानीय लोगों को पता चला कि अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई तब सबने मिलकर लक्ष्मण झूला थाने का घेराव किया। उन्होंने पुलिस टीम को बधाई देते हुए कहा कि जैसे ही उनके पास 21 -22 सितम्बर 2022 को केस ट्रांसफर हुआ उन्होंने मात्र 18 घण्टे के अंदर -अंदर चीला बैराज से अंकिता की लाश बरामद कर ली थी।

प्रमिला रावत ने दावा किया कि अगर जनप्रतिनिधि आपस में नहीं उलझते और हम सबएक जुट होकर काम करते तो आज अंकिता भंडारी हमारे मध्य जिंदा होती क्योंकि उन्हें अंदेशा है कि अंकिता को 22 या 23 सितम्बर को मारकर चीला बैराज में फैंका गया था। 24 सितम्बर सुबह 6:30 बजे लाश चीला बैराज से निकाली गई। उन्होंने उत्तराखंड मातृशक्ति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि वह श्रीमती सरोजनी थपलियाल, आरती राणा, संजीव सिलस्वाल, संजय चौहान, विनय जोशी सहित सैकड़ों लोग थाना लक्ष्मण झूला में डटे रहे। हमारे ये प्रयास तब कामयाब हुए जब जिलाधिकारी पौड़ी जोगदंडे, एसएसपी यशवंत सिंह ने हमारे साथ बैठक की कहा कि आप लोग निष्फिक्र रहिये और घर जाइये। लेकिन भला यह सैलाव कैसे रुकता।

प्रमिला रावत बताती हैं कि अंकिता का भाई अजय व उनके पिताजी बीरेंद्र सिंह भंडारी एक गाड़ी में गए, दूसरी गाड़ी में मैं व आरती, सरोजनी थपलियाल, विनय जोशी गए लेकिन हमारी गाड़ी रास्ते में फंस गई। गाड़ी हमें रास्ते में मिली तो पुलिस वालों ने हमें गुमराह किया कि हम लाश लेकर पौड़ी जा रहे हैं। लेकिन हम भला कहां मानने वाले थे। हमने भी ठान लिया था कि जहां -जहां गाड़ी जाएगी हम उसके पीछे-पीछे चलेंगे। इन्होंने सीधे एम्स अस्पताल ऋषिकेश की मोर्चरी में अंकिता का पार्थिव शरीर रख दिया और किसी को उनके निकट तक नहीं फटकने दिया। धीरे-धीरे भीड़ ने मोर्चरी घेर दी। जनता अंकिता को देखने को बेताब थी लेकिन इन्होंने किसी को उसे देखने की अनुमति नहीं दी।

प्रमिला बताती हैं कि मैंने जिलाधिकारी पौड़ी, एसएसपी पौड़ी व एएसपी कोटद्वार सुयाल जी से विनती की कि हमें देखने दिया जाय। उन्होंने मुझे आरती राणा, सरोजनी थपलियाल व वहां के वर्कर मनवीर चौहान को परमिशन दी। जब हमने अंकिता भंडारी का शरीर देखा तो हमारा खून इतना खोल गया था कि मैं शब्दों बयान नहीं कर सकती। प्रमिला कहती हैं कि मुझे लगता है कि अंकिता 18 सितम्बर से लापता प्रमिला को इन्होंने मारकर ज्यादा से ज्यादा 22 या 23 सितम्बर को चीला बैराज में डाला। उन्होंने उसके गायब होने के दिन से लेकर मारने वाले दिन तक लगातार बलात्कार किया। उसके पूरे शरीर पर इन बहशियों के दांत के निशान थे।

प्रमिला रावत ने जोर देकर कहा कि पुलकित आर्य, सौरभ व अंकित ने तो अंकिता के साथ बलात्कार किया ही किया। लेकिन जिसे वह वीआईपी सर्विस देने की बात कर रहे थे, उसने भी किया। उन्होंने कहा कि उनकी कमर में चोट लगी है। आपको पता है यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट ने उनके पैर पर गाड़ी चढ़वा दिया था। उन्होंने कहा कि मेरा फेसबुक आने का सबसे बड़ा कारण यह है कि वह इस वीडियो के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सन्देश पहुंचाना चाहती हैं क्योंकि वह उत्तराखंड प्रदेश सरकार व उसके नेताओं पर रति भर भी विश्वास नहीं करती क्योंकि नरेंद्र नगर विधायक सुबोध उनियाल, ऋषिकेश विधायक प्रेम अग्रवाल व यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट की चुप्पी ने हमें बता दिया था कि ये कैसे जनप्रतिनिधि हूं।

उत्तराखंड क्रांति दल की नेत्री अगर अंकिता भंडारी को न्याय नहीं मिला तो हम ईंट से ईंट बजाकर रख देंगे और ऐसे बलात्कारियों को जिंदा जला देंगे। आंदोलन तो अब शुरू होगा। क्योंकि इन्होंने अंकिता के बाल जलाये, पैर जलाए, हाथ और पैर की अंगुलिया तोड़ डाली। उन्होंने कहा सूर्यास्त के बाद अंत्येष्ठि जिस जल्दबाजी में की गई उसने सिस्टम की पोल खोलकर रख दी। हम चाहते थे अंकिता का पुनः पोस्टमार्टम प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाएंगे। चिंता मत करो भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। हम पीआईएल दर्ज करेंगे व इन्हें बिना फांसी दिलाये चैन की सांस नहीं लेंगे।

वहीं पुलिस महकमें के पौड़ी इंचार्ज विनोद गुसाँई द्वारा दिनांक 29 सितम्बर 2022 को फ़ोन न. 9411112846 से दूरभाष पर सुबह 9:23 बजे इस खबर के सम्बंध में मुझसे वार्ता करते हुए स्पष्ट किया गया कि यह फ़ेसबुक पर वायरल मात्र एक वायरल वीडियो है व इसका दूर दूर तक सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। मैंने उनसे पूछा कि क्या आपका यह बयान छाप दूँ तब वे बोले- मैं यह केस नहीं देख रहा हूँ लेकिन मेरा रोज़ मृतका के घर आना जाना हो रहा है, ऐसे में हमें ऐतिहात बरतना चाहिए कि धीरे-धीरे सुधर रही व्यवस्थाएँ बिगड़े नहीं। क्योंकि इस सब का जाँच से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है।

नीचे दिए लिंक को क्लिक कीजिए और सुनिए आप भी क्या कह रही हैं प्रमिला रावत:-

https://youtu.be/-0S4ihVpTLM

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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