Tuesday, March 25, 2025
Homeउत्तराखंडचारधाम यात्रा को लेकर तीर्थनगरी में जबरदस्त उत्साह, अब तक 1.40 लाख...

चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थनगरी में जबरदस्त उत्साह, अब तक 1.40 लाख से अधिक यात्री करा चुके ऑनलाइन पंजीकरण

ऋषिकेश। चारधाम यात्रा करीब दो माह बाद शुरू होनी है, लेकिन यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में अभी से जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। 21 फरवरी से शुरू किए गए आनलाइन पंजीकरण में अब तक 1.40 लाख से अधिक तीर्थ यात्री बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में दर्शनों के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। इसके साथ ही अब श्री बदरीनाथ-श्री केदारनाथ मंदिर समिति भी शीघ्र दोनों धाम में पूजा व अभिषेक के लिए पंजीकरण खोलने पर विचार कर रही है।

इस वर्ष चारधाम यात्रा 22 अप्रैल को अक्षय तृतीय तिथि से शुरू होने जा रही है। मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीय तिथि पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते हैं। हालांकि इसके लिए अभी अधिकारिक रूप से घोषणा नहीं हुई है। जबकि, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाने हैं। इस वर्ष की चारधाम यात्रा में बीते वर्ष की अपेक्षा अधिक तीर्थ यात्रियों की आने की उम्मीद है, जिसके लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं

बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होने के बाद 21 फरवरी को प्रशासन ने इन दोनों धामों में दर्शन के लिए आनलाइन पंजीकरण भी खोल दिया है। आनलाइन पंजीकरण खुलने के साथ ही पहले दिन 31 हजार तीर्थ यात्रियों ने इन दोनों धामों में दर्शन के लिए पंजीकरण कराया। दो दिन पूर्व पंजीकरण की संख्या एक लाख का आंकड़ा पार कर गई। जबकि, सोमवार को पंजीकरण खुलने के सातवें दिन एक लाख 40 हजार 96 तीर्थयात्री बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में दर्शनों के लिए पंजीकरण करा चुके थे।

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के उप निदेशक वाईएस गंगावार ने बताया कि सोमवार शाम पांच बजे तक बदरीनाथ धाम के लिए 62953 और केदारनाथ धाम के लिए 77143 तीर्थ यात्री पंजीकरण करा चुके थे। बताया कि दोनों धाम में पूजा और अभिषेक के लिए भी आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था है। शीघ्र ही श्री बदरीनाथ-श्री केदारनाथ मंदिर समिति पूजा व अभिषेक के लिए अपनी आनलाइन वेबसाइड खोलने जा रही है।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES