देहरादून। सावन माह के पहले दिन प्रदेश के शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों के आने का सिलसिला जारी है। तड़के से शिवालय में हजारों शिवभक्त लंबी कतार में लगे हैं। बम-बम भोले के जयकारों के देवभूमि के शिवालय गूंज उठे हैं। इस बार सावन का महीना चार जुलाई मंगलवार से शुरू हुआ है। श्री तपोनिधि पंचायती अखाड़ा निरंजनी के संत स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि मासों में उत्तम पुरुषोत्तम मास की शुरुआत सावन के मध्य से हुई है। इस बार श्रावण मास 59 दिनों का होगा। खास बात यह है कि इस वर्ष श्रावण मास में आठ सोमवार होंगे। शिवोपासना संस्थान डरबन साउथ अफ्रीका एवं शिव उपासना धर्मार्थ ट्रस्ट, हरिद्वार के संस्थापक स्वामी रामभजन वन महाराज ने कहा कि भगवान शिव को श्रावण मास अति प्रिय है। श्रावण मास के पहले दिन मंगला गौरी व्रत, त्रिपुष्कर योग और शिव मास का शुभ संयोग बन रहा है, जो भक्तों के लिए कल्याणकारी होगा। पहले दिन दोपहर 11 बजकर 49 मिनट तक इन्द्र योग रहेगा, उसके बाद वैधृति योग लग जाएगा। इंद्र योग की बात करें तो इस योग के दौरान राज्य पक्ष के कार्यों में अथवा सरकारी कामों में सफलता जरूर मिलती है।
वहीं अगर वैधृति योग की बात करें तो यह स्थिर कार्यों के लिए ठीक है परंतु यदि कोई भागदौड़ वाला कार्य अथवा यात्रा करनी हो तो इस योग में नहीं करनी चाहिए। साथ ही इस दिन सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र लग जाएगा, जो की चार जुलाई सुबह पांच बजकर 39 मिनट तक रहेगा। वहीं, सावन की शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का दिन है। इसलिए शिवजी के साथ माता पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए। सुबह उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर शिवजी की पूजा करें। पूजा में शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग और फूल चढ़ाएं।