Wednesday, November 20, 2024
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इस बार राजपथ पर दिखेगी “विकसित उत्तराखंड” की झांकी।

दिल्ली के लाल किले में पहली बार मिलेंगे उत्तराखण्ड की विकास यात्रा के दर्शन करने को 

  • दिल्ली के लाल किले में पहली बार मिलेंगे उत्तराखण्ड की विकास यात्रा के दर्शन करने को 

नई दिल्ली/ देहरादून (हि. डिस्कवर)

एक ओर अयोध्या में श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा के बाद विराजमान श्रीराम मंदिर में विराजमान हो गए हैं वहीँ दूसरी ओर सिर्फ तीन दिन बाद अर्थात चौथे दिन 26 जनवरी को राजपथ पर हमें ” विकसित उत्तराखंड” की झांकी देखने को मिलेगी। विकसित उत्तराखंड की झांकी को अंतिम रूप मिलने के बाद सूचना एवं लोकसम्पर्क विभाग के संयुक्त निदेशक केएस चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार की झांकी में हम उत्तराखंड के मानसखंड अर्थात कुमाऊं मंडल की पृष्ठभूमि को अंगीकार कर झांकी के अग्र भाग में कुमाऊंनी महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है।

ज्ञात हो कि इस बर्ष पूरे देश में भारत पर्व मनाया जा रहा है इसलिए  भारत पर्व के अवसर पर 23 से 31 जनवरी तक दिल्ली के लाल किले में पहली बार उत्तराखण्ड की विकास यात्रा के दर्शन करने को मिलेंगे। इस बार झांकी की थीम ‘विकसित उत्तराखण्ड’ रखी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदार की धरती से 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का बताया था जिसकी दिशा में राज्य सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार कदम बढ़ा रही है।

‘विकसित उत्तराखण्ड’ झांकी में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक व नोडल अधिकारी के.एस. चौहान ने बताया कि ‘विकसित उत्तराखण्ड’ झांकी के अग्र भाग में कुमाऊंनी महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है और पारम्परिक व्यंजन मंडूवा, झंगोरा, रामदानाकौणी की खेती अथवा राज्य पक्षी मोनाल को दर्शाया गया है और झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दिखाया गया है व इस योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है।

केएस चौहान ने बताया कि वर्ष 2023 में भारत सरकार ने उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के सरमोली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया था। इसके अतिरिक्त लखपति दीदी योजना से राज्य की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। स्वयं सहायता समूह में कार्य करते हुए स्थानीय महिलाएं व सुन्दर पहाड़ों में सौर ऊर्जा और मोबाइल टावर को भी उकेरा गया है। ‘विकसित उत्तराखण्ड’ झांकी के अंतिम भाग में ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोपवे और भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड़ कनेक्टिविटी को दर्शाया गया है। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड में यात्रियों के लिए आवागमन की सुविधा में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ है।

सूत्रों की मानें तो  इस बार हो सकता हें 26 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड में महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन तस्वीर दिखने को मिलेगी जिसमें गणतन्त्र दिवस परेड में सभी राज्यों से महिलाओं का प्रतिनिधित्व दिखने को मिल सकता है।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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