Tuesday, October 21, 2025
Homeलोक कला-संस्कृतिआश्रमों के हाउस टैक्स को लेकर साधू समाज व काबीना मंत्री मदन...

आश्रमों के हाउस टैक्स को लेकर साधू समाज व काबीना मंत्री मदन कौशिक के बीच गर्मागर्मी।

हरिद्वार (हि. डिस्कवर)

साधू सन्त समाज द्वारा आश्रमों पर लादे गए टैक्स की नाराजगी दूर करने गए गए काबीना मंत्री मदन कौशिक व साधू समाज के बीच हुई गर्मागर्मी का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें साधू सन्त समाज के मध्य बैठे कांग्रेसी नेता सतपाल ब्रह्मचारी सीधे सीधे आरोप लगाते नजरा रहे हैं कि यह भाजपा सरकार द्वारा किया गया है। जिसमें अपनी दलीलें देते हुए काबीना मंत्री मदन कौशिक तैश में आकर सतपाल ब्रह्मचारी को कहते सुनाई दे रहे हैं कि यह टैक्स तो पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में लागू किये गए थे।

भाजपा के कैबिनेट मंत्री मढ़न कौशिक अपनी सीट से खड़े होकर साधु संतों के बीच हाउस टैक्स से जुड़े एक आदेश को लेकर काफी उत्तेजना में बोल रहे हैं। कांग्रेसी नेता सतपाल ब्रह्मचारी व काबीना मंत्री मदन कौशिक के बीच ही यह सब हो रहा था या फिर अन्य सन्त भी इस पर बोल रहे थे , यह साफ नहीं दिखाई दिया गया क्योंकि जिस ओर मुंह करके काबीना मंत्री मदन कौशिक अपनी दलीलें दे रहे थे उधर वायरल वीडियो का कैमरा नहीं घूमा था।

वायरल वीडियो में नेता सतपाल ब्रह्मचारी भी बीच बीच में उठकर बोल रहे है। ब्रह्मचारी यह भी कह रहे कि कांग्रेस शासन में नही आया यह ऐसा आदेश।यह भी कह रहे कि इसमें राजनीति मत करो।

भारी हंगामे व शोरगुल में काबीना मंत्री मदन कौशिक हाथ में सुप्रीम कोर्ट का आदेश लिए हुए उत्तेजना के साथ सतपाल ब्रह्मचारी को जबाब देते रहे जिसमें नारायण दत्त तिवारी, सुप्रीम कोर्ट व NGT का भी जिक्र हो रहा है। वीडियो देख कर लग रहा है संत समाज भाजपा के राज में आये हाउस टैक्स को लेकर नाराज हो रहे हैं। जबकि शहरी विकास मंत्री कौशिक कह रहे यह आदेश भाजपा के शासन का नहीं है।

बहरहाल समझ में यहां यही आ रहा है कि मदन कौशिक सन्त समाज को  समझाने की कोशिश में कर रहे हैं कि यह आदेश उनके कार्यकाल में नहीं बल्कि मुख्यमन्त्री नारायणदत्त तिवारी के कार्यकाल का है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अब फैसला दिया है।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES