● जनभावनाओं का आदर करना कोई भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी से सीखे।
●ट्वीट कर दी जानकारी कि बहुत कम स्टेशनों पर रुकेगी सिद्धबली जनशताब्दी व गढ़वाल जनपद के दूरस्थ इलाकों की जनता को देखते हुए हो सकता है समय सारिणी में फेर बदल।
●तीन मार्च को हरी झंडी- कोटद्वार से दिल्ली के लिए चलेगी सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस।
●समय सारिणी को लेकर स्थानीय स्तर पर उभरे विरोध के स्वर ।
कोटद्वार (हि. डिस्कवर)।
कोटद्वार से सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस की उहापोह के मध्य आगामी बुधवार अर्थात 3 मार्च को सिद्धबली एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर कुमाऊं की टनकपुर-पूर्णागिरि एक्सप्रेस की भांति इसका भी विधिवत लोकार्पण करेेंगे। लेेेेेकिन सिद्धबली एक्सप्रेस की समय सारिणी से पौड़ी जनपद के लोगों के बीच नाराजगी देखने को मिली जिसका फौरन संज्ञान लिखते हुए राज्य सभा सांसद ने ट्वीट किया है।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि “सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस के संचालन के समय पर हर स्तर पर विचार हो रहा है। मेरी कोशिश है कि कोटद्वार के आस पास के इलाके समेत पौड़ी जिले के दूर दराज के लोग भी इस ट्रेन को आसानी से पकड़ सके। किसी को भी अतिरिक्त परेशानी न उठानी पड़े। सभी को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन की टाइमिंग तय होगी। यह ट्रेन गिनती के स्टेशन में रुकेगी।” अनिल बलूनी, राज्यसभा सदस्य
ज्ञात हो कि बीते साल से कोटद्वार में दोपहर को चलने वाली गढ़वाल एक्सप्रेस बंद हो चुकी है। गढ़वाल एक्सप्रेस का समय पहाड़ से आने वाले यात्रियों के लिए काफी मुफीद समझा जाता रहा है। पौड़ी जिले के सुदूरवर्ती इलाके से सुबह बस में चलने वाला व्यक्ति भी दोपहर में पहुंचकर लगभग 3 बजे गढ़वाल एक्सप्रेस को पकड़ लेता था। फिलहाल,कोरोना काल से यह ट्रेन बंद है।
वहीं दूसरी ओर सिद्धबली एक्सप्रेस की कोटद्वार से रवानगी का संभावित समय सुबह 5 बजे को लेकर भी भारी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह समय कोटद्वार आस पास के व्यापारियों के लिए ठीक हो सकता है, आम जनता को इससे कोई लाभ नहीं मिलने वाला। वहीं विपक्ष की राजनीति करने वाले छुटभैय्या नेता तो यहां तक कह गए कि यह केंद्र व उत्तराखंड सरकार की आपसी मिलीभगत है क्योंकि वे नहीं चाहते कि पहाड़ वासी सुविधा जनक व कम किराए व कम समय में दिल्ली पहुंच सके। यह जान बूझकर किया जा रहा खेल है ताकि लोग बस के ही धक्के खाते रहें। क्योंकि अगर सुबह 5 बजे समय होता है तो गढ़वाल से आने वाले लोगों व पर्यटकों को एक रात कोटद्वार में काटनी पड़ेगी। यह सब आर्थिक और समय की दृष्टि से बहुत उन पर लादा जाने वाला आर्थिक बोझ होगा।
यही नही, देहरादून से चलने वाली मसूरी एक्सप्रेस में भी कोटद्वार के दो डिब्बे नजीबाबाद जंक्शन पर जुड़ते थे। बीते काफी समय से यह दो डिब्बे भी लगने बंद हो गए। लिहाज़ा, पौड़ी गढ़वाल के लोगों की निगाहें सिद्धबली एक्सप्रेस पर ही टिक गई है।
एक अनुमान के आधार पर प्रतिदिन कोटद्वार से दिल्ली की ओर आने जाने वाले यात्रियों की संख्या हजारों में होती है, ऐसे में सिद्धबली एक्सप्रेस का संचालन उन सबके लिए वरदान साबित हो सकता है बशर्ते उसके समय में बदलाव किया जाए।
फिलहाल रेलवे की सिद्धबली एक्सप्रेस के लिए तैयार समय सारिणी के अनुसार रेल कोटद्वार के बाद 12 रेलवे स्टेशनों पर रुकेगी व लगभग सवा सात घण्टे के बाद कोटद्वार से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। इसके प्रमुख स्टेशन नजीबाबाद-मुआजामपुर-बिजनौर-हल्दौर-चांदपुर-मंडी धनौरा-गजरौला-हापुड़-पिलखुआ-गाजियाबाद-शाहदरा दिल्ली व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन होंगे जबकि पूर्व में इसका रूट कोटद्वार-रुड़की-मेरठ सहारनपुर होते हुये सिर्फ 5 घण्टे के अंतराल में दिल्ली पहुंचने का बताया गया था।
बहरहाल जन विरोध के उठते स्वरों को भांपते हुए राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने बेहद कूटनीति व राजनीतिक समझदारी का परिचय देते हुए सबके मुंह बंद करते हुए अपने ट्वीट के माध्यम से जबाब देकर स्पष्ट किया है कि वे जन भावनाओं का आदर कर्तव्य हुए रेल की समय सारिणी में बदलाव करेंगे व रेल सिर्फ गिनती के स्टेशन पर ही रुकेगी ताकि पहाड़ी जनमानस को बेवजह परेशानी का सामना न करना पड़े।