नई दिल्ली/देहरादून ।
केंद्र सरकार ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त करने का आदेश जारी किया। जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद अनिल चौहान को सीडीएस की जिम्मेदारी मिली है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान जी (से.नि.) को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के सपूत को
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किए जाने पर प्रत्येक उत्तराखण्डवासी गौरान्वित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में भारतीय सेना सदैव की भांति राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी।”
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने भारत के नव नियुक्त सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (से नि) को बधाई दी है । राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि उत्तराखंड राज्य से ही देश को दूसरे सीडीएस मिले हैं । उन्होंने कहा कि वह सेना के दिनों से नवनियुक्त सीडीएस से भली भांति परिचित हैं । उन्होंने बताया कि वह अत्यंत योग्य एवं कार्य कुशल सैन्य अधिकारी रहे हैं । राज्यपाल ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल चौहान ने उनके साथ कई ऑपरेशनल चुनौतियों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में काम किया है । उल्लेखनीय है कि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जब सेना में कश्मीर में कोर कमांडर थे उस समय ले जन चौहान बारामूला में जीओसी के पद पर तैनात थे । राज्यपाल ने लेफ्टिनेंट जनरल चौहान बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि वह अपनी कार्य कुशलता ,अनुभव और सामरिक दूर दृष्टि से अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।
ज्ञात हो कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। एक हवाई दुर्घटना में उनकी मौत के बाद देश का यह अहम पद खाली चल रहा था। केंद्र सरकार द्वारा इस पद के लिए अनिल चौहान की नियुक्ति भी उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व की बात है। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का पैतृक गांव पौड़ी गढ़वाल में ही पड़ता है।
एनएसए अजीत डोभाल के मिलिट्री एडवाइजर रहे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में महारत हासिल है। उनकी बारामूला समेत जम्मू कश्मीर के कई जगहों पर तैनाती रही है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है और अब वे भारत सरकार के सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी काम करेंगे। 18 मई 1961 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान देश के नए सीडीएस होंगे। उन्हें 1981 में 11वीं गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था।
लगभग 40 वर्षों के करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई कमांड, स्टाफ और सहायक नियुक्तियां हासिल की। उन्हें जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव रहा है। आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में उन्हें महारथ हासिल है।
आईएमए देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने उत्तरी कमान के बारामुला सेक्टर में मेजर जनरल के पद पर भी इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली है। बाद में पूर्वोत्तर में एक कोर की कमान संभाली और फिर सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने। 31 मई, 2021 को सेवा से सेवानिवृत्त होने तक वह इसी पद पर बने रहे।

