Saturday, July 27, 2024
Homeउत्तराखंडइस दिन बंद होंगे केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट

इस दिन बंद होंगे केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट

गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर अन्नकूट के अवसर पर पूर्वाह्न 11:45 बजे बंद हो जायेंगे

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी को तय होगी

देहरादून। शीतकाल के लिए श्री केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज बुधवार 15 नवंबर को विधि-विधान से बंद हो जायेंगे। श्री गंगोत्री मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी केे अनुसार श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु 14 नवंबर अन्नकूट के अवसर पर पूर्वाह्न 11.45 बजे बंद हो जायेंगे।जबकि श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज 15 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद होंगे। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी मंगलवार 24 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम में तय की जायेगी। कपाट बंद होने की तिथि घोषित करने हेतु श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में धार्मिक समारोह आयोजित किया जायेगा।

कार्यक्रम के मुताबिक श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी)अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में रावल एवं धर्माधिकारी पंचांग गणना पश्चात कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त की घोषणा की जायेगी। इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह सहित अधिकारी कर्मचारी, हक-हकूकधारी, मौजूद रहेंगे।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की तिथि तय करने के कार्यक्रम में यात्रा वर्ष 2024 के लिए मंदिर भंडार की जिम्मेदारी के तहत मंदिर समिति द्वारा हकहकूक धारियों को पगड़ी भेंट की जायेगी। श्री केदारनाथ धाम के कपाट परंपरागत रूप से भैया दूज बुधवार 15 नवंबर को विधि-विधान से बंद हो जायेंगे । और भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन प्रवास श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी।

विजय दशमी को ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट बंद होने की तिथि श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तथा तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय होगी।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES

ADVERTISEMENT