नई दिल्ली (हि. डिस्कवर)।
अगर व्यक्ति अंदर से मजबूत हो व उसकी विल पावर (जिजीविषा) में मजबूती हो तो वह मौत को भी हराकर जिंदगी जीत सकता है। इसके यूँ तो कई उदाहरण हो सकते हैं लेकिन तीन उदाहरण यहां इसलिये देना जरूरी है क्योंकि ये तीनों देश दुनिया की नामी हस्तियों में शुमार हैं जिनमें क्रिकेटर युवराज सिंह, अभिनेत्री मनीषा कोइराला व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व उत्तराखंड से राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी प्रमुख हैं। युवराज सिंह और मनीषा कोइराला तब टाटा कैंसर हॉस्पिटल में अनिल बलूनी से मिलने गए थे जब 2019 में वे यहां अपने कैंसर के इलाज के लिए भर्ती थे।
आपको ज्ञात होगा कि राज्यसभा सांसद बलूनी अगस्त 2019 में टाटा कैंसर अस्पताल मुम्बई में भर्ती हुए थे जिसकी जानकारी कुछ चुनिंदा लोगों को ही थी। बलूनी ने खुद इस बात का पटाक्षेप करते हुए इसकी जानकारी 29 अक्तूबर 2019 को अपने फेसबुक अकाउंट पर दी थी।
भाजपा प्रवक्ता ने कैंसर अस्पताल से लौटने के बाद अपनी यादें साझा करते हुए बताया था कि जब वे कैंसर का इलाज कराने के लिए मुंबई अस्पताल में भर्ती थे। तब यही सोचते थे कि जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें जिस तरह का इलाज मिल रहा है, वैसा ही इलाज उत्तराखंड के लोगों को भी मिलना चाहिए।
उन्होंने इस सम्बंध में टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा को पत्र लिखकर उत्तराखंड में कैन्सर हॉस्पिटल खोलने की गुजारिश की थी जिसके जबाब में टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा ने सांसद अनिल बलूनी को पत्र लिखकर उन्हें उत्तराखंड में कैंसर संस्थान खोलने की रजामंदी की जानकारी दी।
अनिल बलूनी की इस सार्थक पहल से प्रदेश मेें इस संस्थान के स्थापित होने से कैंसर से जूझ रहे मरीजों को बेहतर जांच, उपचार और ऑपरेशन आदि की सुविधा मिलेगी। साथ ही आस-पास के शहरों में भी कैंसर का उच्चस्तरीय अस्पताल न होने के कारण, वहां के कैंसर मरीजों को भी खासी राहत मिलेगी। बलूनी ने कहा कि रतन टाटा का आभार जताते हुए कहा कि टाटा समूह ने कैंसर संस्थान के रूप में उत्तराखंड को एक बड़ा उपहार दिया है।
कई दौर की बातचीत के पश्चात आज फिर ऑटोमिक एनर्जी मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ इसी संदर्भ में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक के पश्चात भाजपा प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने सोशल साइट पर ट्वीट करते हुए लिखा:-
उत्तराखंड में टाटा कैंसर हॉस्पिटल की स्थापना के सन्दर्भ में दिल्ली में अटॉमिक एनर्जी के मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह जी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ. राजेंद्र अच्युत बडवे और डिप्टी डायरेक्टर डॉ. पंकज चतुर्वेदी, उत्तराखंड के प्रमुख सचिव स्वास्थ अमित नेगी, डि.जि चिकित्सा शिक्षा सी रवि शंकर और उत्तराखंड कैंसर हॉस्पिटल के डॉ. पांडे भी मौजूद थे।
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