डॉ मनसुख मांडविया
भारत के किसान हमेशा से अर्थव्यवस्था के मेरुदंड रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ के नजरिए से उर्वरक क्षेत्र में अभिनव एवं सशक्त उपायों के द्वारा इस मेरुदंड को मज़बूती प्रदान करने की ओर अग्रसर है।
इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिये इस क्षेत्र में कई संरचनात्मक बदलाव ज़रूरी हैं क्योंकि देश में 45.6 प्रतिशत कार्यबल कृषि में कार्यरत है। किसान कल्याण को ध्यान में रखते हुए, सरकार महत्वपूर्ण पहल कर रही है ताकि किसानों को एक ही छत के नीचे उर्वरक और कृषि संबंधी अन्य सामग्री सस्ती दरों पर मिलें, जिससे वे कृषि उत्पादन को बढ़ाने और अपनी आय में वृद्धि करने के लिए नई तकनीकों को अपनाएं।
इन उद्देश्यों के साथ, माननीय प्रधानमंत्री जी किसानों के लिए दो महत्वपूर्ण पहल शुरू करने जा रहे हैं। पहला है, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके), एक ही छत के नीचे विभिन्न सुविधाओं से लैस एक अनूठी मॉडल उर्वरक खुदरा विक्रय केन्द्र ।
दूसरा है प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना जिसे वन नेशन, वन फर्टिलाइजर्स कहा जाता है, को भी लॉन्च किया जाएगा जिसके तहत सभी प्रकार के प्रमुख उर्वरकों के लिए सिंगल ब्रांड भारत का उपयोग किया जाएगा।
600 प्रधान मंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) एक छत के नीचे उचित मूल्य पर उर्वरक, बीज, कीटनाशक जैसी सभी गुणवत्ता वाले कृषि संबंधी सामग्री के साथ किसानों के लिए वन स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेंगे। साथ ही इन केंद्रों में खरपतवारनाशक, कीटनाशक, बीज और छोटे कृषि उपकरण जैसे हुकुम, दरांती, स्प्रेयर आदि भी उपलब्ध होंगे। पीएमकेएसके तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के छिडक़ाव के लिए ड्रोन सहित बड़े या छोटे कृषि उपकरण किराए पर लेने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्रों को भी लिंकेज प्रदान करेगा।
ये केंद्र उर्वरकों के संतुलित उपयोग के साथ-साथ नवीनतम और सर्वोत्तम कृषि प्रौद्योगिकी और प्रथाओं पर किसानों के बीच जागरूकता सृजन करने के लिए जानकारी साझा करने हेतु इंटरएक्टिव प्लेटफॉर्म भी प्रदान करेंगे। पीएमकेएसके के तहत देश की मौजूदा 3.3 लाख उर्वरक दुकानों को परिवर्तित किया जाएगा या नई स्थापित की जाएंगी।
पीएमकेएसके ग्राम स्तर पर किसानों को फसल से जुड़ी पाठ्य-सामग्री, मृदा उर्वरता मानचित्र, सरकारी अधिकारियों के संदेश तथा भण्डारण स्थिति, सब्सिडी एवं एमआरपी आदि की सुविधा प्रदान करेगा।
ग्राम स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं के अतिरिक्त, तहसील स्तर के केन्द्र पर नये दौर के उर्वरक और सरकारी योजनाओं पर हेल्प डेस्क, फसल संबंधी परामर्श और दूरभाष परामर्श, क्यूआर कोड/बार कोड स्कैनर, कॉमन सर्विस सेंटर, मृदा परीक्षण सुविधा तथा बीज का नमूना संग्रह, कीटनाशक परीक्षण, स्प्रेयर, डस्टर तथा ड्रोन हेतु कस्टम हायरिंग, मंडी की कीमतों और मौसम की स्थिति के बारे में जानकारी जैसी सुविधाएं होंगी।
तहसील स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं के अलावा, जिला स्तर के केन्द्रों पर संपूर्ण उत्पाद श्रृंखला के प्रदर्शन, बैठकों के लिये व्यापक व्यवस्था, मृदा, बीज, जल और कीटनाशकों के लिये परीक्षण सुविधा, खुदरा विक्रेताओं तथा कॉमन सर्विस सेंटर की क्षमता निर्माण के साथ बड़े पैमाने पर सभी सुविधाएं होंगी।
पीएमकेएसके के अंतर्गत खुदरा विक्रेताओं जानकारी के साथ सशक्त बनाने के लिये प्रत्येक छह महीने में खुदरा विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। केवीके के कृषि वैज्ञानिक और कृषि विशेषज्ञ खुदरा विक्रेताओं को उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल के प्रोत्साहन, जैविक उर्वरकों के इस्तेमाल और फायदे से जुड़ी जानकारी, जैविक खाद, नये दौर के उर्वरक समाधान जैसे नैनो उर्वरक आदि जैसे विषयों पर खुदरा विक्रेताओं को नियमित तौर पर प्रशिक्षित करेंगे।
प्रगतिशील किसानों की सफलता की कहानियों को भी आईसीटी की मदद से किसानों के साथ व्यापक तौर पर साझा किया जायेगा। कृषि सामग्री में प्रगति, नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी, मौसम पूर्वानुमान, फसल कीट संक्रमण की चेतावनी, मंडी दर आदि की हालिया जानकारी भी प्रसारित की जायेगी।
एक और क्रांतिकारी योजना है पीएम जन उर्वरक परियोजना जिसे वन नेशन वन फर्टिलाइजर भी कहा जाता है। अब देश में बेचे जाने वाले सभी प्रकार के प्रमुख उर्वरकों के लिये सिंगल ब्रांड ‘भारत यूरिया’, ‘भारत डीएपी’, ‘भारत एमओपी’ और ‘भारत एनपीके’ की बिक्री की जायेगी। इसकी प्रमुख वजह है कि किसी विशेष श्रेणी के उर्वरक में उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार समान पोषक तत्व होने चाहिए। एक खास तरह के उर्वरक के लिये विभिन्न ब्रांडों में कोई उत्पाद विषमता नहीं है। उदाहरण के लिये, डीएपी में समान मात्रा में पोषक तत्व होना चाहिए चाहे वह एक कंपनी द्वारा उत्पादित की गयी हो या किसी दूसरी कंपनी के द्वारा। ‘वन नेशन वन फर्टिलाइजर’ सरकार को अब तक का सबसे बड़ा कदम होगा जो किसानों को ब्रांड विशिष्ट पसंद के भ्रम को दूर करने में मदद करेगा, क्योंकि सभी यूरिया ब्रांड में 46 प्रतिशत एन और सभी डीएपी ब्रांड में 18 प्रतिशत एन और 46 प्रतिशत पी है।
किसान आमतौर पर इस तथ्य से अनजान होते हैं और उस क्षेत्र में कंपनियों द्वारा विकसित मजबूत विपणन रणनीतियों और मजबूत खुदरा विक्रेता नेटवर्क के परिणामस्वरूप कुछ ब्रांडों को पसंद करते हैं। यह पाया गया है कि वर्षों से इस ब्रांड वरीयता के परिणामस्वरूप किसानों को उर्वरकों की आपूर्ति में देरी हो रही है और उर्वरकों की लंबी दूरी की क्रि-क्रॉस आवाजाही के परिणामस्वरूप माल ढुलाई सब्सिडी में वृद्धि के कारण राजकोष पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
भारत ने एक अरब से अधिक आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि उत्पादन और उत्पादकता में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं। आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की शानदार सफलता उर्वरक, बीज, कीटनाशक, खरपतवारनाशक आदि जैसे गुणवत्ता वाले कृषि-आदानों की समय पर आपूर्ति में योगदान करती है।
पीएमकेएसके और ‘वन नेशन, वन फर्टिलाइजर’ दोनों पहलों का उद्देश्य किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरकों और अन्य कृषि सेवाओं की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करके कृषि उत्पादन में वृद्धि करना और संतुलित पोषक तत्व के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है जो कि सतत कृषि विकास और किसानों की समृद्धि के लिये आवश्यक है।
(लेखक भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हैं)