●पहले चरण में 495 व दूसरे चरण में 374 सहित कुल 869 छात्र-छात्राओं प्रदान की गई डिग्री।
डोईवाला/देहरादून (हि. डिस्कवर)।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट में छात्र-छात्राओं के लिए दो चरणों में आयोजित चार दिवसीय डिग्री एवं अवॉर्ड सम्मान समारोह का समापन हो गया। दूसरे चरण में 227 डॉक्टर्स व 147 नर्सेज को डिग्री प्रदान की गई।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी है लेकिन हम इस कमी को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं। टिहरी जिला चिकित्सालय, बेलेश्वर व देवप्रयाग सहित पौड़ी में हिमालयन हॉस्पिटल जनसेवा के क्षेत्र में काम कर रहा है। संस्थापक स्वामी राम जी के पहाड़ में स्वास्थ्य व शिक्षा के विजन को भी एसआरएचयू साकार कर रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों में भी स्वरोजगार व कौशल विकास के क्षेत्र में युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है।
संवेदनशील बनें, मरीजों का भरोसा जीतें: डॉ.विजय धस्माना।
एसआरएचयू जॉलीग्रांट के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने अपील करते हुए कहा कि डॉक्टर, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ संवेदनशील बनें। मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं व उनकी हर संभव मदद करें। प्यार से मरीज-तीमारदारों से बात करें। उनकी समस्याओं को सुनें। इससे आप मरीजों का भरोसा जीत सकते हैं।
कुल 869 छात्र-छात्राओं को प्रदान की गई डिग्री व अवॉर्ड
कुलसचिव डॉ.सुशीला शर्मा ने कहा कि समारोह के दौरान कोविड नियमों का पालन किया गया। कुल 869 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को प्रदान की गई। इसमें से 8 व 9 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में 495 में छात्र-छात्राओं को डिग्री व अवॉर्ड प्रदान किए गए।
समारोह के दौरान प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, कुलसचिव डॉ. सुशीला शर्मा, डॉ. प्रकाश केशवया, डीन डॉ. मुश्तक अहमद, डॉ. सुनील सैनी, डॉ. रेनू धस्माना, डॉ. अर्चना प्रकाश, डॉ. संचिता पुगाजंडी, डॉ. विनीता कालरा, डॉ. तरुणा शर्मा, डीन डॉ. आरसी रमोला, आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा मधोक ने किया।
एकेडमिक अवॉर्ड से सम्मानित छात्र-छात्राएं।
डॉ.आलिया तौसिफ, डॉ.निशांत सेत्या, डॉ.इशिका गांधी, डॉ.शिवानी मेहरा, डॉ.अक्षी सिंघल, डॉ.शिवांगी सिंह, सेजल सिंह, ओजस्वी मित्तल, रमिता गोयल, मिलन अरोड़ा, तपन पांडे, रूचिका पुरी, ऋषिका त्रिवेदी, अर्जुन सहगल, आकाश गुप्ता, मनस्वी कालरा
स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड
मानस्वी कालरा (एमबीबीएस), राकेश पुंडीर (नर्सिंग)
छात्र-छात्राओं की प्रतिक्रिया।
‘नए नियमों के मुताबिक एमबीबीएस के बाद एमडी कोर्स करने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा देना जरूरी हो गया है। यह राज्य के हेल्थ सिस्टम के लिए अच्छा कदम है। इस कारण हमें पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवा देना का मौका भी मिलेगा।’
डॉ.मानस्वी कालरा
‘अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता, फैकल्टी व अपने सभी दोस्तों को देती हूं। कोविड काल के दौरान लग रहा था जैसा सब थम गया हो, लेकिन अब लग रहा है कि जीवन पटरी पर आ रहा है।’
डॉ.वैभवी धस्माना
‘एसआरएचयू में हमें भविष्य के हेल्थ वर्कर के तौर तैयार किया गया है। इसके लिए मैं अपनी फैकल्टी व सीनियर का धन्यवाद देना चाहता हूं।’
राकेश पुंडीर, नर्सिंग सेवा
‘हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में हॉस्पिटल में हमने सीखा है कि हमारे लिए रोगियों की सेवा ही सर्वोपरि है। मैं हेल्थ केयर वर्कर हूं। कोविड वॉर्ड में मैंने ड्यटी की है इसलिए भविष्य में भी इस तरह की स्थिति में रोगियों की सेवा करने से पीछे नहीं हटूंगी।’
फरहत जहां, नर्सिंग सेवा