देहरादून (हि. डिस्कवर)
सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग में बतौर अध्यक्ष अनुश्रवण समिति वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र जोशी का आज लगभग 4:30 बजे शांय कोरोना संक्रमण के लंग्स इंफेक्शन के कारण देहरादून के आरोग्य धाम अस्पताल में निधन हो गया। वे लगभग 61 बर्ष के थे। राजेन्द्र जोशी की अकस्मात मौत से उत्तराखण्ड का मीडिया जगत स्तब्ध है। जोशी ने प्रिंट मीडिया से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले राजेन्द्र जोशी ने विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्लेटफॉर्म्स पर भी पत्रकारिता की। विगत कुछ बर्षों से वे “देवभूमि मीडिया” नामक न्यूज़ पोर्टल चल रहे थे।
राजनीतिज्ञों के मध्य अच्छी दखल रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र जोशी की गिनती सरल स्वभाव व खुश मिजाज व्यक्तियों में हुआ करती थी। आरोग्य धाम के डॉ विपुल कंडवाल के अनुसार कोरोना संक्रमण में उनके लंग्स निष्प्रभावित कर दिये थे, जिसके कारण उनकी मौत हुई है।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, मानव संसाधन विकास मंत्री भारत सरकार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कई मीडिया घरानों ने उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वरिष्ठ पत्रकार और राज्य स्तरीय विज्ञापन अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष राजेंद्र जोशी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशी का निधन उत्तराखण्ड में पत्रकारिता जगत को बङी क्षति है। राज्य सरकार दुःख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ है। सचिव सूचना दिलीप जावलकर, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान, अपर निदेशक डॉ. अनिल चंदोला सहित सूचना विभाग के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी राजेन्द्र जोशी के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
उत्तराखण्ड वेब मीडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष व हिमालयन डिस्कवर के सम्पादक मनोज इष्टवाल ने उन्हें एसोसिएशन की ओर से श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि उन सहित सभी एसोसिएशन के सदस्य व पदाधिकारी उनकी मौत पर स्तब्ध हैं व उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में शांति दे व परिवार को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे।
मनोज इष्टवाल ने कहा कि उन्होंने अपना एक ऐसा यार खोया है जिसके साथ उन्होंने बर्षों सुख दुःख के अनुभव झेले हैं। वह यारों का यार था। अंतिम मुलाकात अभी बैशाखी के दिन उनके बेटे की शादी में हुई थी। उसके बाद मेरा स्वयं का स्वास्थ्य ठीक नहीं था इसलिए दुबारा मुलाकात नहीं हो पाई। आज जब इस घटना की जानकारी वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के ओएसडी ने उन्हें दी तो वे स्तब्ध रह गए। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे।