देहरादून (हि. डिस्कवर)
लगता है ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम व जननेता बॉबी पंवार के बीच का मामला जल्दी शांत होने वाला नहीं है क्योंकि सचिवालय संघ के पूर्व अध्यक्ष दीपक जोशी अब आम जन ही नहीं बल्कि राजनेताओं के भी कोपभाजन के शिकार होने लगे हैं। एक ओर जहाँ आम जन मानस ने दीपक जोशी को खनन व भू माफिया कहना शुरू कर दिया है वहीं नरेन्द्र नगर के पूर्व विधायक ओम गोपाल सिंह रावत ने बेहद तल्ख़ तेवरों में दीपक जोशी को यहाँ तक कह दिया कि क्या सचिवालय दीपक जोशी के बाप की बपौती है जो वह आम जन के सचिवालय प्रवेश पर अनर्गल बयानबाजी कर रहा है।
पूर्व विधायक ओम गोपाल सिंह रावत ने कहा कि आम जनता 18 प्रतिशत टैक्स दे रही है, जिससे इनका वेतन जा रहा है। और दीपक जोशी जैसे व्यक्ति जनता पर ही गुर्रा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओ दो टक्के का क्या जोशी है.. ओ दीपक जोशी जो पहले सचिवालय संघ का अध्यक्ष रहा है, मैं सबको नहीं कह रहा। सचिवालय संघ में पहले भी बहुत अच्छे अधिकारी कर्मचारी रहे हैं। लेकिन ये दीपक जोशी जैसा दलाल जो धमकी दे रहा है कि सचिवालय में आम जनता को सचिवालय में आने का प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए। दीपक जोशी मैं तेरे बाप का नाम नहीं जानता। तेरे बाप की बपौती है सचिवालय…। कैसे कह सकता है तू। नौकर है बेटा नौकरी कर ले। बाप मत बन यहाँ उत्तराखंड की जनता का..। तेरे बाप की बपौती है जो आम जन न आएं सचिवालय.. क्या सिर्फ़ दलाल आएंगे वहाँ? खनन का तू क्या क्या करता है सब मालुम है। इसकी जिस दिन… अब हमने छोड़ दिया साहब। ये भी पहाड़ी है, ऐसे पहाड़ी न हों दुर्भाग्य से उत्तराखंड में।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड सचिवालय संघ ने विगत 09 नवंबर को विज्ञप्ति जारी की है जिसमें जीतमणि पैनुली (उपाध्यक्ष), सुनील लखेड़ा (अध्यक्ष) और राकेश जोशी (महासचिव) ने साझा बयान देते हुए कहा है कि सचिवालय संघ की ऐसी कोई मांग नहीं है कि उत्तराखंड के आमजन को सचिवालय में प्रवेश के लिए बाधित किया जाय। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने बयान दिया है उसका सचिवालय संघ से कोई लेना देना नहीं है।
यह गौरतलब है कि अब विज्ञप्ति जारी कर सचिवालय संघ ने भी दीपक जोशी से किनारा कर लिया है। वहीं पूर्व विधायक ओम गोपाल सिंह रावत यहीं नहीं रुके। गुल्लक टीवी को केदार नाथ घाटी से साक्षात्कार देते हुए उन्होंने कहा कि दीपक जोशी की इतनी हिम्मत हो गई है कि जिस जनता की बदौलत यह वहाँ नौकरी कर रहा है, जिस जनता के टैक्स से इसके बच्चे इंग्लिश मीडियम में पढ़ रहे होंगे। यह उसी पर गुर्रा रहा है। इसने करोड़ों कमाकर यहाँ कोठी बना दी, अगर हम इनकी तरह नीचे गिर गए तो ये जेल की सलाखों के पीछे होंगे। उन्होंने कहा ये और मीनाक्षी सुंदरम जैसे भ्रष्ट अधिकारी जिन्होंने अरबों जमा कर लिए, इस राज्य को नोच लिया है। इनकी अगर जाँच हो जाय! लगता है अब फिर जनता उत्तराखंड आंदोलन की तरह एक बहुत बड़ा आंदोलन होने की कगार पर है।
उन्होंने कहा है कि कई बहुत अच्छे अधिकारी भी हैं लेकिन मीनाक्षी सुंदरम जैसे और भी कई अधिकारी हैं जो खाली हाथ आये थे एक अटैची लेकर… दो जोड़ी कपड़े उसमें होते थे आज हजारों करोड़ यहाँ से लूट -लूट कर ले जा रहे हैं। इन्होने उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया है।