11 मई 1950 को महाराष्ट्र के अहमदनगर में जन्मे सदाशिव अमरापुरकर आज भले ही इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनका नाम सुनते ही लोग खौफ में आ जाते हैं। जी हाँ, अपने समय के दमदार खलनायक बने सदाशिव अमरापुरकर को आज कौन नहीं जानता। सदाशिव अमरापुरकर ने फिल्मी पर्दे पर अपने किरदारों से दर्शकों की तालियों से लेकर सुर्खियों तक वाहवाही बटोरीं। जी हाँ और आज भले ही सदाशिव अमरापुरकर इस दुनिया में नहीं है लेकिन लोग उन्हें भुला नहीं सके हैं। सदाशिव अमरापुरकर महाराष्ट्रियन ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए और उनके करीबी लोग प्यार से उनको तात्या बुलाया करते थे।
कहा जाता है सदाशिव बचपन से ही असहाय लोगों की मदद किया करते थे और अपने बचपन से ही वह एक्टिंग करना चाहते थे। फिल्मों में आने से पहले सदाशिव ने एक्टिंग की शुरुआत मराठी नाटकों से की थी और लगभग 50 नाटकों के बाद फिल्मों की दुनिया में कदम रखा। जी हाँ, आप सभी को बता दें कि सदाशिव की पहली फिल्म 22 जून 1897 थी, यह एक मराठी फिल्म थी और इस फिल्म में उन्होंने बाल गंगाधर तिलक का रोल निभाया था। जी हाँ और अभिनेता की पहली हिंदी फिल्म थी अर्धसत्य। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया था और केवल यही नहीं उन्हें फिल्म सडक़ के लिए भी फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया था।
आप सभी को बता दें कि सदाशिव ने फिल्म सडक़ में किन्नर का रोल निभाया था, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था। इसके अलावा अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म आखिरी रास्ता में भी सदाशिव के किरदार की दर्शकों ने खूब तारीफ की थी। वैसे सदाशिव ने बॉलीवुड के लगभग सभी सुपरस्टार्स के साथ काम किया। इस लिस्ट में धर्मेंद्र, गोविंदा, अमिताभ बच्चन से लेकर आमिर खान, संजय दत्त और सलमान खान सभी के नाम शामिल है। कहा जाता है धर्मेंद्र तो उन्हें अपने लिए ‘लकी’ मानने लगे थे और यही कारण है कि सदाशिव ने उनके साथ दो-चार नहीं बल्कि 11 फिल्मों में काम किया था।
आंखें, इश्क, कुली नंबर 1, गुप्त: द हिडेन ट्रुथ, जय हिन्द, मास्टर, हम साथ-साथ हैं, जैसी फिल्मों को कर सदाशिव अमरापुरकर ने सभी का दिल जीता। हालाँकि 64 साल की उम्र में अभिनेता को फेफड़ों में संक्रमण हो गया था, जिसके चलते 3 नवंबर 2014 को निधन हो गया।