Monday, October 20, 2025
Homeउत्तराखंडवाहनों की खरीद व बिक्री करने वाले कारोबारियों का पंजीकरण अनिवार्य, एक...

वाहनों की खरीद व बिक्री करने वाले कारोबारियों का पंजीकरण अनिवार्य, एक सितंबर से होगी कार्रवाई

देहरादून। परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों (दुपहिया, कार या अन्य वाहनों) की खरीद व बिक्री करने वाले कारोबारियों का आरटीओ कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। प्राधिकार प्रमाण- पत्र हासिल किए बिना कारोबारी पुराने वाहनों का व्यापार नहीं कर सकेंगे। दिसंबर-2022 में केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसचूना के बाद यह नियम एक अप्रैल से लागू किया जाना था, लेकिन उत्तराखंड के वाहन डीलरों ने पंजीकरण नहीं कराया। अब आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा ने सभी वाहन डीलर को अंतिम चेतावनी देते हुए एक माह का समय पंजीकरण कराने को दिया है। एक सितंबर से अभियान चलाकर वाहन डीलर के विरुद्ध न केवल कार्रवाई की जाएगी, बल्कि उसके परिसर में खड़े सभी पुराने वाहनों के नंबर आरटीओ कार्यालय के साफ्टवेयर में ब्लैक-लिस्ट कर दिए जाएंगे।

केंद्र सरकार की ओर से 22 दिसंबर-2022 को इसकी अधिसूचना जारी की गई थी। जिसमें राज्यों को इसे अपने स्तर पर लागू करने को कहा गया था। उत्तराखंड परिवहन मुख्यालय ने भी 30 दिसंबर को सभी आरटीओ को पत्र भेजकर इसका अनुपालन कराने के आदेश दिए थे, लेकिन यह नियम निर्धारित समय सीमा पर लागू नहीं हो पाया। अब मुख्यालय के आदेश पर देहरादून आरटीओ सुनील शर्मा ने देहरादून शहर समेत दून संभाग के सभी शहर ऋषिकेश, विकासनगर, हरिद्वार, रुड़की, टिहरी व उत्तरकाशी के एआरटीओ को इसका अनुपालन कराने के आदेश दिए हैं। इस नियम के अंतर्गत में पंजीकृत वाहन स्वामी एवं वाहन डीलर के मध्य वाहन की डिलीवरी की सूचना देने की प्रक्रिया समेत डीलर की जिम्मेदारियों को विस्तृत तौर पर स्पष्ट किया गया है। बता दें कि, दून शहर, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश एवं विकासनगर आदि शहरों में पुरानी बाइक-स्कूटी व कार का बाजार पांव जमा चुका है।

मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक कार बाजार सज रहे। पुराने वाहनों की खरीद व बिक्री करने वाले आनलाइन बाजार भी मौजूद हैं। अधिसूचना के मुताबिक, अब वाहन डीलरों को अपने कब्जे वाले वाहनों के पंजीयन प्रमाण-पत्र का नवीकरण कराने, फिटनेस प्रमाण-पत्र के नवीकरण, डुप्लीकेट पंजीयन प्रमाण-पत्र बनाने, एनओसी व स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन के अधिकार दिए गए हैं। वाहन स्वामी को संबंधित डीलर को वाहन देने के बाद फार्म-29 (ग) जिसमें वाहन स्वामी व डीलर के हस्ताक्षर होंगे, को यह फार्म पोर्टल के माध्यम से वाहन पंजीयन अधिकारी को भेजना होगा। वाहन लेने और बेचने के बाद डीलर को इसकी जानकारी परिवहन विभाग को देनी होगी। आरटीओ ने बताया कि वाहन डीलर को प्राधिकार प्रमाण-पत्र लेने के लिए परिवहन विभाग से जुड़े वाहन पोर्टल पर प्रारूप-29 (क) में आवेदन करना होगा। इसमें डीलर को अपना नाम, पता, कारोबार का स्थान, मोबाइल नंबर, पैन नंबर, जीएसटी नंबर व ईमेल-आइडी उपलब्ध करानी होगी।

इसमें 25 हजार रुपये शुल्क आनलाइन जमा होगा। आरटीओ कार्यालय में इसके लिए परिवहन कर अधिकारी प्रज्ञा पंत को नोडल अधिकारी बनाया गया है। कक्ष संख्या-21 में इससे जुड़े कार्य किए जाएंगे। प्राधिकार प्रमाण-पत्र से पंजीकृत वाहनों के डीलरों एवं मध्यस्थों की पहचान करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ऐसे वाहनों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की आशंका भी कम होगी। शुक्रवार को आरटीओ शर्मा ने करीब दो दर्जन वाहन डीलरों के साथ आरटीओ कार्यालय में बैठक भी की और नए नियम की जानकारी दी।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES