देहरादून (हि. डिस्कवर)
विधायकों के बिशेषाधिकार हनन मामले पर आज विधान सभा के मानसून सत्र के दौरान सात बार के विधायक़ व पूर्व में कई मंत्रालय संभाल चुके पूर्व मंत्री प्रीतम सिंह ने पीएमजीएसवाई के चीफ आरपी सिंह के कार्य व्यवहार पर प्रश्न उठाते हुए पीठ के समक्ष कहा है कि उनके द्वारा 26 बार एक दिन में पीएमजीएसवाई चीफ को फोन किये लेकिन उनका फोन बमुश्किल दो बार उठा व लोक महत्व के कार्य को लेकर उनसे उन्ही के द्वारा तय किये गये समय पर मुलाक़ात को लेकर न सिर्फ़ उनके द्वारा दिग्भ्रमित किया गया बल्कि बार-बार फोन करने के बाद भी उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस मामले पर विधान सभा अध्यक्षा श्रीमति ऋतु भूषण खंडूरी द्वारा सख्त रुख अख्तियार करते हुए मुख्य सचिव को भोजनावकाश पर तलब किया है।
चकराता क्षेत्र के विधायक प्रीतम सिंह ने सदन को बताया है कि उनके द्वारा 25 अगस्त 2023 को पीएमजीएसवाई चीफ को फोन कर उनसे लोक महत्व के कार्य को लेकर समय माँगा था, जिसमें पीएमजीएसवाई चीफ द्वारा उन्हें अगले दिन 26 अगस्त का 11 बजे का समय दिया गया। उन्होंने 26 अगस्त को 11 बजे बाद पुन: पीएमजीएसवाई को फोन किया। दो बार फोन करने के पश्चात उन्होंने जबाब दिया कि अभी वह मंत्री के पास बैठे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक बजे बाद पुन : उन्हें फोन किया, बार बार फोन किया लेकिन उनका फोन नहीं उठा। फिर उन्होंने सोचा कि पीएमजीएसवाई चीफ ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री माननीय गणेश जोशी जी के पास होंगे। लेकिन वहां से पता चला कि पीएमजीएसवाई चीफ वहां गये ही नहीं। फिर उन्होंने सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज जी के यहाँ फोन किया,जहाँ उनके ऑफिस के राजन ने फोन उठाया व बताया कि पीएमजीएसवाई चीफ साढ़े दस बजे कार्यालय आये थे व पौने ग्यारह बजे के आस -पास वापस चले गये।
कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री रहें विधायक प्रीतम सिंह ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे अधिकारियों के ऊपर अंकुश लगाने हेतु विभागीय सीईओ के रूप में राजेश कुमार को नियुक्त किया गया। जिन्होंने जब कार्यालय में 900 करोड़ की अनियमितता पाई गई व इस अधिकारी के वित्तीय अधिकार सीज करने के निर्देश जारी किये गये। हम सब जानना चाहते हैं कि इस अधिकारी के पीछे कौन सी अदृश्य शक्ति है जिसका इन्हें संरक्षण प्राप्त है? क्योंकि 30 जून 2023 को सीईओ नियुक्त हुए राजेश कुमार को 31 अगस्त 2023 को इस पद से हटा दिया जाता है । उन्होंने कहा कि हालात यह हैं कि जिस गढ़वाल चीफ पर कार्यवाही होनी चाहिए थी उसे राजधानी मुख्यालय लाकर पीएमजीएसवाई चीफ बना दिया जाता है।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने संविधान पीठ से मांग करते हुए इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा है कि इस अधिकारी को जिसे उत्तर प्रदेश से यहाँ लाया गया है पर व इसकी सम्पति की जांच के निर्देश दिए जाएँ।
सत्ता पक्ष के विधायक व पूर्व मंत्री खजान दास ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा है कि पीठ को इसका संज्ञान लेना चाहिये व तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए।
विधान सभा अध्यक्ष श्रीमति ऋतु भूषण खंडूरी ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए कहा है कि यह वास्तव में बहुत ही दुःखद प्रकरण है। वह तीसरी बार संविधान पीठ से सरकार को इस मामले में निर्देशित कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं आईएएस अकेडमी मसूरी को पत्र लिखकर अधिकारियों के ऐसे रवैये पर उन्हें आगाह करेंगी। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड की संस्कारों की धरती पर हमें एक दूसरे को न्यायोचित्त सम्मान देना आता है। यह घटना बहुत शर्मनाक कर देने वाली है। उन्होंने कहा कि वह भोजनावकाश के दौरान मुख्यसचिव को अपने कार्यालय में बुला रही हूँ।