(मनोज इष्टवाल)
पौड़ी जनपद अब उत्तराखंड व उत्तरप्रदेश को अब तक कुल 6 मुख्यमंत्री दे चुका है यह दोनों ही प्रदेशों का पहला ऐसा बिरला प्रदेश है जिसने उत्तरप्रदेश के जमाने में लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में पर्वतपुत्र हिमवती नंदन बहुगुणा तत्पश्चात मेजर जनरल भुवन चंद खंडूरी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, त्रिवेंद्र सिंह रावत (वर्तमान मुख्यमंत्री उत्तराखंड) व उत्तर प्रदेश के कल शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उर्फ़ अजय सिंह बिष्ट तक दोनों प्रदेशों को 6 मुख्यमंत्री दिए हैं.
जहाँ एक ओर त्रिवेंद्र सिंह रावत व उनके मंत्रिमंडल में शामिल सतपाल महाराज, प्रकाश पन्त, डॉ. हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, मदन कौशिक, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह नेगी (राज्यमंत्री) व श्रीमती रेखा आर्य (राज्यमंत्री) ने शपथ ली वहीँ दूसरी ओर उत्तराखंड के यमकेश्वर विकास खंड के पंचुर गॉव (ठांगर) के अजय सिंह बिष्ट उर्फ़ योगी आदित्यनाथ कल देश के सबसे बड़े प्रदेश में शुमार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जहाँ कट्टर संघी नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं वहीँ योगी आदित्यनाथ कट्टर हिन्दूवादी कहे जाते हैं.
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को हुआ व गढ़वाल विश्वविद्यालय कोटद्वार से गणित में स्नातक की डिग्री हासिल करने के पश्चात् योगी गोरखपुर के गुरु गोरखनाथ के महंत अवैधनाथ के शिष्य बन गए और गोरखपुर जाकर गोरखनाथ में कान छिदवाकर भगवा धारण कर लिए!
महंत योगीनाथ ने अपने शिष्य अजय सिंह बिष्ट को महंत योगीनाथ बनवाकर जहाँ उन्हें गुरु गोरखनाथ की गद्दी सौंप दी वहीँ 1988 में सक्रिय राजनीति से भी संन्यास ले लिया. और इसी चुनाव में अपने शिष्य आदित्यनाथ को लोकसभा चुनाव में उतार दिया. योगी आदित्यनाथ ने यह चुनाव 25 हजार से अधिक वोटों से जीतकर जहाँ 26 बर्ष की उम्र में लोक सभा में सबसे कम उम्र के सांसद होने का गौरव प्राप्त किया वहीँ दुबारा लोकसभा सांसद 50 हजार से अधिक वोटों व तीसरा लोकसभा चुनाव लगभग डेढ़ लाख से अधिक वोटों से जीतकर अपना डंका पूरे भारत बर्ष की राजनीति में बजा दिया. एक वक्त ऐसा भी आया कि समाजवादी पार्टी सरकार ने उन पर कई फर्जी केश दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. वह मुलायम सिंह के अत्याचारों का बयान करते समय उस समय संसद में रो तक दिए.
हिन्दू युवा वाहिनी संगठन की नींव डालकर जहाँ योगी आदित्यनाथ ने लव जेहाद व धर्म परिवर्तन के विरुद्ध बिगुल फूँका वहीँ गोरखपुर का उर्दू बाजार, हिंदी बाजार, मियाँ बाजार को माया बाजार, अली नगर को आर्य नगर में बदलकर हिन्दुस्त्व का रूप दिया और तो और उनकी इच्छा है कि वे आजमगढ़ का नाम बदलकर भी आर्यगढ़ कर देंगे ताकि हिन्दू आर्यों को अपने आप पर अभिमान हो.
अब देखना यह है कि उत्तरप्रदेश जैसे मुस्लिम बाहुल्य प्रदेश जिसे मिनी पाकिस्तान कहा जाता है को योगी आदित्यनाथ अपने मुख्यमंत्री काल में किस तरह विकास और सर्वधर्म एक सामान की परिभाषा में बाँध सकेंगे. क्या तीन तलाक, बाबरी मस्जिद व अन्य सुलगते मुद्दों को वे इन पांच बर्षों के कार्यकाल में सुलझा सकेंगे और उस अराजकता को कुचलने में कामयाब हो पायेंगे जो धर्म और जाति के नाम से अब तक पूरे प्रदेश को असहिष्णु के नाम से प्रचारित प्रदेश कहा जाता रहा है.
यह तय है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही वे सभी अराजक नेता अपनी सांस रोके वैसे ही बैठे होंगे जैसे नरेंद्र मोदी के प्रधानमन्त्री बनने पर सकते में थे. लगता तो यही है कि योगी आदित्यनाथ की यह कट्टरता उत्तरप्रदेश में अमन चैन लाएगी क्योंकि अब उपद्रव नहीं होंगे यह तय मानियेगा