देहरादून (हिमालयन डिस्कवर)
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दमोदर दास मोदी द्वारा दिया गया संदेश पूरे उत्तराखंड के जन मानस में बेहद चर्चाओं में है। प्रधानमंत्री मंत्री मोदी ने उत्तराखंड के राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के शुभ अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनायें देते हुए कहा है कि आज 09 नवम्बर है। 09 का अंक बहुत ही शुभ माना जाता है। यह अंक शक्ति का प्रतीक होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आज आपसे व उत्तराखंड आने वाले यात्रियों से 09 आग्रह करना चाहता हूँ। जिसमें पांच आग्रह उत्तराखंड के लोगों से हैं व चार आग्रह यात्रियों व श्रद्धालुओं से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बोलियाँ काफी समृद्ध हैं जिनमें गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी सहित अन्य बोलियां शामिल हैं, ऐसी बोलियों का संरक्षण जरुरी है। मेरा पहला आग्रह है कि उत्तराखंड के लोग अपनी आने वाली पीढ़ियों को जरूर ये बोलियाँ सिखाएं। ये बोलियां उत्तराखंड की पहचान बनाने के लिए भी जरुरी है।
मोदी ने कहा कि देवभूमि के लोग प्रकृति और पर्यावरण के कितने बड़े प्रेमी होते हैं, यह बात पूरा देश जानता है। उत्तराखंड तो गौरादेवी की भूमि है व यहाँ की प्रत्येक महिला माँ नंदा का रूप है। बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। इसलिए मेरा दूसरा आग्रह है कि एक पेड़ माँ के नाम लगाएँ व हर कोई इस आंदोलन को गति दे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में नौलों, धारों की पूजा की परम्परा की परम्परा है। सभी नदी धाराओं का संरक्षण करें, व पानी की स्वच्छता बढ़ाने वाले अभियानों को गति दें। ऐसा मेरा तीसरा आग्रह है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की सलाह देते हुए कहा कि अपने गाँव लगातार जाएँ व सेवानिवृत्ति के बाद अपने गाँव रहें, वहाँ से संबंध मजबूत रखें। ऐसा मेरा चौथा आग्रह है।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के लोगों को संदेश देते हुए कहा कि अपने गाँव के पुराने तिबारी वाले घरों को बचाएं, इन घरों को आप होम स्टे में तब्दील कर इन्हें अपनी आय बढ़ाने का साधन बनाये यह मेरा उत्तराखंड के लोगों से पांचवां आग्रह है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों व श्रद्धालुओं से आग्रह करते हुए कहा कि उत्तराखंड में देश के कोने कोने से आने वाले पर्यटकों की संख्या हर साल बढ़ रही है। विदेशों से भी उत्तराखंड पर्यटक आते हैं। सभी पर्यटकों से चार आग्रह करूँगा। मेरा पहला पहला आग्रह है कि जब भी आप हिमालय की गोद में पहाडों पर जाएँ स्वच्छता को सर्वोच्च रखें।इस प्रण के साथ जाएँ कि आप सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका दूसरा आग्रह है कि वोकल फॉर लोकल के मन्त्रों को उत्तराखंड में भी याद रखें। अपनी यात्रा के बजट का पांच प्रतिशत स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित उत्पादों पर खर्च करें।
उन्होंने कहा कि उनका यात्रियों, श्रद्धालुओं से तीसरा आग्रह है कि पहाड़ पर जाएँ तो वहाँ के ट्रैफ़िक नियमों का जरूर ध्यान रखें, सावधान रहें। हर किसी का जीवन अमूल्य है। चौथा आग्रह धार्मिक नीति-नियमों वहाँ के कायदों के बारे में यात्रा से पहले जरूर पता कर लें, वहाँ की मर्यादा का जरूर ख्याल रखें इसमें आपको उत्तराखंड के लोगों से जरूर मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड के लोगों से मेरे पाँच व उत्तराखंड आने वाले लोगों से मेरे ये चार आग्रह देवभूमि के विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगे।