Tuesday, October 21, 2025
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भाजपा के 42वें स्थापना दिवस पर उत्तराखंड की टोपी भाजपा की पहचान बनी। बस प्रतीक चिह्नों में दिखा परिवर्तन।

(मनोज इष्टवाल)

यह सचमुच उस समाज के लिए शुकून दायक है जिस समाज में प्रचलित टोपी को कभी गांधी टोपी कहा जाता था तो कभी जवाहर टोपी…! लेकिन आज यही टोपी विश्व भर की सबसे बड़ी पार्टी के मुखियाओं के सिर पर विराजमान है लेकिन खूबसूरती देखिए एक भी भाजपाई ने इसे मोदी टोपी नहीं कहा बल्कि यह उत्तराखंडी टोपी के रूप में ट्रेंड होकर भाजपा की टोपी के रूप में प्रचलन में आई है।

ज्ञात हो कि विगत 06 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी ने अपने 42वां स्थापना बर्ष में भाजपा की नई टोपी डिज़ाइन की है जो हू-ब-हू उत्तराखंड की टोपी का ही प्रतिरूप है।

26 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब हिमालयन समीर द्वारा डिज़ाइन की हुई उत्तराखंडी टोपी को पहनकर राजपथ में अपनी उपस्थिति दर्ज की थी तभी से यह टोपी ट्रेंड करने लगी थी व पक्ष एवं विपक्ष के नेताओं के सिर में चुनावी माहौल में खूब दिखाई दे रही थी। मोदी भला कोई फैशन अपनाए व उसका प्रभाव देश के युवाओं पर न पड़े, ऐसा भला कैसे हो सकता है। उनके कुर्ते की भांति उत्तराखंड़ी टोपी भी बहुत तेजी से युवाओं ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लोगों की डिमांड में शामिल हो गयी।

विश्व के कई देशों में हमारे उत्तराखंडवासियों ने इसे पहुंचाकर इसे खूब प्रसिद्धि दी है। जर्मनी फ्रांस इटली व जापान के विभिन्न हिंदुस्तानी होटलों व यूरोपियन देशों के कई लोगों ने इसे सहर्ष स्वीकार किया है। वहीं हाल के दिनों में वर्ल्ड पैरामोटर चैंपियनशिप 2022 ब्राजील में देश का प्रतिनिधित्व करने पहुँचे उत्तराखंड के विनय सिंह ने यह टोपी ब्राजील में प्रशिक्षक को पहनाकर उत्तराखंड का सम्मान बढ़ाया है।

अब जबकि 26 जनवरी 2022 व 10 मार्च 2022 को भाजपा की उत्तराखंड में दुबारा लौटी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी ने यही टोपी अंगीकार की तो उत्तराखंडवासियों ने इसे अपने सम्मान से जोड़कर देखा। फिर क्या था यह टोपी भाजपा हाई कमान के सभी प्रमुख नेताओं के सिर, देश के रक्षा सलाहकार डोभाल हो या फिर जनरल रावत के सिर…हर एक ने इस टोपी का मान बढ़ाया।

भाजपा थिंक टैंक ने अब बखूबी अपने 42वें स्थापना दिवस पर ब्रह्मकमल के स्थान पर अपनी पार्टी का चिह्न कमल का लोगो लगाकर इसे गहरुवे रंग की टोपी का रूप दे डाला, जिसमें सफेद पट्टी ठेठ उसी तरह से लगाई गई है जिस तरह से समीर शुक्ल की टोपी पर है। बस भाजपा व उत्तराखंड की टोपी में इतना भर अंतर है कि समीर ने उसमें ब्रह्मकमल उकेरा है व जो पट्टी डाली है उसमें कुछ रंग के धागे सँजोये हैं जबकि भाजपा की टोपी पर ब्रह्म कमल के स्थान पर उनकी पार्टी का निशान कमल का फूल व पट्टी पर भी छोटा सा कमल व नीचे की ओर भाजपा लिखा हुआ है।

यह अद्भुत है कि भाजपा ने देवभूमि की संस्कृति की परिचायक इस टोपी पर मोदी टोपी का जिक्र न कर इसे विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की टोपी का रूप दिया है।

 

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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