Friday, October 18, 2024
Homeउत्तराखंडश्रीदेव सुमन विवि की नई कार्य परिषद गठित, 13 सदस्यों को किया...

श्रीदेव सुमन विवि की नई कार्य परिषद गठित, 13 सदस्यों को किया गया शामिल, 2 साल तक होगा कार्यकाल

चंबा। श्रीदेव सुमन विवि की नई कार्य परिषद अस्तित्व में आ गई है। कुलाधिपति राज्यपाल ने कार्य परिषद (ईसी) के चार सदस्य नामित कर दिए हैं। कुलाधिपति की ओर से नामित ईसी के सदस्यों का कार्यकाल ये साल का होगा कार्य परिषद विवि का सर्वोच्च सदन होता है। इसी की मुहर लगने के बाद ही विवि कार्यक्रमों की रूपरेखा निर्धारित करता है।

पूर्व में गठित श्रीदेव सुमन विवि की कार्य परिषद के सदस्यों का कार्यकाल बीते 7 जनवरी को समाप्त हो गया था। विवि ने 13 सदस्यीय नई कार्य परिषद का गठन किया है। कुलाधिपति / राज्यपाल की ओर से श्रदेव सुमन विवि के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीसी कांडपाल, एचबी टैक्नीकल विवि कानपुर के डॉ. अरुण मैठाणी, पंजाब विधि चंडीगढ़ के प्रो. राजीव के.पुरी, एचएनबी गढ़वाल विवि राजनीतिशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. एमएम सेमवाल को नामित किया गया है। जबकि उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रो. केडी पुरोहित को इसी का सदस्य नामित किया है।

राज्यपाल ने कार्य परिषद में चार सदस्य नामित किए

विवि के कुलपति प्रो. एमएस रावत ने बताया कि इसी में एक वरिष्ठ संकायध्यक्ष को नामित किया गया है। विवि की ओर से ऋषिकेश परिसर के विज्ञान संकायध्यक्ष प्रो. गुलशन कुमार डोंगरा को नामित किया गया है। जिनका एक वर्ष का कार्यकाल होगा। ऋषिकेश कैंपस के प्रो. आनंद प्रकश सिंह, डॉ भरत इक्षसह, डोईवाल महाविद्यालय के डॉ अनिल भट्ट को ईसी सदस्य बनाया गया है। जिनका कार्यकाल आगामी 9 जून तक होगा। इसके अलावा राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी के प्राचार्य प्रो. पंकज पंत, राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल के प्राचार्य प्रो. एल राजवंशी, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एलाइड साइंस देहरादून के प्राचार्य प्रो. आरआर द्विवेदी आदि को इसी नामित किया गया है।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES