मसूरी/देहरादून (हि. डिस्कवर)।
इगास-बग्वाल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अवकाश की घोषणा की प्रशंसा जहां पूरे प्रदेश भर में हो रही है वही आज 4 नवंबर 2022 को मसूरी के गणमान्य व्यक्तियों के मध्य मसूरी एसड़ीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने मसूरी में इगास लोकपर्व का आयोजन करने के लिए आमजन की राय माँगी जिसे सुनकर पूरे मसूरी के जनमानस ने ख़ुशी का इजहार कर उत्कंठ मन से उनकी इस पहल का स्वागत किया ।
हिमालयन डिस्कवर से बातचीत में एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए कहा कि मसूरी के आम जनमानस ने प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इगास-बग्वाल पर अवकाश की घोषणा के बाद अपने लोक त्यौहार व लोक परम्पराओं के प्रति रुझान बढ़ा है व उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि इगास लोकपर्व को इस बार मसूरी में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे समाज के लिए गौरव की बात है क़ि हम रिवर्स माइग्रेशन के साथ साथ अपनी उन लोकपरंपराओं को भी अंगीकार कर रहे हैं जो हमारे लोकसमाज व लोकसंस्कृति के ताने बानों में रची बसी हैं। इसलिए हमें इस बात पर गौरवान्वित होना चाहिए कि हम हमेशा अपनी संस्कृति व संस्कारों के साथ अपने ऐतिहासिक महत्व के लोकपर्वों का भी आदर करें।
शैलेंद्र नेगी ने इगास लोकपर्व पर जानकारी देते हुये कहा क़ि गढ़ नरेश महिपत शाह के राजकाल में (सन 1627-28 व 1635) दो बार व राजा प्रदीप शाह के राजकाज में (1653) एक बार हमारी सेना ने तिब्बत फ़तह की जिसकी अगुवाई सेनानायक माधौ सिंह भंडारी व सेनापति वीर भड लोदी रिखोला ने की। विजयी घोष के बाद सेना को एक साल ही तिब्बत में गुजरना पड़ा इसलिए साल भर के बारह बग्वाल व सोलह श्राद्ध निकल गए लेकिन दीपावली के ग्यारहवें दिन जब सेना वापस लौटी तब एकादशी का दिन था व विजय जुलूस निकाला गया। तब से इसी विजयी के प्रकाश पुंज के रूप में भैलो खेले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि मसूरी में इगास के भैलो कार्यक्रम में दो दल होंगे । एक दल किताब घर से ढोल, दमाऊ रणसिंघा और मसकबीन के साथ नाचते और गाते भैलो खेलते हुए मॉल रोड होते हुए शहीद स्थल पहुंचेगा। दूसरा दल पिक्चर पैलेस से ढोल, दमाऊ, रणसिंघा और मसक बीन के साथ नाचते गाते एवं भैलो खेलते हुए मॉल रोड होते हुए शहीद स्थल तक पहुंचेगा। शहीद स्थल में दोनों दलों का मिलन होगा तथा संयुक्त रूप से भैलो खेला जाएगा।
शहीद स्थल में दोनों दलों के बीच बर्त (रस्साकसी) का मनोरंजक खेल भी होगा। जिसमें एक बार महिलाओं का तथा दूसरी बार केवल पुरुषों का खेल होगा।इसके पश्चात दोनों दल गांधी चौक की ओर जाएंगे और गांधी चौक में बोनफायर के साथ भैलो, लोक संगीत तथा लोक नृत्य का आयोजन किया जाएगा । इसी स्थान पर महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लोक पकवान एवं भोज के स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें भुगतान के आधार पर सस्ती दरों पर सभी उपस्थित व्यक्तियों को पहाड़ी भोज एवं पकवान उपलब्ध होगा।
एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने जानकारी देते हुये कहा क़ि कार्यक्रम अपराहन 6:00 बजे से अपराहन 9:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने मसूरी के जनमानस से अनुरोध किया है कि इगास लोकपर्व पर हम अपने पहाड़ी लोक पहनावे में शिरकत करेंगे तो ज़्यादा उचित रहेगा इससे हमारी लोकपरम्पराएँ पर्यटकों के माध्यम से देश विदेश तक पहुँचेंगी।
बहरहाल राज्यसभा सांसद व भाजपा के केंद्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी द्वारा चलाई गई इस मुहिम पर एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी का कहना है कि उस हर पहल का स्वागत होना चाहिए जो राज्य व देशहित के साथ-साथ लोक समाज व लोकसँस्कृति से जुड़ी हुई हो। मैं भी उनकी इस पहल का एक अधिकारी के तौर पर नहीं बल्कि एक आम नागरिक के तौर पर स्वागत करता हूँ क्योंकि यह लोकहित व संस्कृति का लोकपर्व है।