Wednesday, October 16, 2024
Homeलोक कला-संस्कृति10 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे चार धाम।

10 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे चार धाम।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 (हि. डिस्कवर)

◆ 10 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे चारधाम।

◆  25 मई तक श्री बदरीनाथ धाम पौने चार लाख, केदारनाथ साढे तीन लाख से अधिक, गंगोत्री दो लाख, यमुनोत्री पहुंचे डेढ़ लाख श्री हेमकुंट साहिब पहुंचे 10 हजार श्रद्धालु।

◆ चार धाम यात्रा सुचारू चल रही‌ मौसम सामान्य।

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है।दस लाख से अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड चारधाम पहुंच गये हैं। 25 मई तक 10 लाख 26 हज़ार से अधिक श्रद्धालु चारधाम पहुंच गये है। आज यह आंकड़ा साढ़े दस लाख पहुंच जायेगा। चारो धामों में यात्रा सुचारू है तथा मौसम सामान्य है। जारी आंकड़ों के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 25 मई शाम तक 340954 तीर्थयात्री धाम पहुंच गये। श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 25 मई शायं तक 335134 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंच गये।
इसमें हेलीकॉप्टर से पहुंचे 33445 तीर्थयात्री भी शामिल हैं।

श्री गंगोत्री धाम कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 25 मई तक 200351 तथा श्री यमुनोत्री धाम कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 25 मई तक 149596 तीर्थयात्री यमुनोत्री पहुंच गये है।

25 मई तक श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचनेवाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग- 676088 है ।
25मई तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 349947रही।‌ 25 मई रात्रि तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 1026035 (दस लाख छब्बीस हजार पेंतीस ) है। कपाट खुलने की तिथि 22 मई से 25 मई तक श्री गुरूद्वारा हेमकुंट साहिब एवं लोकपाल तीर्थ पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 10240 रही है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि चारधाम तीर्थयात्रियों के आंकड़े श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति/संबंधित जिला पुलिस- प्रशासन/यात्रा प्रशासन/ आपदा प्रबंधन के सहयोग से जारी किये गये है।

Himalayan Discover
Himalayan Discoverhttps://himalayandiscover.com
35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
RELATED ARTICLES