Monday, February 10, 2025
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40 बर्षों से कोटद्वार में आतंक का पर्याय बने मेहरू उर्फ़ मेहरबान की मौत ! भाई ने जताई हत्या की आशंका..

कोटद्वार (हि. डिस्कवर)

17 बर्षों की जेल की सजा काटने के बाद शुकून से जी रहा मेहरू उर्फ़ मेहरबान सिंह की विगत दिन अचानक मौत हो जाने पर उसके भाई प्रमोद सिंह ने मेहरू की हत्या की आशंका जताई है । जिसके चलते पुलिस द्वारा ऐतिहातन मेहरू की लाश का पोस्टमार्टम करवा है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मेहरू की मौत  स्वाभाविक हुई या उसे मारा गया, इसका राज खुल सकता है. वहीं दूसरी ओर मोहन सिंह ने अपने भाई मेहरबान की मौत के लिए उसकी पत्नी, बेटे व रिंकू नाम के व्यक्ति को दोषी ठहराया है ।

(मेहरबान सिंह  रावत उर्फ़ मेहरू)

ज्ञात हो कि 17 साल बाद जेल से छूटकर 3 महीने पूर्व ही मेहरबान उर्फ़ मेहरू अपने घर लौटा था। अस्सी के दशक से खौफ का पर्याय रहे व हाल ही में जेल से रिहा हुए हिस्ट्रीशीटर मेहरबान सिंह उर्फ मेहरू की रविवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मेहरबान सिंह के भाई ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस जांच की मांग की है। उधर, पुलिस भी पूरे मामले की जांच में जुट गई है। हालांकि, अभी तक मामले में तहरीर दर्ज नहीं हुई है। सोमवार रात तक पोस्टमार्टम व पंचनामे की कार्रवाई चल रही है।

मेहरू का भाई  प्रमोद रावत 

दूसरी ओर मेहरबान सिंह के भाई प्रमोद सिंह ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि मेहरबान सिंह शनिवार शाम तक बिल्कुल स्वस्थ लग रहे थे। घूम रहे थे। अचानक से हुई उनकी मौत कई सवाल खड़े कर रही है। रविवार रात करीब एक बजे उन्हें सूचना मिली कि मेहरबान सिंह की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि मेहरबान के मुंह व नाक में सफेद पाउडर लगा हुआ था। मोहन सिंह ने मेहरबान की पत्नी व दो अन्य व्यक्तियों पर शक जाहिर किया। वहीं यह भी समझा जा रहा है कि कहीं मेहरबान ने कोकीन ज्यादा इस्तेमाल न किया हो जिससे उनकी मौत हो गई ।

मेहरू के भाई प्रमोद सिंह ने मेहरबान सिंह की पत्नी पर पोस्टमार्टम नहीं करने की दलील पर भी शक जताते हुए कहा है कि कहीं न कहीं यूँ अचानक हुई मेहरू की मौत किसी षड्यंत्र का हिस्सा न हो ।

इस बीच, सोमवार को मेहरबान सिंह की मौत खबर सुनते ही कई लोग उनके आवास पहुंचे और फिर उनके शव के साथ बेस अस्पताल कोटद्वार भी आए। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह उन्हें सूचना मिली कि नींबूचौड़ निवासी मेहरबान सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मेहरबान सिंह के भाई मोहन सिंह ने हत्या की जताई आशंका

ज्ञात हो कि 1983 में मवाकोट में अपने ही साथी पीताम्बर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगतने के बाद मेहरू 3 महीने पहले ही जेल से छूटा था। हाईकोर्ट के 2005 के निर्णय के बाद मेहरू 17 साल तक जेल में रहा।

40 बर्षों तक कोटद्वार भावर क्षेत्र ही नहीं बल्कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक आतंक का पर्याय रहा मेहरू जिस दरिंदगी  के साथ हत्या करता था उसे देखने  वालों की रूह काँप  जाती थी। वह लाश  टुकड़ों में विभक्त करता था, कहीं हाथ कटा मिलता था तो कहीं पाँव..! एक समय ऐसा भी था कि मेहरू के भय से भावर क्षेत्र में जाने  से भी लोग डरते थे। शांय 6 बजे बाद सूखरो पार  करना किसी महाभारत से कम न था ।

मेहरू कई हत्याओं व अन्य आपराधिक मामलों में भी निरुद्ध रहा। मेहरू का आतंक का सामराज्य 40 साल से अधिक तक चला। मेहरू पर भी कई बार जानलेवा हमले हुए लेकिन वो हर बार बच जाया करता था, उसके साथी बारी बारी से उसकी छत्त में पहरेदारी दिया करते थे। यदि पहरेदारी  के समय कोई सोता हुआ मिलता था तो मेहरू उसकी बहुत बेहरहमी से पिटाई  कर देता था। अब जबकि 17 साल बाद जेल दे छूटने के बाद विगत अप्रैल माह में घर लौटा शांति से जिंदगी बसर कर रहे मेहरबान की संदिग्ध मौत ने कोटद्वार इलाके में एक बार फिर हलचल मचा दी है ।

21 साल की उम्र से ही अपराध की दुनिया में कदम रखने  वाले निम्बूचौड़ कोटद्वार निवासी मेहरबान सिंह रावत उर्फ मेहरू उम्र 62 वर्ष की अपने ही घर पर विगत रविवार रात 1.30 बजे संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। मेहरबान सिंह को कोर्ट में गवाह की हत्या करने के आरोप में 20 साल की सजा हुई थी। लेकिन अच्छे आचरण के चलते उसे 3 साल पहले ही रिहा कर दिया गया था ।

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35 बर्षों से पत्रकारिता के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक, पर्यटन, धर्म-संस्कृति सहित तमाम उन मुद्दों को बेबाकी से उठाना जो विश्व भर में लोक समाज, लोक संस्कृति व आम जनमानस के लिए लाभप्रद हो व हर उस सकारात्मक पहलु की बात करना जो सर्व जन सुखाय: सर्व जन हिताय हो.
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