* विचार एक नई सोच सामाजिक संगठन ने किया कार्यक्रम का आयोजन।
* विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी बोली पहाड़ों में भी सेवा दें डाक्टर।
* पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी बोले, चिकित्सा स्टाफ का भी है बड़ा योगदान.
* रामटेक पीठाधीश्वर स्वामी अजय भैया ने कहा सकारात्मक कार्यों में लगानी चाहिए अपनी ऊर्जा।
देहरादून (हि. डिस्कवर)।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने डाक्टरों से अपील की है कि वह अपने जीवनकाल का कुछ समय पहाड़ में भी दें। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की कमी है और ऐसे में यदि हर डाक्टर कुछ समय पर्वतीय क्षेत्रों में भी दे तो इस समस्या का समाधान हो सकता है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने नेशनल डाक्टर्स डे पर 24 डाक्टरों का सम्मान किया। इस कार्यक्रम का आयोजन विचार एक नई सोच सामाजिक संगठन ने किया था।
सहारनपुर चौक के निकट होटल ऐल्यसी में आयोजित इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग ले रही ऋतु खंडूड़ी ने सभी डाक्टरों को डाक्टर्स डे की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि डाक्टर का दर्जा ईश्वर के बाद सबसे बड़ा है। उन्होंने कहा की चिकित्सकों का योगदान हमारे समाज के लिए अविस्मरणीय है। वे हमारी सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन लगा देते हैं और हमारे स्वास्थ्य और कल्याण की देखभाल करने के लिए निर्णायक भूमिका निभाते हैं। उनका कार्य अत्यंत गर्व का विषय है, क्योंकि वे रोगियों के अच्छे स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए अपनी सबसे अच्छी क्षमता, ज्ञान और संकल्प से काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि सेवा का यह पेशा डाक्टरों ने अपनी मर्जी से चुना है तो उन्हें गरीब और दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों की सुध भी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि हर डाक्टर दो, पांच या दस साल पहाड़ों में भी सेवा दें। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र में सेवा दे रहे युवा डाक्टरों की सराहना की।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी और पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया।
इस मौके पर पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि यह दिवस चिकित्सकों के लिए ही नहीं है, बल्कि इसमें शामिल सभी चिकित्सा कर्मियों के लिए है, जैसे कि नर्सिंग स्टाफ, अपॉइंटमेंट लेने वाले कर्मचारी, पैरामेडिकल कर्मचारी और सभी वैज्ञानिक और ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मचारी जो स्वास्थ्य सेवाओं के प्रदान में समर्पित हैं। सभी इन सेवा प्रदाताओं ने अपनी प्रतिभा, सामर्थ्य और समर्पण के माध्यम से जीवनों को बचाने और मजबूत बनाने के लिए अदम्य प्रयास किए हैं।
रामटेक पीठाधीश्वर के स्वामी अजय भैया ने कहा कि अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्यों में लगानी चाहिए। उन्होंने उन्होंने एक गौरया और कौअे की कहानी सुनाकर उदाहरण दिया कि इतिहास उन्हीं लोगों को याद रखता है जो समाज में सकारात्मक कार्य करते हैं।
विचार एक नई सोच सामाजिक संगठन के संरक्षक एसडी जोशी ने संस्था की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह संगठन स्वास्थ्य क्षेत्र में विगत 10 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहा है। यह संगठन सीमांत गांवों में लंबे समय से निःशुल्क मेडिकल हैल्थ कैंप का आयोजन करता आ रहा है और साथ में दवाएं और विभिन्न जरूरी जांचे भी निशुल्क उपलब्ध कराता है।
संगठन के संरक्षक मनोज इष्टवाल ने कहा कि संगठन जनहित के कार्यों में जुटा रहेगा। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में संगठन की गतिविधियों का दायरा बढ़ाया जाएगा। मंच का संचालन संगठन के सचिव राकेश बिजलवाण ने किया।
समारोह में हंस कल्चरल सोसाइटी के कलाकारों ने सरस्वती वंदना और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष अरुण चमोली, संरक्षक विनोद रावत, जय प्रकाश अमोला, कोषाध्यक्ष अमित अमोली, रमन जायसवाल, जगमोहन मौर्य, गुणांनद जख़मोला, शिवराज राणा, मुकेश कुकरेती, अरुण पांडेय, दीपक जुगराण, एस सती, हिमानी रावत, अक्षय रावत, मोहन पुरोहित, सोनू के साथ ही महंत रवि शास्त्री आदि मौजूद रहे।
इन 24 डाक्टरों को किया गया सम्मानित-
1- डॉ. एसडी सकलानी 2- डॉ. एम के चक्रवर्ती3 – डॉ गोविंद पुजारी
4- डॉ रुचिका गर्ग 5- डॉ विवेक श्रीवास्तव 6- डॉ मोहित कुमार
7- डॉ आलोक जैन 8- डॉ पीयूष त्रिपाठी 9- डॉ संजीव कटारिया
10- डॉ के आर साउन 11- डॉ परमार्थ जोशी 12– डॉ लोकेश शलूजा
13- डॉ एच के यादव 14- डॉ उदय बलूनी 15- डॉ प्रियंका गेरोला
16- डॉ चिराग बहुगुणा 17- डॉ सोनाली शाही 18- डॉ रचित गर्ग
19- डॉ मारिशा पंवार 20- डॉ ऐश्वर्या हटवाल 21- डॉ अंकित पाराशर
22- डॉ अक्षत मित्तल 23- डॉ दिगपाल दत्त 24- डॉ मोहित कुमार