पौड़ी गढ़वाल (हि. डिस्कवर)
पंचायत चुनाव में एक बार फिर पूर्व प्रमुख व प्रमुख संगठन के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राणा का जादू चला है। द्यूसा क्षेत्र पंचायत से श्रीमती बीना राणा की निर्विरोध जीत दर्ज करने के साथ-साथ द्वारीखाल और कल्जीखाल ब्लॉकों में अपनी टीम को प्रमुख, ज्येष्ठ उप प्रमुख और कनिष्ठ उप प्रमुख पदों पर विजयी बनाकर राणा जी ने साबित कर दिया—यह मैदान उनका है।
पंचायत निर्वाचन के नतीजों ने साफ कर दिया है कि निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख महेन्द्र सिंह राणा का राजनीतिक वर्चस्व द्वारीखाल और कल्जीखाल दोनों ब्लॉकों में अटूट है।
द्वारीखाल ब्लॉक में महेंद्र राणा ने न सिर्फ अपनी धर्मपत्नी बीना राणा को निर्विरोध क्षेत्र पंचायत सदस्य बनवाकर प्रमुख पद पर विजयी दिलाया, बल्कि ज्येष्ठ उप प्रमुख पद पर नीलम नैथानी और कनिष्ठ उप प्रमुख पद पर कौशल्या देवी को भी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
कल्जीखाल ब्लॉक में भी महेंद्र राणा का ‘मास्टर स्ट्रोक’ चला और प्रमुख पद पर गीता देवी, ज्येष्ठ उप प्रमुख पद पर संजय पटवाल तथा कनिष्ठ उप प्रमुख पद पर दीपक असवाल को विजयश्री दिलाई।
जहाँ एक ओर सभी राजनीतिक दिग्गजों का मानना था कि उनकी विपक्षी टीम एक जुट होकर न महेंद्र राणा को जिला पंचायत बनने देंगे व न ही उनकी धर्मपत्नी बीना राणा को द्वारीखाल प्रमुख बनने देंगे। और तो और सबने यह मान लिया था कि इस बार कल्जीखाल विकास खंड से महेंद्र राणा की टीम को साम दाम, दंड, भेद से बुरी तरह मात देंगे और अपना प्रमुख बनायेंगे लेकिन महेंद्र राणा का राजनीतिक किला विपक्षी भेद नहीं पाए।
यह राणा की कुशल रणनीति, कूटनीति व राजनीति के कारण ही हो पाया कि उन्होंने द्वारीखाल व कल्जीखाल विकास खंड में अपना जलवा कायम रखा है। यह अलग बात है कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर महिला आरक्षण के चलते वह स्वयं अध्यक्ष नहीं बन पाए वरना सूत्रों का मानना है कि यह सीट सामान्य होती तो इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष महेंद्र सिंह राणा को बनने से कोई नहीं रोक पाता।
ज्ञात हो कि महेंद्र राणा की रणनीति और नेतृत्व का ही परिणाम है कि 09 कुल्हाड़ जिला पंचायत सीट पर खुद की जीत के साथ-साथ दोनों ब्लॉकों में अपनी टीम को पूर्ण बहुमत से विजयी बनाया।
श्रीमती बीना राणा के प्रमुख पद पर निर्वाचित होते ही द्वारीखाल में माहौल जश्न में बदल गया। समर्थकों ने फूल-मालाओं, वाद्य यंत्रों और चेलूसैंण बाजार में रोड शो के साथ जीत का जश्न मनाया। वहीं, कल्जीखाल में गीता देवी की जीत के बाद कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया और राणा के आगमन पर प्रमुख, उप प्रमुखों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उनका सम्मान किया।
अपने संबोधन में गीता देवी ने कहा—”हमारी पूरी टीम की जीत का श्रेय महेन्द्र राणा जी को जाता है। उन्हीं की दूरदर्शी सोच और मेहनत से हम आज इस पद पर हैं। हम हृदय से उनका धन्यवाद करते हैं।”
इन चुनावी नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि महेन्द्र सिंह राणा सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक मजबूत संगठन, विजयी रणनीति और जनसेवा का प्रतीक हैं।